बिपरजॉय तूफान:कई क्षेत्रों में समुद्र का पानी घुसा; तेज हवाओं से पेड़, टावर और खंभे गिरे
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
चक्रवात बिपरजॉय गुजरात के जखौ पोर्ट से टकराना शुरू हो गया है। इससे तटीय इलाकों में 125 से 135 किमी घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। तूफान की चपेट में गुजरात के 10-12 जिले हैं, लेकिन असर कई राज्यों में होगा।
हालांकि तूफान के टकराने से पहले ही गुजरात में जगह-जगह बर्बादी का दौर शुरू हो गया। सौराष्ट्र के तटीय इलाकों में बड़े-बड़े पेड़ व बिजली के सैकड़ों पोल तक उखड़ गए हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित द्वारका जिले के तो 38 गांवों में पेड़ों के गिरने की खबर है।
सूरत समेत उत्तर गुजरात के कई जिलों में 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की स्पीड से हवाएं चल रही हैं। सैकड़ों कच्चे मकान ध्वस्त हो चुके हैं। कई इलाकों में समुद्र का पानी घुस गया है। जिन इलाकों में तूफान का खतरा सबसे ज्यादा है, वहां चप्पे-चप्पे पर सेना और एनडीआरएफ के जवान तैनात हैं। सौराष्ट्र के कई जिलों में गुरुवार दोपहर 2 बजे तक रहे ऑरेंज अलर्ट को अब रेड अलर्ट में बदल दिया गया है।
एहतियात के तौर पर लगभग एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। 76 से ज्यादा ट्रेन रद्द की गई हैं। लोगों को घरों से बाहर ना निकलने की सलाह दी गई है। राज्य और केंद्र सरकार हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
मौसम विभाग ने बताया कि तूफान का लैंडफॉल आधी रात तक जारी रहेगा। कच्छ और सौराष्ट्र के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। यहां तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो रही है। कई इलाकों में पेड़ और खंभे गिरने लगे हैं। 94 हजार से ज्यादा लोगों को तटीय इलाकों से रेस्क्यू किया गया है। कोस्ट गार्ड ने 15 जहाज और 7 एयरक्राफ्ट तैयार रखे हैं। NDRF की 27 टीमें भी तैनात की गई हैं।
25 साल में जून में गुजरात से टकराने वाला पहला तूफान
बिपरजॉय पिछले 25 साल में जून महीने में गुजरात के तट से टकराने वाला पहला तूफान होगा। इससे पहले 9 जून 1998 को एक तूफान गुजरात के तट से टकराया था। तब पोरबंदर के पास 166 kmph की रफ्तार से हवा चली थी।
बीते 58 साल की बात करें तो 1965 से 2022 के बीच अरब सागर के ऊपर से 13 चक्रवात उठे। इनमें से दो गुजरात के तट से टकराए। एक महाराष्ट्र, एक पाकिस्तान, तीन ओमान-यमन और छह समुद्र के ऊपर कमजोर पड़ गए।
सोमनाथ-द्वारका मंदिर और इलाके के स्कूल बंद
तूफान के चलते सौराष्ट्र-कच्छ तट पर आज और कल भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका है। इसके चलते सोमनाथ, द्वारका सहित सभी मंदिरों को कल तक दर्शनार्थियों के लिए बंद रखने का फैसला किया गया है। अगले तीन दिन तक इन इलाकों के सभी स्कूल-कॉलेज भी बंद कर दिए गए हैं।
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