मणिपुर के खिलाड़ी तमिलनाडु आकर करें अभ्यास-सीएम स्टालिन
मैं यहां राजनीति नहीं, मदद करने आई हूं-स्वाति मालीवाल
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने हिंसा प्रभावित मणिपुर के खिलाड़ियों को अपने राज्य में प्रशिक्षण के लिए रविवार को आमंत्रित किया है। उन्होंने राज्य के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन को मणिपुर के खिलाड़ियों के लिए तमिनलाडु में प्रशिक्षण की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है।
मणिपुर के खिलाड़ियों को प्रशिक्षण के लिए किया आमंत्रित
स्टालिन ने एक बयान में कहा कि मणिपुर के हालात वहां के खिलाड़ियों के लिए ‘खेलो इंडिया’ और एशियाई खेलों जैसे आयोजनों के लिए प्रशिक्षण लेने के वास्ते अनुकूल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मैंने युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन को तमिलनाडु में मणिपुर के खिलाड़ियों के लिए सभी जरूरी इंतजाम करने का निर्देश दिया है।
वहीं, उदयनिधि ने खेल विभाग की ओर से उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाएं मुहैया कराने का आश्वासन दिया है। बता दें कि तमिलनाडु खेलो इंडिया गेम्स 2024 संस्करण की मेजबानी करेगा।
मणिपुर ने देश को दिए हैं कई चैंपियन खिलाड़ी- स्टालिन
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मणिपुर ने एमसी मैरी कॉम, मीराभाई चानू, कुंजुरानी देवी, खुमुकचम संजीता चानू, तिंगोनलेइमा चानू सहित कई प्रसिद्ध खिलाड़ी दिए हैं। स्टालिन ने कहा कि मणिपुर को ‘चैंपियन, खासकर महिला चैंपियन’ पैदा करने के लिए जाना जाता है और तमिलनाडु, राज्य के मौजूदा हालात को गहरी चिंता और पीड़ा के साथ देख रहा है।
सीएम स्टालिन ने किया कहावत का जिक्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि तमिल संस्कृति प्यार और देखभाल की भावना का अनुसरण कर रही है। उन्होंने ‘याथुम ऊरे, यावरुम केलिर’ कहावत का जिक्र किया, जिसका अर्थ है ‘हर जगह मेरी है और सभी लोग मेरे संबंधी हैं।’ एम के स्टालिन ने कहा कि यह कहावत तमिलनाडु में मणिपुर के खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के संबंध में उनके निर्देश का आधार बनी।
मणिपुर के खिलाड़ी ऐसे कर सकते हैं संपर्क
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में प्रशिक्षण के इच्छुक मणिपुर के खिलाड़ी उनकी सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क कर सकते हैं या पहचान प्रमाणपत्र और प्रशिक्षण आवश्यकताओं सहित अन्य विवरण के साथ उसे ईमेल भेज सकते हैं।
मैं यहां राजनीति नहीं, मदद करने आई हूं-स्वाति मालीवाल
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल रविवार को मणिपुर पहुंचीं। उन्होंने कहा कि वह सीएम एन बीरेन सिंह से मुलाकात करेंगी और साथ ही पीड़ित परिवारों से भी मिलेंगी।
इंफाल हवाईअड्डे पर उतरने के बाद मालीवाल ने कहा, “मैं सीधे सीएम कार्यालय जाऊंगी। मैं मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से मिलना चाहती हूं। मैं यौन शोषण के पीड़ितों से मिलना चाहती हूं और देखना चाहती हूं कि क्या उन्हें कानूनी सहायता, परामर्श या कोई मुआवजा मिला है।”
स्वाति मालीवाल ने राज्य सरकार से भी अपील करते हुए कहा कि वह मणिपुर के लोगों की मदद के लिए वहां पहुंची हैं। मालीवाल ने कहा, “कृपया मुझे ऐसा करने की अनुमति दें। मैं यहां राजनीति करने नहीं आई हूं। मैं पीएम मोदी और महिला एवं बाल विकास मंत्री (स्मृति ईरानी) से मणिपुर आने का अनुरोध करती हूं। मैं राज्यपाल से भी मिलने की कोशिश करूंगी।”
राज्य की कानून व्यवस्था ठीक नहीं
मणिपुर की दो महिलाओं को नग्न घुमाने वाले वीडियो के वायरल होने के कुछ दिन बाद ही स्वाति मालीवाल राज्य के दौरे पर गई हैं। इंफाल के लिए रवाना होने से पहले, डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष ने दावा किया कि राज्य सरकार ने उन्हें अपनी यात्रा स्थगित करने के लिए कहा, क्योंकि राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति थोड़ी खराब है।
मालीवाल ने कहा, “मैंने मणिपुर सरकार को लिखा है कि मैं राज्य का दौरा करना चाहती हूं और यौन उत्पीड़न के पीड़ितों से मिलना चाहती हूं। मुझे मणिपुर सरकार से एक पत्र मिला है, जहां उन्होंने सुझाव दिया है कि मैं अपनी यात्रा स्थगित कर दूं, क्योंकि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है।”
मणिपुर सरकार से की अपील
डीसीडब्ल्यू प्रमुख ने आगे कहा कि उन्होंने मणिपुर का दौरा करने का फैसला किया है और मणिपुर सरकार से उन्हें न रोकने की अपील की है। मालीवाल ने पहले कहा, “मणिपुर सरकार चाहती है कि मैं अपने फैसले पर पुनर्विचार करूं। मैंने इस पर बहुत विचार किया और मणिपुर जाने का फैसला किया। मैं राज्य सरकार से अपील कर रही हूं कि वह मुझे न रोकें, बल्कि व्यवस्था करें, ताकि मैं यौन उत्पीड़न पीड़ितों से मिल सकूं और मदद प्रदान कर सकूं।”
पीएम मोदी को मणिपुर घटना पर लिखी चिट्ठी
मालीवाल ने यह भी दावा किया कि हिंसा और मारपीट की घटनाओं के कारण कई लड़कियां मणिपुर से भागकर दिल्ली आ गईं और कहा, “मैं सीएम के साथ इन चीजों पर चर्चा करना चाहती हूं और उनका समय मांगा है।” गुरुवार को, मालीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा, जिसमें उन्होंने मणिपुर में हिंसा को रोकने और अपने सभी नागरिकों की गरिमा और सुरक्षा की रक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया।
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