बागेश्वर बाबा का दिव्य दरबार और भक्त
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
…तो, भक्तों की भारी भीड़ के कारण आज का दिव्य दरबार कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा। बाबा ने घर से हीं हनुमत कथा सुनने की सलाह दी है….लेकिन भक्त मानेंगे, इसकी आशा कम हीं है। सनातन धर्म में तो भक्तों के आगे भगवान भी हंसते हुए झुक जाते हैं। एक अतिसाधारण, निरक्षर, निष्कपट केवट के सामने भगवान राम की भी एक न चली थी। यहीं भीड़ भारतराष्ट्र की असली ताकत है। इसी भीड़ के कारण सर्वधर्म समभाव है, भारत सेकुलर है, देश संविधान पर चल रहा है, संवैधानिक संस्था एवं बड़े-बड़े संवैधानिक-प्रशासनिक पदों की प्रतिष्ठा है, भारत में बहुलता है, विभिन्नता है, तर्क है, विग्यान है, अनीश्वरवादी हैं,अनात्मवादी हैं।
…. यहीं भीड़ भारत की आंतरिक सुरक्षा की गारंटी है..और बारही सुरक्षा ..की प्रेरणा भी।…
यहीं भीड़ यदि चुपचाप सड़कों पर निकल जाए तो …..राष्ट्र की सम्पत्ति जलाने एवं राष्ट्र को अराजक माहौल में ढकेलकर …देश की सत्ता को बंधक बनाने वाली ‘हिंसक भीड़’ का नामोनिशान नहीं रहेगा। भीड़तंत्र का माकूल जवाब यहीं भक्तों की भीड़ है, यही बिहारियों की भीड़ है जिनके हथियार उनकी संस्कृति, तुलसी का पौधा एवं रामचरितमानस है। बिहार ने कभी गांधी को सिखाया, आज राष्ट्र को सिखा रहा है।
आज …बागेश्वरधाम नहीं, बाला जी हनुमान भी नहीं….इस भीड़ को बारम्बार प्रणाम है। बाबा जी का निर्णय परिस्थिति के अनुकूल है। प्रत्येक भक्त का जीवन अनमोल है। व्यवस्था में लगे स्थानीय युवकों एवं प्रशासन को हनुमान जी बल, वुद्धि, विवेक से अभिशिक्त करें! जब भक्तों का प्रेम अपरंपार हो जाता है …तो स्वयं भगवान हीं भक्त का स्थान लेकर …भक्त को अपने पद पर बिठा देते हैं।
आज…नौबतपुर की व्यवस्था सम्हाल रहे ..हर बिहारी युवक में …’महावीर विक्रम बजरंगी’ का वास है।
यह भीड़..सुरक्षित रहे, स्वस्थ रहे तभी भारत है, तभी भारत एक है, तभी भारत श्रेष्ठ है।
धीरेंद्र शास्त्री की भक्तों से अपील
धीरेंद्र शास्त्री ने रविवार को लोगों से कहा कि आप लोगों से प्रार्थना है कि अब किसी को लेकर मत आएं. जो भी ट्रेन की टिकट कराकर पटना आ रहे हैं वह लौट जाएं. वापस हो जाएं. हालांकि कथा 17 मई तक चलती रहेगी.
कथा के दूसरे दिन रविवार को धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि अपार भीड़ हो गई है. पागल ही पागल आ गए हैं. लगभग दस लाख लोग आ गए हैं. हमें अंदेशा हो रहा है कि कई लोगों की सांस रुक जाएगी. मन में ऐसा लग रहा है. एक या दो लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. कथा वही है जिसमें दिक्कत न हो. बिहार के जितने लोग हैं वो घर से ही कथा सुनें. सोशल मीडिया के माध्यम से सुनें. कथा पंडाल में नहीं आना है. मैं आप सबका उपकार कभी नहीं भूलूंगा.
बाबा बागेश्वर ने रविवार (14 मई) को कथा के अंत में खुद ही कहा था कि गर्मी के कारण आज भी बहुत ज्यादा सफोकेशन हो रहा है. सांस लेने में दिक्कत हो रही है. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि रोड जाम हो गया है. तीनों पंडाल में लोगों की भीड़ जुटी है.
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