भारत में कौशल विकास के प्रभाव क्या है?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
स्किल इंडिया परियोजना ने विश्व युवा कौशल दिवस (15 जुलाई) के अवसर पर ब्रिटेन में निर्यात के लिये नमदा कला उत्पादों की पहली खेप जारी कर जम्मू-कश्मीर की लुप्त होती नमदा कला को सफलतापूर्वक पुनर्जीवित करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
- इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा भारत 2.0 के लिये AI भी लॉन्च किया गया।
विश्व युवा कौशल दिवस:
- परिचय:
- प्रत्येक वर्ष 15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- यह दिन युवाओं को श्रम बाज़ार के लिये तैयार करने और समाज में उनकी सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देने में कौशल विकास की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालता है।
- यह युवाओं को रोज़गार, उचित कार्य और उद्यमिता के लिये कौशलपूर्ण बनाने के रणनीतिक महत्त्व को दर्शाता है।
- पृष्ठभूमि:
- वर्ष 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा नामित।
- विश्व युवा कौशल दिवस की थीम:
- परिवर्तनकारी भविष्य के लिये शिक्षकों, प्रशिक्षकों और युवाओं को कुशल बनाना (Skilling Teachers, Trainers, and Youth for a Transformative Future)।
नमदा कला:
- उत्पत्ति व परिचय:
- मुगल सम्राट अकबर द्वारा अपने घोड़ों को ढकने के लिये विकल्पों की तलाश के साथ ही नमदा कला की शुरुआत 16वीं शताब्दी में की गई।
- इसकी शुरुआत कश्मीर के सूफी संत शाह-ए-हमदान द्वारा की गई थी।
- निर्माण और सामग्री:
- नमदा भेड़ के ऊन का उपयोग करके बनाई गई एक प्रकार की पारंपरिक कश्मीरी फेल्टेड कालीन है।
- इसमें ऊन की, एक प्रक्रिया जिसे फेल्टिंग के नाम से जाना जाता है, विशिष्ट बनावट की जाती है।
- विनिर्माण प्रक्रिया:
- नमदा कालीन आमतौर पर ऊन की एक परत के उपर ऊन की दूसरी परत और इसी प्रकार कई परतें बिछाकर बनाई जाती है।
- एक उपकरण जिसे “पिंजरा” (वोवेन विलो विकर) के नाम से जाना जाता है, का उपयोग प्रत्येक परत पर जल छिड़कने के बाद उसे दबाने के लिये किया जाता है।
- एक ठोस और टिकाऊ कालीन बनाने के लिये परतों को संपीड़ित किया जाता है।
- पतन और पुनरुद्धार:
- कच्चे माल की कम उपलब्धता, कुशल जनशक्ति और विपणन तकनीकों की कमी के कारण वर्ष 1998 से वर्ष 2008 के बीच इस शिल्प के निर्यात में लगभग 100% की गिरावट आई है।
- इसलिये प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के अंर्तगत कौशल भारत परियोजना ने इस लुप्तप्राय शिल्प को संरक्षित करने के लिये एक अल्पकालिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम तैयार किया है।
- इस पहल के अंर्तगत प्रदान किये गए प्रशिक्षण ने स्थानीय कारीगरों को सशक्त बनाया है और साथ ही यह भविष्य की पीढ़ियों के लिये इस पारंपरिक शिल्प को संरक्षित करने में सहायता प्रदान करेगी।
- कश्मीर भी विभिन्न उत्पादों के लिये GI पंजीकरण की मांग कर रहा है, जिसमें कश्मीर नमदा और गब्बा (दो प्रकार के घाटी-विशिष्ट ऊनी गलीचे),वाग्गुव (ईख एवं धान के भूसे से बनी चटाई), शिकारा तथा कश्मीर विलो बैट शामिल हैं।
- कच्चे माल की कम उपलब्धता, कुशल जनशक्ति और विपणन तकनीकों की कमी के कारण वर्ष 1998 से वर्ष 2008 के बीच इस शिल्प के निर्यात में लगभग 100% की गिरावट आई है।
शिल्प | राज्य |
अरनमुला कन्नादी | केरल |
बंगाल पट्टचित्र | पश्चिम बंगाल |
बस्तर ढोकरा | छत्तीसगढ़ |
पीतल की कढ़ाई वाले नारियल के खोल शिल्प | केरल |
चंबा रुमाल | हिमाचल प्रदेश |
चंदेरी फेब्रिक | मध्य प्रदेश |
छाऊ मुखौटा नृत्य | पश्चिम बंगाल |
डोकरा | पश्चिम बंगाल |
कांचीपुरम सिल्क | तमिलनाडु |
कश्मीर पश्मीना | जम्मू और कश्मीर |
कुल्लू शॉल | हिमाचल प्रदेश |
लखनऊ चिकन शिल्प | उत्तर प्रदेश |
मधुबनी चित्रकला | बिहार |
मदुर काठी | पश्चिम बंगाल |
मैसूर रेशम | कर्नाटक |
पोचमपल्ली इकत | तेलंगाना |
राजस्थानी कठपुतली | राजस्थान |
सलेम वस्त्र | तमिलनाडु |
सोलापुर चादर | महाराष्ट्र |
पंचमुरा का टेराकोटा | पश्चिम बंगाल |
तंजावुर चित्रकला | तमिलनाडु |
कुशमंडी का लकड़ी का मुखौटा | पश्चिम बंगाल |
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना:
- परिचय:
- यह वर्ष 2015 में प्रारंभ किये गए कौशल भारत मिशन के अंर्तगत एक प्रमुख योजना है।
- इसका लक्ष्य वर्ष 2022 तक भारत में 40 करोड़ से अधिक लोगों को बेहतर आजीविका और सामाजिक सम्मान के लिये व्यावसायिक प्रशिक्षण और प्रमाणन प्रदान करना है।
