सूडान में हिंसा के क्या कारण है?
जो भारतीय जहां है वहीं पर सुरक्षित रहे क्योंकि शहर में कहीं आना जाना खतरे से खाली नहीं है।
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
सूडान की राजधानी खार्तूम और देश के अन्य इलाक़ों में शुरू हुआ ताज़ा संघर्ष, सेना और वहां के अर्धसैनिक बल के बीच के बुरे शक्ति संघर्ष का नतीज़ा है.पिछले तीन दिनों से जारी ताज़ा संघर्ष में सूडान के अर्धसैनिक बल ‘रैपिड सपोर्ट फ़ोर्स’ यानी आरएसएफ और वहां की सेना आमने-सामने हैं. राजधानी खार्तूम में रणनीतिक लिहाज से अहम लगभग सभी जगहों पर झडपें हो रही हैं.दूतावास ने ट्वीट कर लोगों से अत्यधिक सावधानी बरतने, घर के अंदर रहने और तत्काल प्रभाव से घर से बाहर न निकलने के लिए कहा है.
दोनों पक्षों ने सूडान की राजधानी खार्तूम के अलग-अलग हिस्सों पर नियंत्रण स्थापित करने का दावा किया है.इस संघर्ष में अब तक 100 नागरिकों के मरने और क़रीब 1,100 के घायल होने का अनुमान है. ताजा जानकारी के मुताबिक़, ये संघर्ष अब देश के अलग-अलग इलाकों में फैल रहा है.
सूडान की राजधानी खार्तूम में शनिवार को सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच हुई गोलीबारी और विस्फोट के बाद हालात मुश्किल हो गए हैं.सेना और अर्धसैनिक बल के बीच ये तनाव कई सालों से चल रहा है.समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक शहर के बीच स्थित सेना मुख्यालय के आसपास गोलियों की आवाज़ सुनी गई है.गोलीबारी और झड़पों को देखते हुए सूडान में भारतीय दूतावास ने सूडान में रह रहे सभी भारतीयों को घर के अंदर रहने की सलाह दी है.
पूर्वी अफ़्रीका के सबसे बड़े देश सूडान में पिछले हफ़्ते मची उथल पुथल के दौरान अबतक क़रीब 180 लोग मारे गए और 1,100 लोग घायल हुए हैं.
कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के अनुसार, सूडान के अर्धसैनिक बल ‘रैपिड सपोर्ट फ़ोर्स’ यानी आरएसएफ़ और वहां की सेना के बीच लड़ाई के चलते ये मौतें हुई हैं. दोनों पक्षों के बीच अधिकांश हमले राजधानी खार्तूम में हुए हैं.जबसे अप्रैल 2019 में ओमर अल बशीर की सरकार गिरी है तबसे सूडान में स्थिरता नहीं आ पाई है और ताज़ा संघर्ष के पीछे कई घटनाओं, तनावों और राजनीतिक संघर्षों की एक लंबी शृंखला है.
हिंसा के ताज़ा दौर के पीछे दो मुख्य सैन्य नेताओं के बीच संवाद की कमी है जिन पर देश में नागरिक सरकार की बहाली की ज़िम्मेदारी हैः आरएसएफ़ प्रमुख मोहम्मद हमदान दगालो जिन्हें हेमेदती के नाम से भी जाना जाता है और सेना प्रमुख जनरल अब्देल फतेह अल बुरहान.
लेकिन इस संघर्ष के कई कारणों में सबसे बड़ा कारण ‘सोना’ है. पूरे अफ़्रीकी महाद्वीप में सबसे बड़ा सोने का भंडार सूडान में है.सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सिर्फ 2022 में ही सूडान ने 41.8 टन सोने के निर्यात से क़रीब 2.5 अरब डॉलर की कमाई की थी.
देश के सबसे मुनाफ़े वाली सोने की खदानों पर हेमेदती और आरएसएफ़ मिलीशिया का कब्ज़ा है, जो अपनी गतिविधियों को चलाने के लिए इस क़ीमती धातु को केवल ख़ार्तूम सरकार को ही नहीं बल्कि पड़ोसी मुल्कों को भी बेचते हैं.
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