France Violence:आखिर क्यों जल रहा है फ्रांस?

France Violence:आखिर क्यों जल रहा है फ्रांस?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

France Violence: फ्रांस का नाम सुनते ही लोगों के जेहन में पेरिस के एफिल टावर की तस्वीर आती है, लेकिन इन दिनों फ्रांस से हिंसा, आगजनी, पथराव और बगावत की तस्वीर सामने आ रही है। फ्रांस में एक किशोर की हत्या के बाद, राजधानी पेरिस की सड़कों पर लोग आगजनी और पथराव करते नजर आ रहे हैं और पुलिस उनपर कार्रवाई करती हुई दिख रही है।

दरअसल, फ्रांस की राजधानी पेरिस में पुलिस ने एक किशोर को ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के आरोप में गोली मार दी, जिसमें नाबालिग की मौत हो गई। इस घटना के बाद फ्रांस में हिंसा भड़क उठी और अब विकराल रूप ले चुका है।

पुलिस ने किशोर क्यों मारी गोली?

इस गोलीबारी की घटना पर पुलिस ने बताया कि नाबालिग तेज रफ्तार से एक रेंटल कार को चला रहा था। पुलिस ने उसे रोकने के लिए कहा, लेकिन उसने कई बार ट्रैफिक नियमों को तोड़ दिया। इसके बाद पुलिस ने गोली चलाई।

क्या है पूरा मामला?

इस घटना के बाद एक सीसीटीवी कैमरे से रिकॉर्ड की गई वीडियो वायरल है, जिसमें दिख रहा है कि एक युवक काफी तेज में एक कार चला रहा है। पुलिस उसे रोकने के लिए इशारा करती है, लेकिन वह नहीं रुकता है। इसके बाद पुलिस कार के करीब जाकर गोली चला देती है और गोली चलते ही युवक दम तोड़ देता है। इसके बाद, फ्रांस की सड़कों पर हिंसा शुरू हो जाती है।

इस घटना के बाद, लोगों के मन में पुलिस के खिलाफ नफरत की धारणा बन गई। लोग ऐसा सोचने लगे कि पुलिस किसी को भी गोली मार सकती है और लोग इसका विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आए। सड़क पर आने के बाद लोगों ने जमकर उत्पात मचाया है। कई सरकारी वाहन फूंक दिए गए। पुलिस पर पथराव किए गए। साथ ही कई बिल्डिंगों में आगजनी की घटना भी सामने आई है।

फ्रांस में हिंसा की घटनाएं आज दूसरे दिन भी नहीं रुकी। लोग सड़कों पर नजर आए और पुलिस उनपर लाठियां और आंसू गैस छोड़ती रही। इस दौरान दोनों पक्षों में कई घायल हुए हैं। लोगों में आक्रोश बढ़ती जा रही है।

फ्रांस में हिंसा के बाद तक क्या हुआ?

  • फ्रांस में हिंसा की घटना में अब तक 150 से अधिक लोग गिरफ्तार हुए हैं।
  • हिंसा की आग पेरिस से निकलकर कई शहरों तक पहुंच चुकी है।
  • प्रदर्शनकारी ने कई शहरों में टाउन हॉल, स्कूल, पुलिस स्टेशन और सरकारी भवनों को आग के हवाले कर दिया है।
  • फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने हिंसा को लेकर आपात बैठक बुलाई।
  • फ्रांस के गृह मंत्री ने हिंसा की घटना की निंदा की।

फ्रांस में 2005 में हुई थी ऐसी हिंसा

बता दें कि अगर फ्रांस में हिंसा पर रोक नहीं लगी तो हालात बिगड़ सकती है। फ्रांस में हिंसा का पुराना इतिहास रहा है। 2005 में फ्रांस में पुलिस से छिपे हुए दो लड़कों की मौत हो गई थी, जिसके बाद कई सप्ताह तक अशांति फैला रहा। हालात इतन बिगड़ गए थे कि फ्रांस में राष्ट्रीय आपातकाल लगाने पड़े।

फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ब्रसेल्स में जारी यूरोपीय देशों की एक बैठक को छोड़कर पेरिस लौट आए हैं। मैक्रों ने फ्रांसीसी प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्ने और कैबिनेट सदस्यों के साथ आपातकालीन बैठक की है। इस बैठक में कानून व्यवस्था बहाल करने के सभी तरीकों पर चर्चा की गई है। इसके अलावा हिंसा रोकने के लिए आपातकाल लगाने के विकल्प पर भी बात की गई। बैठक के बाद बोर्न ने कहा कि प्राथमिकता राष्ट्रीय एकता सुनिश्चित करना है और ऐसा करने का तरीका व्यवस्था बहाल करना है।

क्या कर रही फ्रांस सरकार

फ्रांसीसी सरकार ने हिंसा को रोकने के लिए चालीस हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया है। इसमें फ्रांसीसी स्पेशल पुलिस फोर्स के जवान भी शामिल हैं। फ्रांस के कई इलाकों में कर्फ्यू भी लगाया गया है, ताकि लोगों को सड़कों पर आने से रोका जा सके। फ्रांसीसी शहर मारसे में शाम सात बजे के बाद से सार्वजनिक विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पूरे फ्रांस में पुलिस ने गश्त तेज कर दी है। रात के दौरान बाहर निकलने वाले लोगों से सख्ती से पूछताछ की जा रही है।

कौन था नाहेल एम

नाहेल एम अल्जीरियाई मूल का फ्रांसीसी शरणार्थी था। वह टेकअवे डिलीवरी ड्राइवर के रूप में काम कर रहा था और रग्बी लीग खेलता था। वह अपनी मां का इकलौता बच्चा था। नाहेल के पिता का कोई पता नहीं है। नाहेल ने अपनी पढ़ाई पूरी नहीं की, हालांकि वह इलेक्ट्रीशियन बनने की ट्रेनिंग ले रहा था। इसके लिए घर से कुछ ही दूरी पर सुरेसनेस के एक कॉलेज में उसका दाखिला कराया गया था। कॉलेज में उनकी उपस्थिति का रिकॉर्ड खराब था। उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था लेकिन पुलिस उसे जानती थी।

Leave a Reply

error: Content is protected !!