एनक्वास प्रमाणीकरण को लेकर अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी को किया जा रहा विकसित 

एनक्वास प्रमाणीकरण को लेकर अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी को किया जा रहा विकसित

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मिशन क्वालिटी के तहत चयनित अस्पताल में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध: सिविल सर्जन

एन्क्वास प्रमाणीकरण को लेकर दिया जा रहा है प्रशिक्षण: यूनिसेफ

लक्ष्य एवं कायाकल्प के बाद एन्क्वास की तैयारी शुरू: एमओआईसी

श्रीनारद मीडिया‚ पूर्णिया‚  पूर्णिया, (बिहार)


स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्वास) कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। ताकि बेहतर प्रदर्शन करने वाली सुविधाओं को पहचानने के साथ-साथ समुदाय के सार्वजनिक अस्पतालों की विश्वसनीयता में सुधार लाया जा सके। जिसको लेकर सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि
राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्वास) के मानदंडों के अनुरूप अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी को विकसित करने का काम किया जा रहा है। हालांकि राज्य स्तरीय टीम के द्वारा इस अस्पताल का चयन “मिशन क्वालिटी” के तहत किया गया है। स्थानीय स्तर के मरीज़ों को दी जाने वाली सुख सुविधाओं को शत प्रतिशत सुनिश्चित करने को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है ताकि आने वाले दिनों में प्रमाणीकरण कराया जा सके। इस अवसर पर जिला सलाहकार, गुणवत्ता यक़ीन पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार शर्मा, अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रिंस कुमार सुमन, अस्पताल प्रबंधक अभिषेक आनंद, यूनिसेफ के क्षेत्रीय सलाहकार शिव शेखर आनंद, स्थानीय स्तर के सभी विभागों के नोडल अधिकारी एवं सभी स्टाफ़ नर्स उपस्थित हुए।

लक्ष्य एवं कायाकल्प के बाद एन्क्वास की तैयारी शुरू: एमओआईसी
अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रिंस कुमार सुमन ने बताया कि वर्ष 2020 से लगातार प्रत्येक वर्ष लक्ष्य प्रमाणीकरण होते आ रहा है। वर्ष 2022/23 में कायाकल्प कार्यक्रम के तहत भी प्रमाणीकरण हो चुका है। लेकिन अब एनक्वास को लेकर वृहत पैमाने पर तैयारियां शुरू कर दी गई है। जिसके तहत यूनिसेफ की ओर से प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। ताकि एन्क्वास को लेकर आने वाली टीम को किसी प्रकार से कोई शिकायत नहीं मिले। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों में मुख्य रूप से स्वच्छता (हाइजैनिक), बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, संक्रमण मुक्त प्रबंधन, मरीजों के साथ स्वास्थ्य कर्मियों का मित्रवत व्यवहार, दवा वितरण रखरखाव, दवा की उपलब्धता, अस्पताल परिसर के अंदर की सफाई एवं बाहरी साफ-सफाई सहित कई तरह की व्यवस्थाओं के आधार अंको का निर्धारण किया जाता है। जिसमें न्यूनतम 70 अंक से अधिक आने के बाद ही गुणवत्ता की कसौटी पर अस्पताल खरा माना जाता है।

 

एनक्वास प्रमाणीकरण को लेकर दिया जा रहा है प्रशिक्षण: यूनिसेफ
यूनिसेफ के क्षेत्रीय सलाहकार शिव शेखर आनंद ने बताया कि जिला अस्पताल के बदले अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी को मिशन 60 के तहत चयनित किया गया है। हालांकि इस अस्पताल में पहले की अपेक्षा काफ़ी बदलाव हुआ है। अस्पताल की ख़ासियत यह है कि लक्ष्य और कायाकल्प में बेहतर प्रदर्शन करने के बाद प्रमाणीकरण हो चुका है लेकिन अब एनक्वास को लेकर फोकस किया जा रहा है। जिसको लेकर चिकित्सा पदाधिकारियों एवं स्टाफ़ नर्स को प्रशिक्षित किया जा रहा है। ताकि एनक्वास के मानक पर खरा उतर बेहतर अंक लाया जा सके। जिससे अस्पतालों में ढेर सारी सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएगी।
अस्पतालों में जब सुविधाएं बढ़ेंगी तो लाज़िमी है कि मरीजों को अत्यधिक सुविधाएं मुहैया कराई जा सकती हैं। ताकि क्षेत्र के निवासियों को जिला मुख्यालय या कही और जगह इलाज कराने के लिए जाना नही पड़ेगा।

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