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UPSC 2023: देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा काफी प्रतिष्ठित मानी जाती है। इस परीक्षा को पास करने वाले अभ्यर्थी बड़े रैंक के अधिकारी, जिले में डीएम और कप्तान के पदों पर शुमार होते हैं। जिस तरह की पदवी इस परीक्षा को पास करने से मिलती है, उसका कठिन होना लाजमी है। यूपीएससी की परीक्षा कठिन सवाल पूछने के लिए विख्यात है। इस परीक्षा में ऐसे-ऐसे सवाल पूछे जाते हैं कि परीक्षार्थियों को इसकी हवा तक नहीं लगे। इस साल आयोजित यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में एक ऐसा सवाल पूछ लिया गया है, जिसे पढ़ने के बाद अभ्यर्थियों का सिर चकरा गया। यह सवाल अब चर्चा का विषय बना हुआ है।
वैसे तो यूपीएससी अपने पाठ्यक्रम के आधार पर ही सवालों को तैयार करता है लेकिन ये ऐसे सवाल होते हैं, जिन्हें पढ़ने के बाद ऐसा लगते हैं कि ये आउट ऑफ सिलेबस हैं। सिविस सेवा परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी करते समय में यूपीएससी इस बात का जिक्र करता है कि वह इतिहास, भूगोल, अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और पारिस्थितिकी, कृषि, विज्ञान और तकनीक के साथ-साथ समसामयिक घटनाक्रमों को लेकर सवाल पूछेगा। मगर 100 सवालों में यूपीएससी अभ्यर्थियों को ऐसे घुमा देता है कि 50 सवालों को सही करने और कट-ऑफ तक पास करना मुश्किल हो जाता है।
क्या था सवाल?
28 मई 2023 को हुई परीक्षा में तितलियों से जुड़ा एक सवाल यूपीएससी ने पूछ लिया था। सवाल था – निम्नलिखित में से कौन-सा जीव अपने सगे-संबंधियों को अपने खाद्य के स्रोत की दिशा और दूरी को इंगित करने के लिए दोलन नृत्य (वैगन डांस) करता है? बहु उत्तरीय इस प्रश्न के चार विकल्प दिए थे – ए) तितली, बी) व्याथ पतंग (ड्रैगनफ्लाई), सी) मधुमक्खी, डी) बर्र। जैसा कि पहले बताया जा चुका है कि ये सवाल तितली से जुड़ा है तो इसका उत्तर भी ए) तितली ही होगा। तितलियों के नृत्य करने से जुड़े इस सवाल को देख अभ्यर्थी बगले झांकते नजर आए। जाहिर है तितलियों से जुड़े इस सवाल को विज्ञान खंड से पूछा गया है। मगर सवाल के इस स्तर की कल्पना सिर्फ यूपीएससी की परीक्षा से ही की जा सकती है।
कितने अभ्यर्थियों ने लिया हिस्सा?
28 मई 2023 को, लगभग 13 लाख छात्र यूपीएससी प्रीलिम्स 2023 के लिए उपस्थित हुए, जो कुल 1255 रिक्तियों के लिए भारत भर के 79 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित किया गया था। इनमें से केवल 9000 से 10,000 छात्र कट ऑफ से ऊपर अंक प्राप्त करने में सक्षम होते हैं और मेन्स राउंड के लिए आगे बढ़ने के पात्र होते हैं। सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या हर साल बढ़ रही है, लेकिन कुल संख्या में से चुने गए उम्मीदवारों की संख्या लगभग स्थिर बनी हुई है। यह परीक्षा के कठिनाई स्तर का पता लगाता है, यही वजह है कि अधिक से अधिक उम्मीदवार इसे क्रैक नहीं कर पाते हैं।