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सुप्रीम कोर्ट आज से हुआ हाईटेक,कैसे? - श्रीनारद मीडिया
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सुप्रीम कोर्ट आज से हुआ हाईटेक,कैसे?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) हाईटेक हो गया है. पेपरलेस ग्रीन कोर्ट रूम की शुरुआत हो चुकी है.  73 साल के इतिहास में अब भारतीय न्यायपालिका के पूरी तरह हाईटेक होने की शुरुआत है. आज से सुप्रीम कोर्ट की पहली तीन कोर्ट ग्रीन हाईटेक कोर्ट बनीं.

कोर्ट में अब ना फाइलें होंगी ना कोर्टरुम में पिछले 50 सालों के सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की किताबें होंगी. CJI डीवाई चंद्रचूड़ की नई पहल है. अदालत कक्षों में बड़े एलसीडी भी लगाए गए हैं. वकीलों के लिए भी हाईटेक सुविधाएं हैं. मशीनों के जरिए कागजात जजों को दिखाए जा सकेंगे. जज भी कानून की किताबों की जगह डिजिटल तरीके से विभिन्न फैसले देख सकेंगे. कोर्ट एक से पांच को अलावा कॉरिडोर, मीडिया रूम, वेटिंग रूम आदि में वादियों, वकीलों और मीडियाकर्मियों के लिए वाईफाई की शुरुआत हो गई है.

डॉक्‍यूमेंट्स तक आसान पहुंच के लिए न्यायाधीशों के पास दस्तावेज़ दर्शक तकनीक भी होगी, जिसके उपयोग से दस्तावेज़ को मशीन पर रखा जा सकता है और वकील अपनी स्क्रीन और बड़ी स्क्रीन पर भी देख सकते हैं. वकीलों के पास फ़ाइलें और दस्तावेज़ पढ़ने के लिए स्मार्ट स्क्रीन होंगी.

हाईटेक हुआ सुप्रीम कोर्ट

CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट में पहले पांच अदालत कक्ष वाईफाई से लैस हो गए हैं और सभी अदालत कक्षों में कानून की कोई किताब और कागजात नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट के डिजीटलीकरण की ओर इस बड़े कदम की घोषणा करते हुए सीजेआई ने कहा कि अब किताबें चली गई है, इसका यह मतलब नहीं है कि हमें किताबों की जरूरत नहीं पड़ेगी।

42 दिन की छुट्टियों के बाद आज से शुरू हुआ काम

न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने सुनवाई शुरू होने पर कहा कि कृपया मुझे फीडबैक दीजिए कि क्या सब कुछ अच्छी तरह काम कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने छह सप्ताह के ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद सोमवार को फिर से काम शुरू किया।

परिसर में मिलेगी फ्री वाईफाई की सुविधा

कोर्ट ने सभी वकीलों, वादियों और मीडियाकर्मियों के साथ परिसर में आने वाले अन्य लोगों के लिए फ्री वाईफाई की सुविधा उपलब्ध करायी है। यह कदम ई-पहल के तहत लिया गया है और एससीआइ वाईफाई पर लॉगिन कर इस सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट के एक अधिकारी ने बताया कि यूजर्स को अपना मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा, जिस पर उन्हें वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आएगा और वे इसके सत्यापन के लिए इसका इस्तेमाल करेंगे।

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