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बृजभूषण सिंह के खिलाफ करीब 1500 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में फाइल

बृजभूषण सिंह के खिलाफ करीब 1500 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में फाइल

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

छह महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण के मामले में कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को राऊज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। पुलिस ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ करीब 1500 पन्नों की चार्जशीट फाइल की है।

चार्जशीट में 19 गवाह

पुलिस की चार्जशीट में केवल 19 गवाह को रखा गया है, जिनमें पीड़ित पहलवान, उनके रिश्तेदार, तत्कालीन कोच, तत्कालीन फिजियोथेरेपिस्ट, मसाजर, को-रेसलर, आयोजक, रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के कर्मचारी और आम लोग आदि शामिल हैं। हालांकि, पुलिस ने मामले में 200 से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज किए थे।

दिल्ली पुलिस ने कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ किन-किन धाराओं में आरोपपत्र दाखिल किया गया है और उन धाराओं में सजा का क्या प्रावधान है?

किन धाराओं में चार्जशीट दाखिल

दिल्ली पुलिस ने छह बालिग महिला पहलवानों के मामले में बृजभूषण सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 (अपमान), 354A (यौन उत्पीड़न), 354D (पीछा करना) और 506 (1) (आपराधिक धमकी) के तहत अपराधों के लिए आरोप पत्र दायर किया है।

आईपीसी की धारा 354

भारतीय दंड़ संहिता की धारा 354 का उन मामलों में इस्तेमाल किया जाता है, जिनमें किसी महिला की मर्यादा और मान सम्मान को क्षति पहुंचाने के मकसद से हमला किया गया हो या फिर गलत मंशा के साथ उसके साथ जोर जबरदस्ती की गई हो।

सजा- धारा 354 के तहत दोष सिद्ध होने पर उसे कम से कम एक साल की सजा और अधिकतम 5 साल तक कैद या जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है।

आईपीसी की धारा 354 A

धारा 354 A का प्रयोग उन परिस्थितियों में किया जाता है, जिसमें कोई व्यक्ति किसी महिला को गलत या दुर्भावनापूर्ण इरादे से छूता है। स्पष्ट यौन संबंध का प्रस्ताव देता है। इसके अलावा इस धारा के अंतर्गत किसी महिला की सहमति के बिना जबरन अश्लील या सेक्सुअल सामग्री दिखाना भी शामिल है।

सजा– इस धारा के अंतर्गत दोषी पाए जाने पर एक से तीन वर्ष कठोर कारावास के साथ जुर्माने से दंडित किया जाएगा। यह एक जमानती धारा है।

आईपीसी की धारा 354 D

इस धारा के अंतर्गत, कोई पुरूष किसी स्त्री का पीछा किसी गलत इरादे से करता है या महिला के इनकार करने के बावजूद बार-बार बातचीत के लिए संपर्क करता है अथवा इंटरनेट, ई-मेल या इलेक्ट्रॉनिक संसूचना के माध्यम निगरानी करता है तो उसपे धारा 354-डी के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है।

सजा- इस धारा में पहली बार दोषी पाये जाने पर एक से तीन वर्ष कारावास की सजा प्रावधान है। वहीं दूसरी बार दोषी पाये जाने पर पांच वर्ष कारावास के साथ जुर्माने से दंडित किया जाएगा।

आईपीसी की धारा 506 (1)

धमकी देने से जुड़ी धारा है। इसमें दोषी पाए जानें पर अधिकतम दो साल की सजा या जुर्माना या फिर दोनों हो सकती है।

नाबालिग पहलवान के केस में क्लोजर रिपोर्ट फाइल

वहीं नाबालिग पहलवान (लड़की) के मामले में दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में कैंसिलेशन रिपोर्ट फाइल की है। इस मामले में अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी और कोर्ट ही तय करेगी कि पॉक्सो एक्ट में मामला चलेगा या नहीं। खास बात है जिस नाबालिग लड़की की शिकायत के बाद बृजभूषण के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था, उसमें वह पहलवान लड़की जांच में बालिग निकली।

साथ ही नाबालिग लड़की के पिता ने बयान देकर कहा कि उन्होंने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत दर्ज कराई थी। नाबालिग के पिता ने कहा कि ऐसा उन्होंने कुश्ती संघ के अध्यक्ष से बदला लेने के लिए किया था।

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