नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर दलों ने किया बहिष्कार,क्यों?
नए संसद पर संग्राम! किस बात से भड़का है विपक्ष
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
पीएम मोदी ने इशारों में विपक्षी दलों पर निशाना साधा है। बता दें कि कांग्रेस टीएमसी और आम आदमी पार्टी समेत 20 दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करने का एलान किया है।
विपक्ष पर पीएम मोदी का तंज
पालम एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया। इस दौरान उन्होंने इशारों-इशारों में विपक्ष पर तंज भी कसा। दरअसल, कई विपक्षी दलों ने संसद के नए भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार किया है।
कोरोना वैक्सीन को लेकर भी साधा निशाना
मोदी ने आगे कहा, संकट के समय उन्होंने पूछा कि मोदी दुनिया को वैक्सीन क्यों दे रहे हैं। याद रखिए, बुद्ध की धरती है, गांधी की धरती है। हम अपने दुश्मनों की भी परवाह करते हैं, हम करुणा से प्रेरित लोग हैं। हम ऐसे ही आगे बढ़ते हैं। अब चुनौती बड़ी है, लेकिन चुनौतियों को चुनौती देना मेरे स्वभाव में है।
देश की भलाई के लिए फैसले लिए
मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि इस यात्रा के दौरान जितना समय मेरे पास उपलब्ध था, उसका पल-पल मैंने देश की बात करने में, देश की भलाई के लिए निर्णय करने में अपना समय पूरी तरह से उपयोग किया। मैं आप से भी यही कहूंगा कि हिंदुस्तान की संस्कृति, महान परंपरा के बारे में बोलते हुए कभी भी गुलामी वाली मानसिकता में डूब मत जाना, हिम्मत के साथ बात कीजिए। जब मैं यह कहता हूं कि हमारे तीर्थ क्षेत्रों पर हमले स्वीकार नहीं हैं तो दुनिया भी मेरे साथ दिखती है।
नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण’
इस बीच, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को 19 विपक्षी दलों के, नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने के फैसले को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया और उनसे अपने रुख पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया. जोशी ने यहां पत्रकारों से चर्चा में कहा, ‘बहिष्कार करना और गैर-मुद्दे को मुद्दा बनाना सर्वाधिक दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं उनसे इस फैसले पर पुनर्विचार करने और समारोह में शामिल होने की अपील करता हूं.’ जोशी ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष संसद के संरक्षक हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री को संसद भवन का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया है.
विपक्षी दलों का तर्क है कि नए संसद भवन के उद्घाटन का सम्मान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को मिलना चाहिए क्योंकि राष्ट्रपति न केवल राष्ट्राध्यक्ष होते हैं, बल्कि वह संसद का अभिन्न अंग भी हैं क्योंकि वही संसद सत्र आहूत करते हैं, उसका अवसान करते हैं और साल के पहले सत्र के दौरान दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित भी करते हैं.
किन-किन दलों ने किया बहिष्कार का एलान?
कांग्रेस, टीएमसी, आम आदमी पार्टी, सपा, राजद, द्रमुक, जदयू, शिवसेना (यूबीटी), माकपा, भाकपा, एनसीपी, आईयूएमएल, झामुमो, केरल कांग्रेस (मणि), केएसपी, वीसीके, एमडीएमके, राष्ट्रीय लोकदल और आरएसपी, एआईयूडीएफ।
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