भाजपा ने राहुल गांधी पर लगाये गंभीर आरोप,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नेत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अमेरिकी यात्रा को लेकर जमकर निशाना साधा। उन्होंने राजधानी दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राहुल गांधी पर अलोकतांत्रिक लोगों के साथ मिलने का आरोप लगाया और कई सवाल पूछे।
स्मृति ईरानी ने राहुल पर दागे तीखे सवाल
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अमेरिका में एक महिला सुनीता विश्वनाथ के साथ बैठे हैं, जो महिला जॉर्ज सोरोस द्वारा फाइनेंशियली फंडेड है। इसका खुलासा केवल राहुल गांधी ही कर सकते हैं। भाजपा ने इस विषय को पहले भी उठाया था कि किस तरह जॉर्ज सोरोस हिंदुस्तान में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को हटाना चाहते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि ऐसी क्या मजबूरी थी कि राहुल गांधी ने जॉर्ज सोरोस की एक सहयोगी के साथ अमेरिका में बैठक की है। इस दौरान स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी द्वारा अमेरिका में की गई बैठक की तस्वीर भी दिखाई। इस तस्वीर में एक महिला भी दिखाई दे रही है। जिसको लेकर सारा बवाल मचा हुआ है।
इस बीच, स्मृति इरानी ने कहा कि भाजपा ने इस विषय को पहले भी उठाया था कि कैसे जॉर्ज सोरोस भारत में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को हटाना चाहते हैं। सोरोस के इरादे हर भारतवासी को पता थे, तब भी ऐसी क्या मजबूरी थी कि राहुल गांधी ने जॉर्ज सोरोस की एक सहयोगी के साथ अमेरिका में मीटिंग की। इंटरनेट पर यह जानकारी भी उपलब्ध है कि उनकी 4 जून की न्यूयार्क की बैठक में पंजीयन के लिए एक व्यक्ति का नाम-नंबर दिया गया। वह व्यक्ति तजीम अंसारी है।
उन्होंने कहा कि उनके संबंध इस्लामिक सर्किल आफ नार्थ अमेरिका से पाए गए। इसके बारे में 28 फरवरी, 2019 को यूएस कांग्रेस में एक प्रस्ताव में कहा था कि अंसारी का संपर्क और संबंध जमात ए इस्लामी के साथ है।
‘जॉर्ज सोरोस के साथ राहुल के ताल्लुक नए नहीं’
केंद्रीय मंत्री ने प्रश्न उठाया कि उनका सहारा लेने की कांग्रेस को नौबत क्यों आ पड़ी। आरोप लगाया कि जॉर्ज सोरोस का और उनके द्वारा वित्त पोषित संगठनों का राहुल गांधी से ताल्लुक नया नहीं, पुराना है। भारत के प्रति जॉर्ज सोरोस के इरादों को हर हिंदुस्तानी जानता है तो क्या राहुल नहीं जानते थे? उनके साथ या उनसे संबद्ध लोगों के साथ गांधी खानदान अपने अपने रिश्तों को और मजबूत कर रहा है?
इस मामले पर कांग्रेस द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे की चर्चा करते हुए स्मृति इरानी ने कहा कि यह जून है, आपातकाल की याद ताजा करते हुए गांधी खानदान ने देश को यह प्रमाण दिया है कि जहां राज्य में उनकी सत्ता है, वहां सत्य को दबाने के लिए वह कहां तक जा सकते हैं।
कौन है जॉर्ज सोरोस?
जॉर्ज सोरोस 92 वर्षीय अमेरिकी अरबपति हैं। उनका जन्म यूरोपीय देश हंगरी में यहूदी परिवार में हुआ था। उनके परिवार ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी के हमले के कारण हंगरी छोड़ दिया था। उस समय सोरोस की उम्र 17 वर्ष थी। जॉर्ज सोरोस पर चुनी हुई सरकारों को अस्थिर करने के आरोप लगते रहे हैं।
स्मृति इरानी ने कहा कि गांधी खानदान अपने आपको मुस्लिम समुदाय का संरक्षक बताता है। उनसे यह सवाल पूछा जाना चाहिए कि उनकी सरकार में भारत सरकार ने महज 12 हजार करोड़ रुपए का खर्च दिखाया था, जबकि पिछले नौ सालों के दौरान मोदी सरकार ने 31,450 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। उन्होंने आगे कहा कि इनके स्कॉलरशिप के लिए भी कांग्रेस सरकार ने केवल 860 करोड़ रुपये का आवंटन किया था, जबकि मोदी सरकार ने 2,691 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। केंद्रीय मंत्री ने कटाक्ष करते हुए कहा कि यह आकंड़े अपने आप में कांग्रेस की सच्चाई बताते हैं।
गांधी खानदान इतना असहाय क्यों: स्मृति
स्मृति ने राहुल गांधी पर हमला जारी रखते हुए कहा कि कांग्रेस का नेतृत्व हमारे देश के लोकतंत्र पर चोट करने के लिए बाहरी ताकतों का इस्तेमाल कर रहा है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे कांग्रेस के नेताओं की इस प्रकार की गतिविधियों का बढ़ना आपने आप में इस बात का संकेत है कि कांग्रेस सत्ता की भूख में अपने ही देश की लोकतांत्रिक प्रणाली पर चोट करने को आमादा है। उन्होंने पूछा, ‘आखिर गांधी खानदान इतना असहाय क्यों हैं?’
भाजपा कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल के अमेरिका दौरे की एक फोटो साझा की। इसमें एक बैठक के दौरान राहुल गांधी और अन्य लोग बैठे हैं। इसमें एक महिला भी शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री ने उस महिला का नाम सुनीता विश्वनाथ बताया। उन्होंने दावा किया कि सुनीता को अमेरिकी उद्योगपति सोरोस से आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाती है। ईरानी ने सवाल किया कि राहुल को जवाब देना चाहिए कि वे लोगों के साथ क्या बात कर रहे थे?
उन्होंने कहा कि भाजपा ने पहले भी यह मुद्दा उठाया है। हम सब जानते हैं कि किस प्रकार से सोरोस भारत में लोकतांत्रित तरीके से चुनी हुई सरकार को हटाना चाहते हैं। जब सोरोस के इरादे हर हिंदस्तानी को पता थे, तो ऐसी क्या मजबूरी थी कि राहुल ने सोरोस के सहयोगी के साथ बैठक में हिस्सा लिया।
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