पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के एक और फैसले पर कोर्ट ने रोक लगा दी है. देश की शीर्ष अदालत ने पश्चिम बंगाल के तृणमूल कांग्रेस सरकार के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म के प्रदर्शन को प्रतिबंधित किया था. इसके साथ ही ‘द केरल स्टोरी’ के बंगाल के सिनेमा घरों में प्रदर्शन का रास्ता साफ हो गया. अब बंगाल के फिल्म प्रेमी भी इस फिल्म को देख सकेंगे.
तमिलनाडु सरकार ने कहा – ‘द केरल स्टोरी’ पर रोक नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को यह फैसला सुनाया. ‘द केरल स्टोरी’ से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान तमिलनाडु की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि प्रदेश में इस फिल्म पर किसी तरह की रोक नहीं लगी है. तमिलनाडु सरकार के वकील ने कोर्ट में कहा कि फिल्म की स्क्रीनिंग पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कोई बैन नहीं लगाया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा : सिनेमा हॉल को दें पर्याप्त सुरक्षा
सभी पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को फिल्म के प्रदर्शन के दौरान कोई बाधा उत्पन्न न हो, उसकी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये. देश की शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी सिनेमा घरों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया करायी जाये. इतना ही नहीं, सिनेमा देखने के लिए जाने वाले सिने प्रेमियों को कोई नुकसान न पहुंचे, यह भी सुनिश्चित किया जाये.
8 मई को ममता बनर्जी ने फिल्म के प्रदर्शन पर लगायी थी रोक
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 8 मई को एक आदेश पारित करके प्रदेश में ‘द केरल स्टोरी’ के प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी. तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा था कि यह विकृत कहानी है. यह फिल्म नफरत फैलाने वाला है. अगर इस फिल्म का प्रदर्शन होगा, तो लोगों में वैमनस्यता फैलेगी. बंगाल को हिंसा से बचाने के लिए वह इस फिल्म पर रोक लगा रही हैं.
तृणमूल सुप्रीमो ने भाजपा पर भी बोला था हमला
ममता बनर्जी ने कहा था कि एक एजेंडा के तहत ‘द केरल स्टोरी’ को रिलीज किया गया है. उन्होंने कहा कि इसके पहले ‘कश्मीर फाइल्स’ आयी. अब आने वाले दिनों में ‘बंगाल फाइल्स’ बनेगी. ममता बनर्जी ने केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर देश में नफरत फैलाने का आरोप भी लगाया था.
खंडपीठ ने कहा – देखना चाहेंगे ‘द केरल स्टोरी’
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि फिल्म को मिले प्रमाण-पत्र को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर निर्णय के लिए कार्यवाही से पहले वह ‘द केरल स्टोरी’ देखना चाहेगा. पीठ फिल्म को सीबीएफसी प्रमाणपत्र दिये जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जुलाई के दूसरे हफ्ते में सुनवाई करेगी.
पीठ ने कहा – खराब फिल्में बॉक्स ऑफिस पर नहीं चलतीं
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि फिल्म को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से प्रमाण-पत्र प्राप्त है और कानून-व्यवस्था बरकरार रखना प्रदेश सरकार का दायित्व है. पीठ ने कहा, ‘खराब फिल्में बॉक्स ऑफिस पर नहीं चलती हैं.’
निर्माता को डिस्क्लेमर लगाने का निर्देश
कोर्ट ने कहा, ‘कानून का इस्तेमाल सार्वजनिक असहिष्णुता को बढ़ावा देने के लिए नहीं किया जा सकता है, वरना सभी फिल्मों को लेकर ऐसी ही स्थिति पैदा होगी.’ पीठ में न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला भी शामिल हैं. न्यायालय ने ‘द केरल स्टोरी’ के निर्माता से 20 मई को शाम पांच बजे तक फिल्म में 32,000 महिलाओं के इस्लाम में धर्मांतरण के आरोपों पर ‘डिस्क्लेमर’ लगाने को कहा.