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uttarakhand char dham dham yatra 2023 PM Modi Kedarnath Samadhi Bhasmato by Chief Minister Pushkar Singh Dhami - श्रीनारद मीडिया

uttarakhand char dham dham yatra 2023 PM Modi Kedarnath Samadhi Bhasmato by Chief Minister Pushkar Singh Dhami

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उत्तराखंड चार धाम यात्रा 2023 के दूसरे चरण में केदारनाथ धाम के कपाट 22 अप्रैल को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। देश के कई राज्यों से तीर्थ यात्री धाम में दर्शन करने को पहुंच रहे हैं। धाम के कपाट खुलने पर एक खास चीज है, जो बाबा के भक्तों को विशेषतौर से प्रिय है।

बाबा केदार के कपाट खुलने के मौके पर यदि केदारनाथ धाम से कुछ विशेष हासिल किया जा सकता है तो वह सिर्फ बाबा केदार की समाधि भस्म ही है। यह दिव्य प्रसाद भक्तों के कष्ट दूर करती ही है साथ ही उनकी मनोकामना भी पूर्ण करती है। भस्म को प्रसाद के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को देने उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं दिल्ली जाएंगे।

केदारनाथ के कपाट खुलने के मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से पहली पूजा हुई। इसलिए बदरी-केदार मंदिर समिति ने इस यात्रा में पहली पूजा कराने वाले यात्री पीएम मोदी को विशेष प्रसाद दिया है। केदारनाथ धाम पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी अपने साथ केदारनाथ से भगवान शिव की भस्म को साथ ले गए हैं, जिसे वह दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देने स्वयं जाएंगे।

बदरी-केदार मंदिर समिति के सीईओ योगेंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री केदारनाथ का विशेष प्रसाद भस्म और प्रसादी साथ ले गए हैं। बताया कि सीएम धामी भस्म को स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देने दिल्ली जाएंगे।   

क्या है समाधि भस्म: बाबा केदार छह महीने समाधि में लीन रहते हैं। केदारनाथ कपाट बंद होने के मौके पर भगवान शिव के स्वयंभू लिंग को समाधि पूजा के बाद ढक दिया जाता है। मंदिर के प्रधान पुजारी, संभालिया और भंडारी द्वारा केदारनाथ भगवान का घी से लेपन करते हैं और इसके बाद स्वयंभू लिंग को भस्म, कम्बल, फल, मेवा, गोवर, रुदाक्ष, बाघाम्बर, फल आदि से ढक दिया जाता है।

गर्भ गृह में 150 किलो निकलती है भस्म

केदारनाथ कपाट खुलने के मौके पर मंदिर के गर्भ गृह से करीब 150 किलो भस्म निकाली जाती है, जिसे बीकेटीसी अपने प्रसादी पैकेट में रखते हुए भक्तों को वितरित करती आ रही है। बीकेटीसी के वेदपाठी मृत्युंजय हीरेमठ ने बताया कि कपाट खुलने पर यह भस्म ही विशेष प्रसाद के रूप में भक्तों को बांटी जाती है। 

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