सच बोलने की मिली सजा-राहुल गाँधी

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मानहानि के मामले में दोषी ठहराए जाने और सांसद के रूप में अयोग्य घोषित किए जाने के हफ्तों बाद शनिवार को अपना आधिकारिक बंगला खाली कर दिया। जानकारी के मुताबिक, उनका सामान पहले ही उनके आधिकारिक आवास से उनकी मां सोनिया गांधी के घर 10 जनपथ में स्थानांतरित कर दिया गया है।

सरकारी बंगला खाली करने के बाद, राहुल गांधी ने कहा, ”हिंदुस्तान के लोगों ने मुझे 19 साल के लिए यह घर दिया, मैं उन्हें धन्यवाद देना चाहता हूं, लेकिन अब मुझसे घर छीन लिया गया। आजकल सच बोलने की कीमत चुकानी पड़ती है। मैं सच बोलने के लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हूं।”

क्या है पूरा मामला?

इससे पहले, राहुल गांधी को ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी मामले में सूरत की एक अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद वायनाड के सांसद के रूप में उनकी अयोग्यता के बाद 22 अप्रैल तक उन्हें आवंटित सरकारी बंगला खाली करने के लिए कहा गया था।

पीटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने 14 अप्रैल को अपने कार्यालय और कुछ निजी सामानों को बंगले से अपनी मां सोनिया गांधी के आधिकारिक आवास में स्थानांतरित कर दिया था।

पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि राहुल गांधी ने शुक्रवार शाम बंगले से अपने बचे हुए सामान को हटा दिया है। एक ट्रक को उनके सामान के साथ इमारत से बाहर निकलते देखा गया।

करीब दो दशक से राहुल गांधी बंगले में रह रहे हैं। पीटीआई सूत्रों ने कहा कि अपना कार्यालय बदलने के बाद, वह अपनी मां और कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ उनके 10, जनपथ स्थित आवास पर रहने लगे हैं।

सूरत की एक अदालत ने 23 मार्च को गांधी को एक आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराया और उन्हें दो साल की सजा सुनाई, जिससे उनकी अयोग्यता हो गई। उन्होंने सूरत की सत्र अदालत में मजिस्ट्रियल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी, जिसने सजा को रद्द करने की उनकी अपील को खारिज कर दिया था।उनकी अयोग्यता के एक दिन बाद, लोकसभा सचिवालय ने गांधी को 22 अप्रैल तक परिसर खाली करने का नोटिस भेजा।

राहुल गांधी ने शनिवार को तुगलक रोड लेन स्थित अपने सरकारी बंगले की चाबी लोकसभा सचिवालय को सौंप दी। राहुल ने बंगले का दरवाजा खुद लॉक किया, लोकसभा के स्टाफ को चाबी दी, हाथ मिलाया और मां और बहन प्रियंका के साथ सोनिया गांधी के सरकारी आवास 10 जनपथ के लिए निकल गए। वे अब यही रहेंगे।

बंगला छोड़ने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अमेठी से 2004 में सांसद चुने जाने के बाद 2005 में उन्हें यह बंगला मिला था। हिंदुस्तान की जनता ने 19 साल के लिए मुझे ये घर दिया। मैं उनको धन्यवाद देना चाहता हूं। मैंने सच बोलने की कीमत चुकाई है। मैं सच बोलने के लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हूं।

वहीं, प्रियंका गांधी ने कहा कि मेरे भाई ने जो भी कहा, वह एकदम सच है। उन्होंने सरकार की सच्चाई बताई, इसलिए उनके साथ ये सब हो रहा है। लेकिन वे बहुत हिम्मत वाले हैं, डरते नहीं है। हम नहीं डरेंगे और अपना संघर्ष जारी रखेंगे।

नई जगह की तलाश में हैं राहुल
सूत्रों का कहना है कि राहुल अपने ऑफिस के लिए नई जगह की तलाश में हैं। फिलहाल, वे अपनी मां सोनिया गांधी के साथ उनके घर पर रह रहे हैं। राहुल ने शुक्रवार को बंगले से ज्यादातर सामान खाली कर दिया था। कुछ साल पहले, प्रियंका गांधी को भी SPG सिक्योरिटी कवर हटने के बाद लोधी इस्टेट स्थित बंगले को खाली करना पड़ा था.

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