अनिवासी भारतीयों के लिये इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित डाक मतपत्र प्रणाली क्या है?

अनिवासी भारतीयों के लिये इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित डाक मतपत्र प्रणाली क्या है?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

मुख्य चुनाव आयुक्त ने अनिवासी भारतीयों (NRI) के लिये डाक मतदान की सुविधा की आवश्यकता पर बल दिया। यह अनिवासी भारतीयों के लिये इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित डाक मतपत्र (ETPB) हेतु चुनाव आयोग के प्रस्ताव पर प्रकाश डालता है, जिसे वर्तमान में सरकार की मंज़ूरी का इंतज़ार है।

  • इस पहल का उद्देश्य 1.34 करोड़ से अधिक प्रवासी भारतीयों को प्रौद्योगिकी-संचालित पद्धति का उपयोग करके चुनावों में भाग लेने की अनुमति देना है।

इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित डाक मतपत्र प्रणाली:

  • परिचय:
    • ETPBS एक ऐसी प्रणाली है जिसे उन व्यक्तियों के लिये दूरस्थ मतदान की सुविधा हेतु डिज़ाइन किया गया है जो किसी मतदान केंद्र पर व्यक्तिगत रूप से अपना वोट डालने में असमर्थ हैं।
      • ETPBS मतदाताओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप से अपने मतपत्र प्राप्त करने और वापस करने में सक्षम बनाने के लिये इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन तथा डाक सेवाओं के उपयोग को जोड़ता है।
  • सेवा मतदाताओं के लिये: इस प्रणाली के तहत पंजीकृत सेवा मतदाताओं को डाक मतपत्र इलेक्ट्रॉनिक रूप से भेजे जाते हैं।
    • इसके बाद सेवा मतदाता ETPB (एक घोषणा पत्र और कवर के साथ) डाउनलोड कर सकता है, मतपत्र पर अपना जनादेश दर्ज कर सकता है और इसे साधारण डाक के माध्यम से निर्वाचन क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर को भेज सकता है।
    • पोस्ट में एक प्रमाणित घोषणा पत्र शामिल होगा (जिसे एक नियुक्त वरिष्ठ अधिकारी की उपस्थिति में मतदाता द्वारा हस्ताक्षर करने के बाद प्रमाणित किया जाएगा)।
    • सेवा मतदाताओं को ETPBS का उपयोग करने की अनुमति देने के लिये चुनाव संचालन नियम, 1961 को वर्ष 2016 में संशोधित किया गया था।

NRI के लिये ETPB से संबंधित चुनाव आयोग का प्रस्ताव:

  • निर्वाचन आयोग (EC) ने वर्ष 2015 में विदेशी मतदाताओं तक ETPB की सुविधा का विस्तार करने के लिये जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 60 में संशोधन का प्रस्ताव पेश किया था।
    • बाद में वर्ष 2020 में निर्वाचन आयोग ने कानून मंत्रालय को लिखित रूप से सूचित किया कि वह इस प्रस्ताव को लागू करने के लिये तकनीकी और प्रशासनिक रूप से तैयार है।
  • निर्वाचन आयोग ने सुझाव दिया कि NRI के लिये ETPBS का उपयोग कुछ संशोधनों के साथ किया जा सकता है, जैसे कि उन्हें अपने मतपत्र ऑनलाइन डाउनलोड करने और उन्हें एक निर्दिष्ट समय-सीमा के भीतर डाक अथवा कूरियर द्वारा भेजने की अनुमति देना।
    • निर्वाचन आयोग ने यह भी सुझाव दिया है कि अनिवासी भारतीयों (NRI) को भारत में एक प्रॉक्सी मतदाता नियुक्त करने की अनुमति दी जा सकती है, जो उनकी पहचान और सहमति की पुष्टि करने के बाद उनकी ओर से मतदान कर सकते हैं।
  • निर्वाचन आयोग ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि NRI को विदेशों में निर्दिष्ट मतदान केंद्रों पर मतदान करने का विकल्प दिया जा सकता है, जहाँ वे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन अथवा पेपर बैलेट का उपयोग कर मतदान सकते हैं।
  • हालाँकि यह प्रस्ताव अभी भी कानून मंत्रालय के पास लंबित है, इसका प्रमुख कारण डाक मतपत्रों की सुरक्षा और प्रामाणिकता से संबंधित चिंताएँ हैं।

अनिवासी भारतीयों के लिये ETPB से संबंधित चिंताएँ:

  • योग्यता और सत्यापन: दूरस्थ मतदान में भाग लेने के लिये अनिवासी भारतीयों की पात्रता निर्धारित करना जटिल हो सकता है।
    • चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को बनाए रखने के लिये अनिवासी भारतीयों की पहचान, निवास की स्थिति और पात्रता को सत्यापित करने के लिये सटीक एवं विश्वसनीय तंत्र स्थापित करना महत्त्वपूर्ण है।
  • समय की कमी और डाक में विलंबता: ETPBS के लिये मतदाता को मतपत्र इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त होने के बाद निर्धारित समय-सीमा के अंदर डाक द्वारा भेजने की आवश्यकता होती है।
    • हालाँकि कुछ देशों में डाक संबंधी विलंब या लॉजिस्टिकल संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं जो मतपत्र को रिटर्निंग ऑफिसर तक समय पर पहुँचने से रोक सकती हैं। इससे कुछ मतदाताओं का मताधिकार छिन सकता है।
  • सुरक्षा और गोपनीयता: ETPBS में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के माध्यम से संवेदनशील चुनावी डेटा का प्रसारण शामिल है, जो दुर्भावनापूर्ण उद्देश्य से लोगों द्वारा हैकिंग, छेड़छाड़ या अवरोधन का जोखिम उत्पन्न कर सकता है।
    • इसके अतिरिक्त डाक मतपत्र वोट की गोपनीयता सुनिश्चित नहीं कर सकता है क्योंकि यह दूसरों द्वारा जाँच या जबरदस्ती के अधीन हो सकता है।
  • कानूनी और तकनीकी चुनौतियाँ: ETPBS के लिये विदेशी मतदाताओं को इस प्रणाली के माध्यम से मतदान करने में सक्षम बनाने हेतु जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और 1951 के साथ-साथ निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 में संशोधन की आवश्यकता है।
    • इसके अतिरिक्त ETPBS को निर्वाचन आयोग, विदेश मंत्रालय, डाक विभाग तथा दूतावासों जैसे विभिन्न हितधारकों के बीच मज़बूत तकनीकी बुनियादी ढाँचे और समन्वय की आवश्यकता है।

प्रवासी भारतीय (Non-Resident Indians- NRI): 

Leave a Reply

error: Content is protected !!