निक्षय दिवस पर टीबी से बचाव के प्रति आमजनों को किया गया जागरूक  

निक्षय दिवस पर टीबी से बचाव के प्रति आमजनों को किया गया जागरूक

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ज़िले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर मनाया गया निक्षय दिवस:

निक्षय पोषण योजना के तहत प्रोत्साहन राशि का किया जाता है भुगतान: डॉ मिहिरकान्त झा

परिवार के सदस्यों को संक्रमण से बचाने में सजगता जरूरी: राजेश

श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया (बिहार):

टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए संक्रमण का चक्र तोड़ना जरूरी है। टीबी उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा विभिन्न स्तर पर लगातार प्रयास किया जा रहा है। टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए विभाग प्रतिबद्ध है। आम जनों को टीबी के प्रति जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा प्रत्येक माह 16 तारीख को जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर निक्षय दिवस का आयोजन किया जाता है। निक्षय दिवस के मौके पर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर लोगों को टीबी से बचाव की जानकारी देने के साथ ही टीबी से संबंधित स्क्रीनिंग की जाती है।

निक्षय पोषण योजना के तहत प्रोत्साहन राशि का किया जाता है भुगतान: डॉ मिहिरकान्त झा
जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ मिहिरकान्त झा ने बताया कि निक्षय दिवस के आयोजन का उद्देश्य क्षय रोग के बारे में जन-जागरूकता को बढ़ाना है। जिससे क्षय रोगियों की पहचान और उपचार जल्द किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि टीबी एक संक्रामक रोग है और पहचान में देरी होने से उपचार शुरू होने तक रोगी अपने संपर्क में आने वाले कई लोगों को संक्रमित कर सकता है। इसके साथ ही साफ-सफाई और लगातार छः महीने तक नियमित रूप से प्रतिदिन दवा खाने से रोगी पूरी तरह स्वस्थ हो जाता है। विभागीय स्तर पर क्षय रोग की जांच और उपचार निःशुल्क है। निक्षय पोषण योजना के तहत उपचार जारी रहने तक सरकार की ओर से प्रत्येक मरीज़ों को उसके बैंक खाते में प्रतिमाह पांच सौ रुपए का भुगतान किया जाता है। भले ही क्षय रोगी का उपचार किसी निजी चिकित्सालय में चल रहा हो। यह राशि क्षय रोगी को बेहतर पोषण के लिए दी जाती है। इसके लिए नोटिफिकेशन जरूरी है।

परिवार के सदस्यों को संक्रमण से बचाने में सजगता जरूरी: राजेश
ज़िला टीबी एड्स समन्वयक राजेश कुमार शर्मा ने जनता से अपील करते हुए कहा कि अगर किसी को टीबी के लक्षण नजर आएं तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर अनिवार्य रूप से जांच कराएं। क्योंकि सजगता से ही परिवार के अन्य सदस्यों को संक्रमण से बचाया जा सकता है। ज़िले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरो पर प्रतिनियुक्त सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी अपने-अपने पोषक क्षेत्रों में रोगियों की स्क्रीनिंग कर उन्हें बीमारी के प्रति जागरूक कर रहे हैं। इसके साथ ही आशा कार्यकर्ता और एएनएम के द्वारा डोर टू डोर भ्रमण कर संभावित टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग की जाती हैं। क्षेत्र में लोगों को बैनर, पोस्टर, पंपलेट आदि से प्रचार-प्रसार कर जागरूक किया जाता है।

 

टीबी बीमारी के मुख्य लक्षण:
किसी भी व्यक्ति को दो हफ्ते से अधिक खांसी हो, खांसी के साथ बलगम का आना, बुखार विशेष रूप से शाम को बढ़ना एवं अन्य लक्षण वजन का घटना, भूख कम लगना, सीने में दर्द एवं बलगम के साथ खून आना टीबी का मुख्य लक्षण है। टीबी की रोकथाम के लिए खांसते-छींकते वक्त मुंह पर रुमाल या साफ कपड़ा अवश्य रखें।इधर-उधर न थूके व ढक्कनदार डिब्बे में इकट्ठा करें।

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