Train Accident :रेल मंत्री का बालेश्वर से है पुराना नाता,कैसे?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारतीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को सर्विस काल से ही उनकी सेवा एवं समर्पण के लिए जाना जाता है। ओडिशा में 1999 में महाविनाशकारी सुपर साइक्लोन हो या फिर बालेश्वर में कलेक्टर रहने के दौरान दरवान तक ख्याल रखना हो, उनके सेवा एवं समर्पण को लोग आज तक याद करते हैं।

ऐसे ही कुछ पहलू का आज जिक्र करना उचित हो जा रहा है जब, भारतीय रेल इतिहास का सबसे बड़ा हादसा हो गया है और आज भी जिस तरह से उन्होंने मजदूरों के साथ रात-दिन एक कर सेवा कार्य में जुट गए और रेल सेवा बहाल होने के बाद ही वहां हिले। बालेश्वर से अश्विनी वैष्णव का पुराना नाता है और लोग उनके सेवा एवं समर्पण के लिए आज भी याद करते हैं।

बालेश्वर में एक मीटिंग चल रही थी, छुट्टी हुई सब खाना खाने चले गए। खाना खाने के बाद जब दुबारा मीटिंग के लिए सब वापस आए तो तत्कालीन कलेक्टर अश्विनी वैष्णव ने गार्ड से पूछा तुमने खाना खाया, गार्ड बोला मीटिंग के बाद खाऊंगा। इसके बाद उन्होंने मीटिंग हाल में सबसे कहा, मीटिंग पांच मिनट बाद होगी। सभी औचक रह गए क्या बात है। उन्होंने कहा कि गार्ड खाना खाकर लौट आता है, फिर मीटिंग करते हैं। डा. शर्मा ने कहा कि ऐसे कई हृदयस्पर्शी बातें हैं जो उन्हें महान बनाती है।

ओडिशा में 1999 में पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया था। तब अश्विनी वैष्णव बालेश्वर जिले के जिलाधीश थे और बालेश्वर जिला भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ था। हालांकि बालेश्वर के कलेक्टर रहते हुए उन्होंने तकनीकी का प्रयोग कर लोगों की जान बचाने के साथ ही राहत एवं बचाव कार्य में जमीन पर उतरकर लोगों की मदद की थी, जिसे आज भी लोग याद करते हैं।

आज रेल हादसे के बाद उनके सेवा, समर्पण की वही झलक देखने को मिली है।हादसे के बाद से ही रेल मंत्री ने जिस प्रकार से रेल कर्मियों के साथ मैदान पर डटकर उनका हौसला बढ़ाया और दुर्घटना के 52 घंटे के अंदर रेल सेवा को बहाल करवा दी और रेल सेवा बहाल करने के बाद ही वह वहां से हिले।

सूत्रों ने बताया कि वह शाम को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सभी ज़ोनल रेलवे के महाप्रबंधकों से बात करेंगे। उन्होंने बताया कि बैठक में रेलवे नेटवर्क में ‘सिग्नल’ सुविधा तथा दूरसंचार पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ सुरक्षा अभ्यास (ड्रिल) पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

अश्विनी उन नेताओं में शुमार हैं, जो पहले आईएएस अधिकारी थे, लेकिन राजनीति में आने की उनकी कहानी थोड़ी-सी अलग है। दरअसल, आईएएस के बाद वह पहले उद्यमी बने। उसके बाद राज्यसभा सांसद और 2021 में कैबिनेट मंत्री बना दिए गए।

कौन हैं अश्विनी वैष्णव?
अश्विनी वैष्णव, वर्तमान में केंद्र की मोदी सरकार में रेल और सूचना प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार मंत्री हैं। वैष्णव का जन्म राजस्थान में साल 1970 में हुआ। वैष्णव ने 1991 में एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज (JNVU) जोधपुर से स्नातक किया और इलेक्ट्रॉनिक और संचार इंजीनियरिंग में स्वर्ण पदक हासिल किया।

उनके पास आईआईटी कानपुर से औद्योगिक प्रबंधन और इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री है। उन्होंने 1994 में ऑल इण्डिया 27 रैंक के साथ IAS की परीक्षा क्रैक की। वह 2008 में पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल से MBA करने के लिए अमेरिका गए।

1994 में, वैष्णव ओडिशा कैडर में भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए। इसके बाद उन्होंने बालासोर और कटक जिलों के जिला कलेक्टर के रूप में सेवाएं दीं। यह संयोग ही है जिस जिले में बतौर कलेक्टर वैष्णव ने काम किया था आज उसी बालासोर में एक भीषण ट्रेन हादसे की वजह से रेल मंत्री होने के नाते ग्राउंड जीरो पर मौजूद हैं।

वाजपेयी सरकार में भी दिखाई थी काबिलियत
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में अश्विनी वैष्णव ने बतौर उपसचिव काम किया। उस दौरान उन्होंने पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल को तैयार करने में विशेष योगदान दिया था। वहीं, जब वाजपेयी ने 2004 आम चुनाव में हार के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय छोड़ा तो अश्विनी वैष्णव ने उनके निजी सचिव की भूमिका निभाई।

सिविल सर्विस से ली थी ऐच्छिक सेवानिवृत्ति
अश्विनी वैष्णव ने सिविल सर्विस से ऐच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी। इसके बाद उन्होंने दक्षिण एशिया में जीई ट्रांसपोर्टेशन कंपनी में बतौर प्रबंधक निदेशक अपनी सेवाएं दीं। साथ ही, सीमेंस कंपनी के अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर स्ट्रैटजी विभाग के प्रमुख की भूमिका भी निभाई।
2017 के दौरान उन्होंने अन्य उद्यमियों के साथ मिलकर एक स्टार्टअप शुरू किया। इसके तहत ओडिशा में आयरन ऑक्साइड पेलेट बनाने वाली एक कंपनी का अधिग्रहण किया।
कैबिनेट विस्तार में मिली रेल मंत्री की अहम जिम्मेदारी 
सात जुलाई 2021 को केंद्र की मोदी सरकार में 15 नए कैबिनेट मंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट विस्तार में अश्विनी वैष्णव को रेल और सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी। उन्होंने 8 जुलाई, 2021 को कार्यभार संभाला।

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