विश्व ड्राउनिंग प्रिवेन्शन डे क्या है?

विश्व ड्राउनिंग प्रिवेन्शन डे क्या है?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

 भारत में ड्राउनिंग (डूबने) की घटनाओं की चिंताजनक संख्या, जिनमें एक महत्त्वपूर्ण अनुपात बच्चों का है, ने निवारक उपायों की तत्काल आवश्यकता पर ध्यान आकर्षित किया है।

  • वर्ल्ड ड्राउनिंग प्रिवेन्शन डे (World Drowning Prevention Day) की पृष्ठभूमि में ड्राउनिंग के कारण होने वाली मृत्यु के कारणों को संबोधित करना और रोकथाम हेतु सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है जो इन त्रासदियों को रोकने में सहायता प्रदान कर सकते हैं।

वर्ल्ड ड्राउनिंग प्रिवेन्शन डे:

  • वर्ल्ड ड्राउनिंग प्रिवेन्शन डे एक वैश्विक कार्यक्रम है जो डूबने के कारण खोई जिंदगियों को याद करने के साथ ही जल और उसके आसपास सुरक्षा के संबंध में जागरूकता बढ़ाने के लिये प्रतिवर्ष 25 जुलाई को आयोजित किया जाता है।
  • वर्ल्ड ड्राउनिंग प्रिवेन्शन डे, अप्रैल 2021 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव द्वारा घोषित किया गया था, जिसने डूबने की घटनाओं की रोकथाम पर संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के भीतर कार्यों के समन्वय के लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को आमंत्रित किया था।
  • यह दिन महत्त्वपूर्ण है क्योंकि डूबना एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है जिसके कारण पिछले दशक में 2.5 मिलियन से अधिक मौतें अधिकतर निम्न और मध्यम आय वाले देशों में हुई हैं।
  • हालाँकि डूबने से होने वाली मानवीय, सामाजिक तथा आर्थिक क्षति असहनीय है, लेकिन इसे पूरी तरह से रोका जा सकता है।
    • डूबने की घटनाओं की रोकथाम के लिये साक्ष्य-आधारित, किफायती रणनीतियों को लागू करके डूबने के खतरे को काफी कम किया जा सकता है।

ड्राउनिंग से संबंधित घटनाओं के आँकड़े:

  • WHO के नवीनतम वैश्विक स्वास्थ्य अनुमान से संकेत मिलता है कि वर्ष 2019 में लगभग 2,36,000 लोगों की डूबने या ड्राउनिंग के कारण मृत्यु हो गई थी।
    • इनमें से 50% से अधिक मौतें 30 वर्ष से कम उम्र के लोगों की हुई थीं तथा 5-14 वर्ष की आयु के बच्चों की डूबने से होने वाली मृत्यु विश्व भर में होने वाली मौतों का छठा प्रमुख कारण है।
    • ड्राउनिंग की सबसे अधिक दर 1-4 वर्ष की आयु के बच्चों की है। इसके बाद वैश्विक स्तर पर 5-9 वर्ष की आयु के बच्चे इसमें शामिल हैं।
  • ड्राउनिंग विश्व भर में अनजाने में चोट के कारण होने वाली मौतों का तीसरा प्रमुख कारण है जो चोट से संबंधित सभी मौतों का 7% है।
  • लड़कियों की तुलना में लड़कों में ड्राउनिंग का खतरा अधिक होता है।
  • शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में ड्राउनिंग की दर अधिक है।
  • सुरक्षित जल तक सीमित पहुँच के कारण ड्राउनिंग की आशंका बढ़ जाती है।
  • राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, भारत में वर्ष 2021 में डूबने से 36,362 मौतें हुईं, इनमें बच्चे विशेष रूप से सुभेद्य थे।

ड्राउनिंग का कारण और इसके जोखिम:

  • ड्राउनिंग को तरल पदार्थ में डूबने या डुबाने से श्वसन हानि का अनुभव करने की प्रक्रिया के रूप में परिभाषित किया गया है।
  • डूबने की घटना विभिन्न कारणों से हो सकती है, जैसे- बाढ़, तूफान, नाव दुर्घटनाएँ, पर्यवेक्षण की कमी, असुरक्षित जल स्रोत या मनोरंजक गतिविधियाँ।
  • डूबने के मुख्य जोखिम कारकों में उम्र, लिंग, स्थान, जल तक पहुँच, तैराकी की क्षमता, शराब का उपयोग और जागरूकता की कमी शामिल हैं।
  • तैराकी कौशल और जल सुरक्षा के संबंध में जागरूकता की कमी डूबने के जोखिम को बढ़ा सकती है।
  • शराब के सेवन से निर्णय लेने में कठिनाई होती है और डूबने की संभावना बढ़ जाती है।
  • डूबने से बचाव के उपायों के बारे में जागरूकता की कमी सुरक्षात्मक उपायों को कम कर देती है।

ड्राउनिंग से बचाव के लिये कुछ प्रभावी उपाय: 

  • पहुँच को नियंत्रित करने के लिये जल निकायों (पूल, कुएँ, तालाब) के चारों ओर अवरोध स्थापित करना।
  • बच्चों और वयस्कों के लिये जल से दूर सुरक्षित क्षेत्र उपलब्ध कराना।
  • तैराकी और जल सुरक्षा संबंधी कौशल प्रशिक्षण, विशेषकर उन लोगों को जो जल निकायों के पास रहते हैं या जल से संबंधित गतिविधियों में संलग्न हैं।
  • दर्शकों को सुरक्षित बचाव और पुनर्जीवन तकनीकों की जानकारी देना, जैसे- हृत्फुफ्फुसीय पुनर्जीवन (Cardiopulmonary Resuscitation- CPR) या मुँह से साँस देने का प्रशिक्षण।
  • लाइफ जैकेट पहनने और उचित रखरखाव सहित सुरक्षित नौकायन एवं शिपिंग नियमों को लागू करना।
  • बाढ़ प्रतिरोधी बुनियादी ढाँचे और पूर्व चेतावनी प्रणालियों के साथ बाढ़ जोखिम प्रबंधन में सुधार करना।

ड्राउनिंग से होने वाली मौतों की रोकथाम हेतु सरकारी पहल:

  • भारत:
    • भारत सरकार ने  देश में ड्राउनिंग की घटनाओं की रोकथाम की रूपरेखा का मसौदा तैयार करने के लिये एक विशेषज्ञ समिति की स्थापना की है।
    • स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने फरवरी 2022 में ड्राउनिंग की घटनाओं की रोकथाम को कवर करते हुए एक ‘राष्ट्रीय आपातकालीन जीवन सहायता’ प्रदाता पाठ्यक्रम मैनुअल पेश किया।
  • वैश्विक:

Leave a Reply

error: Content is protected !!