रेलवे में सिग्नल क्लियर करने के लिए ‘शॉर्ट-कट’ अपना रहे थे कर्मचारी,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
ओडिशा ट्रेन हादसे के बाद रेलवे की सुरक्षा को लेकर सख्ती बरती जा रही है। रेलवे किसी भी प्रकार से कोई चूक नहीं करना चाह रहा है। इसी बीच सुरक्षा दृष्टिकोण को लेकर खुलासा हुआ है।रेलवे बोर्ड ने अप्रैल में रखरखाव के काम के बाद सही से जांच किए बिना सिग्नलिंग गियर को फिर से जोड़ने के लिए शॉर्ट-कट तरीके का इस्तेमाल करने के लिए सिग्नलिंग कर्मचारियों की खिंचाई की थी।
तीन अप्रैल को लिखे एक पत्र में रेलवे बोर्ड ने कहा कि विभिन्न रेलवे जोन से ऐसी पांच घटनाओं की सूचना मिली थी। बोर्ड ने इन घटनाओं को गंभीर चिंता का विषय बताया था। रेलवे ने कहा था कि विभिन्न जोनल रेलवे पर असुरक्षित बिंदुओं पर पांच घटनाएं मिली हैं।
सिग्नल और टेलीकॉम कर्मचारियों द्वारा स्विच/टर्नआउट बदलने के लिए ब्लॉक करने के बाद सही से जांच किए बिना गलत वायरिंग, सिग्नल फेल होने आदि को ठीक करने के बाद गियर को फिर से जोड़ दिया गया था। यह ट्रेन संचालन में सुरक्षा के लिए एक संभावित खतरा है और इसे रोकने की जरूरत है।
रेलवे ने बताया था गंभीर चिंता का विषय
रेलवे बोर्ड ने सिग्नलिंग विभाग के प्रति असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इन घटनाओं से संकेत मिलता है कि बार-बार निर्देश देने के बावजूद, जमीनी स्तर पर सुधार नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा था कि और सिग्नलिंग कर्मचारी जांच किए बिना सिग्नल क्लियर करने के लिए शॉर्ट-कट तरीकों को अपना रहे हैं।
ओडिशा ट्रेन हादसे की जांच जारी
बता दें कि ओडिशा के बालेश्वर में दो जून को हुए ट्रेन हादसे के बाद अधिकारियों ने दुर्घटना के संभावित कारण के पीछे सिग्नल को लेकर संकेत दिया था। ओडिशा ट्रेन हादसे की जांच चल रही है। इस घटना की जांच सीबीआई भी कर रही है। इस हादसे में 288 लोगों की मौत हो गई थी और 1000 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
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