मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव अल ईसा ने की पीएम मोदी की सराहना,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
पीएम मोदी से मुलाकात के एक दिन बाद मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव शेख मोहम्मद बिन अब्दुल करीम अल-ईसा ने समावेशी विकास के लिए प्रधानमंत्री के आर्थिक दृष्टिकोण की सराहना की। उन्होंने बताया कि वे उग्रवाद और नफरत के सभी पहलुओं का मुकाबला करने के लिए एक साथ काम करने के महत्व पर सहमत हुए हैं।
पीएम मोदी से मिले मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव
दरअसल, भारत यात्रा पर आए मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव अल-ईसा ने मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उनके बीच अंतर-धर्म सद्भाव, शांति और मानव प्रगति की दिशा में काम करने के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा भी हुई।
‘पीएम मोदी के भावपूर्ण दृष्टिकोण की करता हूं सराहना’
मुस्लिम वर्ल्ड लीग महासचिव ने कहा कि मैं समावेशी विकास के प्रति महामहिम के भावपूर्ण दृष्टिकोण की सराहना करता हूं। उन्होंने कहा कि उग्रवाद और नफरत के सभी पहलुओं का मुकाबला करने के लिए एक साथ काम करने के महत्व पर भी समझौता किया गया है। उनके स्रोत और कारण की परवाह किए बिना हमारी विविध दुनिया में शांति और समृद्धि केवल जागरूक और व्यापक नागरिकता के साथ हासिल की जा सकती है।
अल ईसा ने बताया कि मैंने इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में अपने व्याख्यान में इस महत्वपूर्ण बैठक के विवरण के बारे में विस्तार से बताया, जो प्रधानमंत्री के साथ बैठक के बाद किया गया था। इसमें मुस्लिम और गैर-मुस्लिम दोनों के वरिष्ठ विद्वानों ने भाग लिया था।
पीएमओ ने ट्वीट कर दी जानकारी
इससे पहले एक ट्वीट में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने ट्वीट कर बताया था कि पीएम मोदी ने मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव और मुस्लिम विद्वानों के संगठन के अध्यक्ष शेख अल ईसा से मुलाकात की। उन्होंने विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा की। साथ ही उन्होंने अंतर-धार्मिक सद्भाव शांति को आगे बढ़ाने और मानव प्रगति की दिशा में काम करने के लिए चर्चा भी की।
क्या है मुस्लिम वर्ल्ड लीग?
बता दें कि मुस्लिम वर्ल्ड लीग (MWL) एक अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन है, जिसका मुख्यालय मक्का में है। इसमें सभी इस्लामी देशों और संप्रदायों के सदस्य शामिल हैं। इसका उद्देश्य इस्लाम और उसके सहिष्णु सिद्धांतों को पेश करना, मानवीय सहायता प्रदान करना और सभी के साथ संवाद व सहयोग की नीतियों का विस्तार करना शामिल हैं। इसके अलावा उग्रवाद, हिंसा और बहिष्कार का आह्वान करने वाले आंदोलनों को रोकना है।
मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव शेख डॉ. मोहम्मद बिन अब्दुल करीम अल-ईसा भारत दौरे पर हैं. उन्होंने दिल्ली में इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के प्रोग्राम में कहा कि भारतीय मुस्लिमों को हिंदुस्तानी होने पर गर्व है.
सऊदी के पूर्व न्याय मंत्री डॉ. मोहम्मद बिन अब्दुल करीम अल-ईसा ने कहा, ”भारत ने हिंदू बहुल राष्ट्र होने के बाद भी धर्मनिरपेक्ष संविधान अपनाया.” उन्होंने भारत के इतिहास और विविधता की सरहाना करते हुए कहा कि विभिन्न संस्कृतियों में संवाद स्थापित करना समय की मांग है.
डॉ. मोहम्मद बिन अब्दुल करीम अल-ईसा ने क्या कहा?
डॉ. मोहम्मद बिन अब्दुल करीम अल-ईसा ने कहा कि सहनशीलता जीवन का हिस्सा बन गया है. उन्होंने कहा कि इस्लाम कल्चर प्यार और संवाद के लिए खुला है. इस्लाम हमें सिखाता है कि हम जिससे मतभेद रखते हैं उसका भी सम्मान करें. इस दौरान प्रोग्राम में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल भी मौजूद रहे.
एनएसए अजित डोभाल ने क्या कहा?
एनएसए अजित डोभाल ने कहा कि भारत उन संस्कृतियों और धर्मों का मिलन केंद्र रहा है, जो सदियों से सद्भाव के साथ सह-अस्तित्व में हैं. देश में धार्मिक समूहों के बीच इस्लाम का अनूठा और महत्वपूर्ण गौरव का स्थान है.
डोभाल ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और लोकतंत्रों की जननी के रूप में भारत अविश्वसनीय विविधता की भूमि है. उन्होंने कहा, ‘‘आपने (अल-इस्सा) बातचीत में हमारे अस्तित्व की मूलभूत विशेषता के रूप में विविधता का विस्तार से उल्लेख किया. यह (भारत) संस्कृतियों, धर्मों, भाषाओं और जातीयताओं का एक मिलन केंद्र रहा है, जो सदियों से सद्भाव के साथ सह-अस्तित्व में हैं.
डोभाल ने कहा कि एक समावेशी लोकतंत्र के रूप में, भारत अपने सभी नागरिकों को उनकी धार्मिक, जातीय और सांस्कृतिक पहचान पर ध्यान दिये बिना बराबर की अहमियत देने में कामयाब रहा है. उन्होंने कहा कि कई धार्मिक समूहों के बीच इस्लाम का एक अनूठा और गौरवपूर्ण स्थान है. भारत में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी रहती है.
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