ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य जी महाराज के आदेशानुसार आद्य भगवत्पाद के टूटे विग्रह को ढका गया
श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी
वाराणसी,25.6.23, / दशाश्वमेध मार्ग स्थित देढसी के पुल स्थित विश्वनाथ मंदिर प्रवेश द्वार के ऊपर लगी आद्य भगवत्पाद शंकराचार्य जी महाराज के विग्रह का हाथ महीनों से टूटा हुआ था।जिसकी जानकारी जब परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज को हुआ तो वो अत्यंत मर्माहत व व्यथित हो उठे।उन्होंने इस प्रकरण के संदर्भ में अपने फेसबुक पेज से टूटे विग्रह का तस्वीर भी शेयर किया और अपना रोष भी प्रकट किया।तथा पूज्यपाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य जी महाराज के आदेश पर उनके मीडिया प्रभारी सजंय पाण्डेय ने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ जाकर देढसी पुल स्थित आद्य भगवत्पाद के खंडित विग्रह को केशरिया कपड़े से ढक दिया।और विश्वनाथ मंदिर प्रशासन को पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज के भावना से अवगत कराया।आज रविवार होने के कारण किसी जिम्मेदार अधिकारी के न रहने शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी सजंय पाण्डेय ने फोन से विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री सुनील वर्मा से बात की और उनको पूज्यपाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य जी महाराज के भावना से अवगत करते हुए कहा कि या तो आपलोग आद्य भगवत्पाद जी महाराज के खंडित विग्रह को बदल दें या हमलोगों को अनुमति दें तो हमलोग विग्रह को बदल दें।इस पर कार्यपालक अधिकारी श्री सुनील वर्मा ने कहा कि वैसे तो ये पर्यटन विभाग से सम्बंधित मामला है।लेकिन हमने खंडित विग्रह को ठीक करने का आदेश दे दिया है।
कल खंडित विग्रह को ठीक कर दिया जायेगा।तब सजंय पाण्डेय ने श्री सुनील वर्मा कहा कि पूज्यपाद शंकराचार्य जी मजराज ने कहा है कि खंडित विग्रह के दर्शन से दोष लगता है इसीलिए हमलोग पूज्यपाद महाराज जी के आदेशानुसार खंडित विग्रह को केशरिया कपड़े से ढक दे रहे हैं।और फिर देढसी के पुल स्थित विश्वनाथ मंदिर के प्रवेश द्वार पर जाकर आद्य भगवत्पाद के खंडित विग्रह को केशरिया कपड़े से ढक दिया।इस दौरान सजंय पाण्डेय ने एसीपी दशाश्वमेध श्री अवधेश पाण्डेय से भी फोन पर वार्ता की।प्रतिनिधि मंडल में प्रमुख रूप से सजंय पाण्डेय,सतीश अग्रहरी,राकेश पाण्डेय,विनीत शंकर गुप्ता आदि लोग सम्मलित थे।सजंय पाण्डेय-मीडिया प्रभारी परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य जी महाराज।