Breaking

मणिपुर में निर्वस्त्र करनेवाली वीडियो ने इंसानियत को शर्मसार किया है, कैसे?

मणिपुर में निर्वस्त्र करनेवाली वीडियो ने इंसानियत को शर्मसार किया है, कैसे?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सोशल मीडिया पर एक शर्मनाक और भयावह वीडियो सामने आने के बाद, देश भर में लोगों का गुस्सा फुट रहा है। मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड करवाने वाली वायरल वीडियो ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। हर कोई सरकार से अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहा है। वहीं, भीड़ में इस काली करतूत को अंजाम देने वाले एक मुख्य अपराधी की तस्वीर सामने आ गई है।

कौन है मणिपुर घटना का मुख्य अपराधी?

मई में मणिपुर में हुई शर्मनाक घटना का मुख्य आरोपी, जिसने हरे रंग की टी-शर्ट पहनी हुई थी और महिला को पकड़ रखा था, उचित पहचान के बाद आज सुबह एक ऑपरेशन में गिरफ्तार कर लिया गया है। इस आरोपी का नाम हुइरेम हेरोदास मेइतेई है, जो पेची अवांग लीकाई का रहने वाला है और उसकी उम्र 32 साल  है।

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि उन्होंने चार मई के उस वीडियो पर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से बात की है, जिसमें राज्य में कुछ पुरुषों द्वारा दो महिलाओं को नग्न घुमाया जा रहा है। उन्होंने इस घटना को निंदनीय और सर्वथा अमानवीय बताया। केंद्रीय मंत्री ने गुरुवार रात एक ट्वीट में कहा,मणिपुर से आया दो महिलाओं के यौन उत्पीड़न का भयावह वीडियो निंदनीय और पूरी तरह से अमानवीय है। सीएम एन बीरेन सिंह से बात की, जिन्होंने मुझे सूचित किया है कि जांच अभी चल रही है और आश्वासन दिया है कि अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए हर प्रयास किया जाएगा।

पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अपील की है कि महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और संरक्षण के लिए समर्पण के साथ काम करें। घटना चाहे राजस्थान की हो, छत्तीसगढ़ की हो या मणिपुर की, महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

बुधवार को वीडियो सामने आने के बाद मणिपुर की पहाड़ियों में तनाव बढ़ गया, जिसमें एक युद्धरत समुदाय की दो महिलाओं को दूसरे पक्ष के कुछ पुरुषों द्वारा नग्न परेड करते दिखाया गया है। यह वीडियो उनकी दुर्दशा को उजागर करने के लिए गुरुवार को इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) द्वारा घोषित एक नियोजित विरोध मार्च की पूर्व संध्या पर प्रसारित हो रहा था।

सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का मामला दर्ज

पुलिस ने कहा कि अज्ञात हथियारबंद बदमाशों के खिलाफ थौबल जिले के नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का मामला दर्ज किया गया है। एक बयान में उन्होंने कहा कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।

आईटीएलएफ के एक प्रवक्ता के अनुसार, “कांगपोकपी जिले में 4 मई को हुआ घृणित दृश्य, पुरुषों को असहाय महिलाओं के साथ लगातार छेड़छाड़ करते हुए दिखाता है, जो रोती हैं और अपने बंधकों से गुहार लगाती हैं”।

मणिपुर में महिलाओं का शोषण करने पर भड़के आशुतोष राणा

मणिपुर की दो महिलाओं के साथ हुए इस दर्दनाक हादसे के बाद आशुतोष राणा गुस्सा व्यक्त करने से खुद को नहीं रोक पाए। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर सिर्फ स्त्रियों के शोषण की कीमत चुकाने की बात ही नहीं कही, बल्कि सरकार और मीडिया से गुजारिश की कि अब वह साथ आकर राष्ट्र कल्याण के बारे में सोचें।

उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “इतिहास साक्षी है जब भी किसी आतातायी ने स्त्री का हरण किया है या चीरहरण किया है उसकी कीमत संपूर्ण मनुष्य जाति को चुकानी पड़ी है। जैसे सत्य, तप, पवित्रता और दान ‘धर्म’ के चार चरण होते हैं वैसे ही ‘लोकतंत्र’ के भी विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका व पत्रकारिता रूपी चार चरण होते हैं”।

स्त्री पर किया गया अत्याचार मानवता पर कलंक है- आशुतोष राणा

अपने इस ट्वीट में आशुतोष राणा ने महिलाओं के साथ हुए हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए लिखा, “लोकतंत्र के इन चारों स्तंभों को एक दूसरे के साथ लय से लय मिलाकर चलना होगा तभी वे लोक को अमानुषिक कृत्यों के प्रलय के ताप से मुक्त कर पाएंगे।

अब समय आ गया है जब सभी राजनीतिक दलों और राजनेताओं को, मीडिया हाउसेस व मीडिया कर्मियों को अपने मत-मतान्तरों, एक- दूसरे पर आरोप प्रत्यारोपों को भूलकर राष्ट्र कल्याण, लोक कल्याण के लिए सामूहिक रूप से उद्यम करना होगा क्योंकि ये राष्ट्र सभी का है, सभी दल और दलपति देश और देशवासियों के रक्षण, पोषण, संवर्धन के लिए वचनबद्ध हैं।

हमें स्मरण रखना चाहिए- स्त्री का शोषण, उसके ऊपर किया गया अत्याचार, उसका दमन, उसका अपमान आधी मानवता पर नहीं बल्कि पूरी मानवता पर एक कलंक की तरह है”।

मणिपुर में हुई हिंसा में लोगों ने गंवाई जान

आपको बता दें कि तीन मई से मणिपुर में हिंसा का माहौल बना हुआ है, दो समुदायों के बीच चल रही इस हिंसा के बीच अब तक 160 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और महिलाओं पर हुए इस अत्याचार ने देशभर के लोगों का दिल तोड़ दिया है।

Leave a Reply

error: Content is protected !!