पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के क्या मायने है?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारत के विदेश मंत्री ने 13वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लिया। इस मौके पर वे चीन के शीर्ष राजनयिक के साथ चर्चा में शामिल हुए।

  • उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control- LAC) पर लंबित मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें शांति के महत्त्व और सैनिकों की वापसी पर ज़ोर दिया गया।

पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन:

  • परिचय:
    • EAS की स्थापना वर्ष 2005 में दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (ASEAN) के नेतृत्व वाली पहल के रूप में की गई थी।
    • EAS हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एकमात्र नेतृत्व वाला मंच है जो रणनीतिक महत्त्व के राजनीतिक, सुरक्षा और आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने हेतु सभी प्रमुख भागीदारों को एक साथ लाता है।
    • EAS स्पष्टता, समावेशिता, अंतर्राष्ट्रीय कानून के प्रति सम्मान, आसियान केंद्रीयता और प्रेरक शक्ति के रूप में आसियान की भूमिका के सिद्धांतों पर काम करता है।
    • पूर्वी एशिया समूह का विचार पहली बार वर्ष 1991 में तत्कालीन मलेशियाई प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद द्वारा प्रस्तावित किया गया था। 
      • पहला शिखर सम्मेलन 14 दिसंबर, 2005 को कुआलालंपुर, मलेशिया में आयोजित किया गया था।
  • सदस्य:
    • EAS में 18 सदस्य शामिल हैं: 10 आसियान देश (ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्याँमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम) तथा आठ संवाद भागीदार (ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, न्यूज़ीलैंड, कोरिया गणराज्य, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका)।
  • EAS बैठकें और प्रक्रियाएँ:
    • EAS आमतौर पर हर वर्ष की चौथी तिमाही में आसियान नेताओं की बैठकों के साथ आयोजित किया जाता है।
    • EAS नेताओं के शिखर सम्मेलन को विभिन्न मंत्रिस्तरीय और वरिष्ठ अधिकारियों की बैठकों, जैसे- विदेश मंत्रियों की बैठक, आर्थिक मंत्रियों की बैठक, रक्षा मंत्रियों की बैठक एवं शिक्षा मंत्रियों की बैठक का समर्थन प्राप्त है।
    • EAS में सहयोग के छह प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं: पर्यावरण और ऊर्जा; शिक्षा; वित्त; वैश्विक स्वास्थ्य मुद्दे तथा  महामारी रोग; प्राकृतिक आपदा प्रबंधन एवं आसियान कनेक्टिविटी।
    • EAS में सामान्य हित और चिंता के अन्य विषयों को भी शामिल किया गया है, जैसे- व्यापार एवं निवेश, क्षेत्रीय वास्तुकला, समुद्री सुरक्षा, अप्रसार, आतंकवाद का विरोध तथा  साइबर सुरक्षा।
  • भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन:

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