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राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की मुख्य विशेषताएँ महत्वपूर्ण है,कैसे? - श्रीनारद मीडिया

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की मुख्य विशेषताएँ महत्वपूर्ण है,कैसे?

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की मुख्य विशेषताएँ महत्वपूर्ण है,कैसे?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

  •  शिक्षा राज्य मंत्री ने भारत में शिक्षा क्षेत्र में बदलाव के लिये राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy- NEP) 2020 के तहत की गई पहलों पर लोकसभा में महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020:

  • परिचय: 
    • NEP 2020 का लक्ष्य “भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति (Global Knowledge Superpower)” बनाना है। स्वतंत्रता के बाद से यह भारत के शिक्षा ढाँचे में तीसरा बड़ा सुधार है।
      • पहले की दो शिक्षा नीतियाँ वर्ष 1968 और 1986 में लाई गई थीं।
  • मुख्य विशेषताएँ: 
    • प्री-प्राइमरी स्कूल से कक्षा 12 तक स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करना।
    • 3-6 वर्ष के बीच के सभी बच्चों के लिये गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा सुनिश्चित करना।
    • नई पाठ्यचर्या और शैक्षणिक संरचना (5+3+3+4) क्रमशः 3-8, 8-11, 11-14 एवं 14-18 वर्ष के आयु समूहों से सुमेलित है।
      • इसमें स्कूली शिक्षा के चार चरण शामिल हैं: मूलभूत चरण (5 वर्ष), प्रारंभिक चरण (3 वर्ष), मध्य चरण (3 वर्ष) और माध्यमिक चरण (4 वर्ष)।
    • कला तथा विज्ञान के बीच, पाठ्यचर्या व पाठ्येतर गतिविधियों के बीच, व्यावसायिक और शैक्षणिक धाराओं के बीच कोई सख्त अलगाव नहीं
    • बहुभाषावाद और भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने पर ज़ोर।
    • एक नए राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र, परख (प्रदर्शन मूल्यांकन, समीक्षा एवं समग्र विकास के लिये ज्ञान का विश्लेषण) की स्थापना।
    • वंचित क्षेत्रों और समूहों के लिये एक भिन्न लैंगिक समावेशन निधि और विशेष शिक्षा क्षेत्र

NEP 2020 के तहत प्रमुख पहलें: 

