अनिश्चितकालीन हड़ताल का छठवां दिन : एक हजार में दम नही,दस हजार से कम नहीं नारो के साथ डटी है आशा
OPD बंद.मरीज परेशान,नौ मांगो के समर्थन में चल रहा है अनिश्चितकालीन हड़ताल
श्रीनारद मीडिया, प्रसेनजीत चौरसिया, सीवान (बिहार)
रघुनाथपुर सहित पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की आशा कार्यकर्ताए अपनी नौ मांगो को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है. आज सोमवार को हड़ताल के छठवें दिन रेफरल अस्पताल के गेट पर मौजूद आशा कार्यकर्ताओं ने “एक हजार में दम नही,दस हजार से कम नही” का नारा बुलंद करते हुए OPD को नही चलने दिया.जिस कारण दूर दराज के मरीज काफी परेशान रहे।
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ• संजीव सिंह के कहने पर इमरजेंसी के लिए छूट मिली हड़तालियों द्वारा।हड़ताल कर रहे हड़तालियों ने सरकार से कहा कि 2005 से ही हम आंदोलन कर रहे हैं।लेकिन सरकार इस पर विचार नहीं कर रही है। सरकार को यह सोचना चाहिए कि आशा और आशा फैसिलिटेटर सेवानिवृत्त हो जाएंगी तो क्या करेंगी।जबकि स्वास्थ्य मंत्री ने पूर्व में घोषणा की थी कि आशाओं का मानदेय बढ़ाया जाएगा। वक्ताओं ने बिहार सरकार से मांग की कि आशा को सरकारी सेवक घोषित किया जाएगा।
आशा कार्यकर्ता और फैसिलिटेटर्स ने सोमवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र/रेफरल अस्पताल पर प्रदर्शन किया। नारेबाजी भी की। उन्होंने कहा कि हमारी मांगें सरकार को माननी होंगी।मालूम हो की यह आंदोलन राज्य एवं केंद्र सरकार के खिलाफ है। केंद्र सरकार के नौ वर्षों के शासन में हमें न्याय नहीं मिला। पटना उच्च न्यायालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना के दौरान आशा कार्यकर्ता के कार्यों की सराहना की है। जब तक मांगें पूरी नहीं हो जातीं हड़ताल जारी रहेगी।
आशा को राज्यकर्मी का दर्जा देने, आशा और फैसिलिटेटर को 10 हजार मासिक वेतन, कोरोना महामारी में मृत आशा कार्यकर्ताओं के स्वजन को चार लाख रुपये का मुआवजा, पेंशन योजना बहाल करने के साथ अन्य मुख्य मांगे शामिल है।
यह भी पढ़े
बेउर जेल में भिड़े बाहुबली अनंत सिंह के समर्थक, जेलकर्मियों को भी पीटा
सावन की दूसरी सोमवारी को भगवान शिव को जलाभिषेक करने के लिए शिवालयों में उमड़ी भक्तो की भीड़
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मनाया गुरुपूजन उत्सव