सर्जिकल और एअर स्ट्राइक से अब तक कई संभल नहीं पाये है,क्यों?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

देश पर दशकों तक शासन करने वाली पार्टी कांग्रेस को पता है कि देश की रक्षा-सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए लेकिन कांग्रेस है कि मानती नहीं। सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक को फर्जी बता कर कांग्रेस नेता तमाम अवसरों पर सेना के शौर्य पर सवाल उठाते रहे हैं। अब कांग्रेस के नेता जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के एक साक्षात्कार में कही गयी बात पर विश्वास करते हुए पुलवामा हमले के लिए मोदी सरकार को दोषी ठहरा रहे हैं।

हम आपको याद दिला दें कि कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान एक पूर्व सेना अधिकारी के दावों के हवाले से सर्जिकल स्ट्राइक को संदिग्ध बनाने का प्रयास किया था और अब सत्यपाल मलिक के हवाले से वह पुलवामा हमले को संदिग्ध बनाने का प्रयास कर रही है।

यहां कांग्रेस से कुछ सवाल हैं- जब भी चीन और पाकिस्तान से जुड़ा मुद्दा होता है तब कांग्रेस देश के साथ क्यों खड़ी नजर नहीं आती? इसके अलावा क्या पुलवामा हमले को लेकर कांग्रेस के आरोप एक तरह से पाकिस्तान को क्लीन चिट देना नहीं है? क्योंकि पाकिस्तानी मीडिया कांग्रेस नेताओं के बयानों को चौबीसों घंटे दिखा रहा है। सर्जिकल और एयर स्ट्राइक से पाकिस्तान तो कुछ दिनों बाद संभल गया था मगर शायद कांग्रेस अब तक नहीं संभल पाई है।

यही नहीं, जो कांग्रेस नेता वर्तमान सरकार की आतंकवाद से निबटने संबंधी नीति पर सवाल उठा रहे हैं और पुलवामा में सैनिकों की दुखद मौत के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं उन्हें बताना चाहिए कि जब उनके शासन में हमारे जवानों की गर्दन काट कर सीमा पार आतंकवादी भाग जाया करते थे तब क्या बदला लिया गया था? कांग्रेस को यह भी बताना चाहिए कि 26/11 के मुंबई हमले के बाद सेना को पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई करने से क्यों रोका गया था? कांग्रेस को बताना चाहिए कि क्यों उसके शासन में भीड़भाड़ वाले इलाकों में ही नहीं बल्कि आलीशान होटलों और अदालत परिसरों में भी श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोट होना आम बात थी?

कांग्रेस बताये कि क्यों उसके राज में पूर्वोत्तर उग्रवाद और कश्मीर आतंकवाद से जूझता रहता था और देश के कई दर्जन जिले माओवाद की समस्या से ग्रसित थे? कांग्रेस को समझना चाहिए कि वक्त बदल चुका है। भारत का स्पष्ट संदेश है कोई छेड़ेगा तो छोड़ेंगे नहीं। आपको याद ही होगा कि पुलवामा हमले के तुरंत बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा कर दिया था कि भारत तगड़ी जवाबी कार्रवाई कर सकता है।

भारत ने कार्रवाई की और ऐसी की कि दुश्मन देश के सेनाध्यक्ष के हाथ पैर कांप रहे थे। कांग्रेस के राज में हर जगह एक ही उद्घोषणा होती थी कि लावारिस वस्तु बम हो सकती है लेकिन उरी, पुलवामा, डोकलाम, गलवान और तवांग के बाद हर दुश्मन को यह स्पष्ट हो गया है कि भारत को आजमाने की कोशिश मत करना।

 

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