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लोकसभा में मणिपुर को लेकर हंगामा,कार्यवाही 24 जुलाई तक स्थगित

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

संसद के मानसून सत्र में शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही कुल 19 मिनट चली फिर इसे 24 जुलाई तक स्थगित कर दिया गया।

सुबह 11 बजे लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बयान दिया, ‘सरकार मणिपुर पर चर्चा करने को तैयार है। कुछ दल हैं जो सदन चलने नहीं देना चाहते।’

वहीं, राज्यसभा की कार्यवाही कुल 18 मिनट चली फिर इसे भी 24 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया। कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों ने संसद के दोनों सदनों में मणिपुर हिंसा पर चर्चा करने के लिए नोटिस दिया है।

विपक्षी पार्टियों ने लोकसभा में रूल 193 और राज्यसभा में रूल 176 और रूल 267 के तहत नोटिस दिए हैं। लोकसभा में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी, मनिकम टैगोर और राज्यसभा में आप सांसद संजय सिंह और RJD नेता मनोज कुमार झा सहित कई सांसदों ने नोटिस देकर मणिपुर हिंसा पर चर्चा करने की मांग रखी।

गुरुवार को मानसून सेशन के पहले दिन भी संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने मणिपुर घटना पर हंगामा शुरू कर दिया था। इसके चलते दोनों सदनों की कार्यवाही अगले दिन के लिए स्थगित कर दी गई थी।

तीन चर्चित बिल जो इस सेशन में पेश होने हैं…

1. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023
केंद्र सरकार ने 19 मई को दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर, पोस्टिंग और विजिलेंस से जुड़े अधिकारों को लेकर एक अध्यादेश जारी किया था। इसके जरिए केंद्र सरकार नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी का गठन करेगी। इस अथॉरिटी में दिल्ली CM, मुख्य सचिव और प्रधान गृह सचिव होंगे।

विपक्ष का रुख: दिल्ली को लेकर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ विपक्ष एकजुट हो गया है। कांग्रेस ने 16 जुलाई को AAP को समर्थन देने की बात कही। वहीं केजरीवाल को बंगाल CM ममता बनर्जी, शरद पवार, केसीआर और उद्वव ठाकरे का साथ पहले ही मिल चुका है। 18 जुलाई को बेंगलुरु में 26 पार्टियों की विपक्षी एकता बैठक भी हुई थी।

मायने: अध्यादेश के मुताबिक, दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का आखिरी फैसला उपराज्यपाल यानी LG का होगा। इसमें मुख्यमंत्री का कोई अधिकार नहीं होगा।

2. डिजिटल पसर्नल डेटा प्रोटेक्शन बिल, 2023
इस बार के मानसून सेशन में डिजिटल पसर्नल डेटा प्रोटेक्शन बिल, 2023 भी पेश किया जाएगा। हालांकि, इससे पहले अगस्त 2022 में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल तैयार किया गया था, लेकिन IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव द्वारा वापस ले लिया गया था। IT मंत्रालय ने बिल को नए सिरे से तैयार किया, इस बार उसे डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) बिल नाम दिया।

विपक्ष का रुख: इस साल 12 जून को कोविन ऐप पर डेटा लीक की खबर आई थी। जिसको लेकर विपक्षी नेताओं ने काफी हंगामा किया था। हालांकि, सरकार ने डेटा लीक के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। डिजिटल पसर्नल डेटा प्रोटेक्शन बिल पर विपक्ष का रुख क्या रहता है, यह सदन की कार्यवाही के दौरान पता चलेगा।

मायने: इस बिल के तहत टेलिकॉम कंपनियों से लेकर सोशल मीडिया व अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कंपनियों पर यूजर का डेटा लीक करना प्रतिबंधित हो जाएगा। नियमों का उल्लंघन करने पर 250 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। इसका मकसद देश के नागरिकों की निजी डेटा की सुरक्षा करना है।

3. जन विश्वास (प्रावधान संशोधन) विधेयक, 2023
मानसून सत्र में एक और बिल पास किया जाने वाला है। इसका नाम जन विश्वास (प्रावधान संशोधन) विधेयक, 2023 है। 13 जुलाई को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस बिल को मंजूरी भी दे दी गई।22 दिसंबर 2022 को ये बिल लोकसभा में इंट्रोड्यूस किया गया था, अभी पास होना बाकी है।

विपक्ष का रुख: विपक्ष की तरफ से अभी जन विश्वास (प्रावधान संशोधन) विधेयक, 2023 पर कुछ टिप्पणी नहीं की गई है।

मायने: सिटिजन्स के डेली रूटीन को आसान बनाने के लिए 42 अधिनियमों के 183 प्रावधानों को या तो खत्म कर दिया जाएगा या उनमें संशोधन कर छोटी-मोटी गड़बड़ियों को अपराध की कैटेगरी से हटा दिया जाएगा। इनमें जेल की सजा से जुड़े कई प्रावधान शामिल हैं। इन संशोधनों को लागू किए जाने से मुकदमों का बोझ घटेगा।

अब जानिए वो 10 बिल जो पहले पेश हो चुके, मानसून सेशन में चर्चा होगी
बायोलॉजिकल डाइवर्सिटी (संसोधन) बिल 2022, जन विश्वास (संसोधन) बिल-2023, मल्टी स्टेट कॉपरेटिव सोसाइटीज (संसोधन) बिल 2022, डीएनए टेक्नोलॉजी रेगुलेशन बिल 2019, रिपीलिंग एंड एमेंडमेंट बिल 2022, फॉरेस्ट कंजर्वेशन एमेंडमेंट बिल, 2023, मीडिएशन बिल 2021, सिनेमेटोग्रॉफ संसोधन बिल 2019, संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश (तीसरा संशोधन) बिल 2022, संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश (चौथा संशोधन) बिल 2022.

 

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