- PMKVY 1.0:
- प्रारंभ: 15 जुलाई, 2015 को विश्व युवा कौशल दिवस पर प्रस्तुत किया गया।
- उद्देश्य: कौशल प्रमाणन के लिये निःशुल्क अल्पकालिक प्रशिक्षण और मौद्रिक पुरस्कार प्रदान करके कौशल विकास को प्रोत्साहित करना।
- PMKVY 2.0 (वर्ष 2016-20):
- कवरेज: मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत आदि मिशनों के साथ अधिक तालमेल के लिये कदम बढ़ाया गया।
- वित्तपोषण और लक्ष्य: NSDC:राज्य सरकारें = 75:25।
- परिणाम: PMKVY 1.0 एवं 2.0 के अंर्तगत 1.2 करोड़ से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया।
- PMKVY 3.0 (वर्ष 2020-22):
- कार्यक्षेत्र: यह योजना 28 राज्यों और 8 केंद्रशासित प्रदेशों के 717 ज़िलों में लॉन्च की गई।
- कार्यान्वयन: राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों एवं ज़िलों की भागीदारी और समर्थन में वृद्धि के साथ विकेंद्रीकृत संरचना की स्थापना।
- विशेषताएँ:
- न्यू ऐज एंड इंडस्ट्री 4.0 आधारित रोज़गार भूमिकाओं पर ध्यान केंद्रित करना।
- व्यावसायिक शिक्षा और प्रारंभिक कौशल विकास पर बल देना।
- स्थानीय रोज़गार के अवसरों की पहचान करने के लिये बॉटम-अप दृष्टिकोण को अपनाना।
- PMKVY 4.0 (वर्ष 2023-26):
- कार्यक्षेत्र:
- इस योजना के नवीनतम चरण की घोषणा केंद्रीय बजट 2023-24 में की गई।
- यह ऑन-जॉब प्रशिक्षण, उद्योग साझेदारी और उद्योग की ज़रूरतों के साथ पाठ्यक्रमों के संरेखण पर बल देगा।
- कार्यान्वयन:
- NSDC द्वारा कार्यान्वित किये जाने पर राज्य सरकारें, उद्योग संघ तथा अन्य हितधारक इसमें शामिल होंगे।
- कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री के अधीन एक अधिकार प्राप्त समिति द्वारा इसकी निगरानी की जाएगी।
- विशेषताएँ:
- AI, ब्लॉकचेन, मोबाइल रिपेयरिंग, वाहन रखरखाव और प्रबंधन आदि से लेकर विभिन्न क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण तथा प्रमाणन प्रदान करता है।
- राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (NSQF) के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को संरेखित करना।
- यह उम्मीदवारों को सॉफ्ट स्किल, उद्यमिता, वित्तीय और डिजिटल साक्षरता प्रशिक्षण प्रदान करता है।
- कार्यक्षेत्र:
- कौशल विकास के लिये अन्य पहल:
- संकल्प
- STRIVE परियोजना
- कौशल विकास हेतु तेजस पहल
- कौशल विकास में अनिवार्य CSR व्यय: कंपनी अधिनियम के तहत अनिवार्य CSR खर्च, 2013 के कार्यान्वयन के बाद से भारत में निगमों ने विविध सामाजिक परियोजनाओं में 100,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है।
AI फॉर इंडिया 2.0:
- परिचय:
- AI फॉर इंडिया 2.0 कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) पर केंद्रित एक मुफ्त ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम AI फॉर इंडिया 1.0 की निरंतरता है जिसे 24 फरवरी, 2021 को लॉन्च किया गया था। AI फॉर इंडिया 1.0 एक दिवसीय ऑनलाइन कार्यक्रम था जिसमें AI के विकास में व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली पायथन प्रोग्रामिंग भाषा पर एक पूरक पाठ्यक्रम प्रदान किया गया था।
- यह स्किल इंडिया और IIT मद्रास इनक्यूबेटेड स्टार्टअप GUVI के बीच एक संयुक्त सहयोग है।
- प्रशिक्षण कार्यक्रम के पूरा होने पर अर्जित AI कौशल की पहचान और प्रमाणीकरण सुनिश्चित होता है।
- उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य AI कौशल प्रशिक्षण प्रदान करके भारत के युवाओं का भविष्य-सुरक्षित बनाना है।
- भारतीय युवाओं को अग्रणी AI कौशल से समृद्ध करना।
- रोज़गार क्षमता और कौशल विकास को बढ़ावा देना।
- प्रत्यायन:
- राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (National Council for Vocational Education and Training- NCVET) और IIT मद्रास द्वारा मान्यता प्राप्त।
- मुख्य विशेषताएँ:
- अभिगम्यता:
- यह पूरे देश में AI शिक्षण की अभिगम्यता की कल्पना करता है।
- अत्याधुनिक तकनीकों से युवाओं को सशक्त बनाना।
- भाषायी समावेशिता:
- भारतीय भाषाओं में AI कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- प्रौद्योगिकी शिक्षा में भाषा संबंधी बाधा को संबोधित करती है।
- प्रौद्योगिकी प्रगति:
- प्रौद्योगिकी-अनुकूल देश के रूप में यह भारत की स्थिति में योगदान देता है।
- अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों में प्रशिक्षण का विस्तार।
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- अभिगम्यता: