Liquid Cocaine:क्या है लिक्विड कोकीन?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
देश में ड्रग तस्करी पर सख्त पहरेदारी के बाद अब तस्कर नई तकनीकें खोज रहे हैं। इसी का एक नमूना लिक्विड कोकीन है, जिसकी तस्करी भारत में तेजी से बढ़ती दिख रही है। हाल ही में दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर केन्या की एक महिला को भी इस कोकीन की तस्करी के आरोप में पकड़ा गया था।
दिल्ली एयरपोर्ट पर पकड़ी गई महिला बड़ी चालाकी से ड्रग तस्करी को अंजाम देने का काम कर रही थी। महिला के पास से अधिकारियों को दो बोतल व्हिस्की की बरामद हुई, जिसमें वे घुली हुई कोकीन लेकर आई थी। कोकीन की कीमत 13 करोड़ रुपये आंकी गई है। इस घटना के बाद यह मामला चर्चा का विषय बना।
- यूरोपियन मॉनिटरिंग सेंटर फॉर ड्रग्स एंड ड्रग एडिक्शन (EMCDDA) की रिपोर्ट की माने तो पाउडर कोकीन को पानी, ग्लूकोज, सॉल्वैंट्स, सेल्यूलोज या लैक्टोज जैसे खाद्य पदार्थों में घोलकर लिक्विड कोकीन बनाई जाती है।
- यहां तक कि पानी में डाली गई कोकीन को बाद में वापस पाउडर के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।
- तस्तर इसे शैंपू की बोतलों जैसे उत्पादों, गुड़ के साथ भी मिला लेते हैं। इसे इसके बाद कंटेनरों में या कोरियर के तहत ले जाया जाता है।
लिक्विड कोकीन को पकड़ने में क्यों आती है मुश्किल
- बता दें कि आमतौर पर बंदरगाहों और हवाई अड्डों पर पाए जाने वाले स्कैनर का उपयोग करके तरल कोकीन का पता लगाना बेहद मुश्किल है।
- वहीं, हवाईअड्डों में लाग फुल बॉडी स्कैनर भी इसे पकड़ने में कामयाब नहीं हो पाता है।
- तस्करों के लिए लिक्विड कोकीन का एक महत्वपूर्ण लाभ इसकी विभिन्न सामग्रियों में शामिल होने की क्षमता है। तस्कर इसे किसी भी तरल पादार्थ में मिलाकर ले जाते हैं, जिसे पकड़ना काफी कठिन होता है।
- खाद्य पदार्थों में मिलने की क्षमता के कारण इस कोकीन में से गंध भी नहीं आती है, यही एक बड़ा कारण है कि अधिकारी चकमा खा जाते हैं।
- कोकीन, एक्सटेसी और एलएसडी का नशा कोई साधारण नशा नहीं है. सेहत के लिए घातक होने के साथ-साथ ऐसा नशा करने वाले लोग अच्छे-खासे पैसे भी चुकाते हैं. सिर्फ एक ग्राम कोकीन या एलएसडी की कीमत जहां 6 से 7 हजार रुपये के बीच तक होती है.
इसके अलावा एमडी या एक्सटैसी का नशा कोकीन और एलएसडी की तुलना में तो सस्ता है लेकिन यह भी 1 हजार रुपए से ज्यादा का ही आता है.
कोकीन का नशा कितना बुरा
कोकीन या कहें कि कोक. नाक के जरिए, पानी में मिलाकर, मसूड़ों में लगाकर और इंजेक्शन के जरिये लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. इसकी लत आसानी से छूटती नहीं. कोकीन के नशे की गिरफ्त में फंसे व्यक्ति को मानसिक समस्याओं से लेकर तमाम शारीरिक बीमारियां हो जाती हैं.
वह स्वभाव से हिंसक, शरीर से कमजोर और बीमारियों का घर बन जाता है. ‘हेलो स्वास्थ्य‘ नाम की वेबसाइट के अनुसार कोकीन का इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति को एंग्जाइटी, मानसिक तनाव, हार्ट संबंधी समस्याएं, नाक से खून आना, ब्लड प्रेशर बढ़ना और नींद न आने की समस्या होने की आशंका रहती है.
एलएसडी ड्रग
लिक्विड, पेपर और टेबलेट के फॉर्म में आने वाला एलएसडी ड्रग भी कोकीन की तरह ही घातक है. सेवन करने के लगभल 20 मिनट बाद शख्स नशे में जाना शुरू होता है. हेलो स्वास्थ्य वेबसाइट के अनुसार एलएसडी ड्रग के सेवन से मुंह का सूखना, घबराहट और बहुत पसीना, दिल की धड़कनों की गति बहुत तेज होने के साथ-साथ बहुत कमजोरी महसूस होती है.
यह ड्रग व्यक्ति को भ्रम में रहने की बीमारी लगा सकता है. देखने में समस्या आने के साथ ही इससे पैनिक अटैक, डिप्रेशन और किसी को पहचानने में समस्या होने लगती है. इसका नशा 36 घंटे तक रहता है यानी एलएसडी का सेवन करने वाला व्यक्ति एक दिन से भी ज्यादा समय तक सामान्य स्थिति में नहीं आता है.
एक्सटैसी या एमडी ड्रग
शक्कर जैसा दिखने वाला यह नशीला पदार्थ लोग पानी में मिलाकर भी पीते हैं. यह मेंटल हेल्थ के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक होता है. इसका सेवन करने वाले व्यक्ति के विचारों में नकारात्मकता आ जाती है और कई बार तो वह खुदकुशी करने के बारे में भी सोचने लगता है.
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