  • उभरते भारत के लिये PM स्कूल (SHRI):  PM-SHRI योजना का उद्देश्य न्यायसंगत, समावेशी और मनोरंजक स्कूली वातावरण में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना है।
    • यह देश भर में 14500 से अधिक स्कूलों के उन्नयन और विकास के लिये सितंबर 2022 में शुरू की गई एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
    • पीएम-श्री पहल के तहत स्कूलों को अपग्रेड करने के लिये 630 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं।
  • निपुण भारत: ‘बेहतर समझ और संख्यात्मक ज्ञान के साथ पढ़ाई में प्रवीणता के लिये राष्ट्रीय पहल- निपुण’ (National Initiative for Proficiency in Reading with Understanding and Numeracy- NIPUN) भारत मिशन का दृष्टिकोण मूलभूत साक्षरता तथा संख्यात्मकता के सार्वभौमिक अधिग्रहण को सुनिश्चित करने हेतु एक सक्षम वातावरण बनाना है ताकि प्रत्येक बच्चा वर्ष 2026-27 तक ग्रेड 3 के अंत तक पढ़ने, लिखने और संख्यात्मकता में वांछित सीखने की दक्षता हासिल कर सके।
  • पीएम ई-विद्या: इस पहल का उद्देश्य दीक्षा जैसे विभिन्न ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म प्रदान करके और देश भर के छात्रों को ई-पुस्तकें तथा ई-सामग्री प्रदान कर ऑनलाइन शिक्षा एवं डिजिटल शिक्षण को बढ़ावा देना है।
  • NCF FS और जादुई पिटारा:  3 से 8 वर्ष की आयु के बच्चों हेतु खेल-आधारित अध्ययन की शिक्षण सामग्री हेतु मूलभूत चरण के लिये राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (National Curriculum Framework for Foundational Stag- NCF FS) और जादुई पिटारा शुरू की गई है।
  • निष्ठा: ‘नेशनल इनीसिएटिव फॉर स्कूल हेड्स एंड टीचर्स होलीस्टिक एडवांसमेंट’ अर्थात् निष्ठा (National Initiative for School Heads and Teachers Holistic Advancement- NISHTHA) भारत में शिक्षकों और स्कूल प्रधानाचार्यों के लिये एक क्षमता-निर्माण कार्यक्रम है।
  • नेशनल डिजिटल एजुकेशन आर्किटेक्चर (NDEAR): यह वास्तुशिल्प संबंधी ब्लूप्रिंट है, जो शिक्षा से संबंधित डिजिटल प्रौद्योगिकी-आधारित अनुप्रयोगों को सक्षम बनाने हेतु मार्गदर्शक सिद्धांतों का एक सेट तैयार करता है।
  • शैक्षणिक रूपरेखा: क्रेडिट हस्तांतरण और शैक्षणिक लचीलेपन की सुविधा के लिये राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCrF) तथा राष्ट्रीय उच्च शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क (NHEQF) की शुरुआत।
  • शिक्षा क्षेत्र में निवेश में वृद्धि: इस नीति के अनुसार, केंद्र सरकार और राज्य सरकारों दोनों को शिक्षा क्षेत्र के लिये सकल घरेलू उत्पाद का संयुक्त रूप से 6% आवंटित करना होगा।
    • इस विज़न को ध्यान में रखते हुए शिक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2020-21 के बजट की तुलना में 13.68% की वृद्धि के साथ वर्ष 2023-24 के लिये 1,12,899 करोड़ रुपए का बजट रखा है।
  • अंतर्राष्ट्रीय परिसर/कैंपस और साझेदारी: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारतीय विश्वविद्यालयों को विदेशों में परिसर स्थापित करने और विदेशी संस्थानों को भारत में संचालन के लिये आमंत्रित करने में सहायता करती है।
    • ज़ांज़ीबार और अबू धाबी में IIT परिसरों की स्थापना के लिये समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए हैं, जो भारत की वैश्विक शैक्षिक पहुँच को दर्शाता है।
  • गिफ्ट सिटी (GIFT City) में शैक्षिक नवाचार:
    • NEP 2020 का नवाचारी दृष्टिकोण गुजरात के गिफ्ट सिटी में लागू किया गया है, जहाँ विश्व स्तरीय विदेशी विश्वविद्यालयों और संस्थानों को विशेष पाठ्यक्रम प्रदान करने की अनुमति प्राप्त है।
      • घरेलू नियमों से मुक्त इस कदम का उद्देश्य वित्तीय सेवाओं और प्रौद्योगिकी के लिये उच्च-स्तरीय मानव संसाधनों का विकास करना है।

अन्य संबद्ध पहलें:

  • विश्व स्तरीय संस्थान योजना: वर्ष 2017 में शुरू की गई विश्व स्तरीय संस्थान योजना का उद्देश्य किफायती, शीर्ष पायदान के शैक्षणिक और अनुसंधान केंद्रों का निर्माण करना है।
    • यह योजना अकादमिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिये “प्रतिष्ठित संस्थानों” (Institutions of Eminence- IoEs) को नामित करती है।
    • अभी तक में आठ सार्वजनिक और चार निजी समेत 12 संस्थानों को चिह्नित किया गया है, जो विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने की भारत की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है।
  • अकादमिक नेटवर्क के लिये वैश्विक पहल (Global Initiative for Academic Network- GIAN) और SPARC: GIAN भारत के शैक्षणिक संसाधनों को बेहतर बनाने के लिये भारतीय मूल के वैज्ञानिकों एवं उद्यमियों सहित अन्य वैज्ञानिकों व उद्यमियों की विशेषज्ञता का उपयोग करने पर केंद्रित है।
    • अकादमिक और अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देने हेतु योजना (Scheme for Promotion of Academic and Research Collaboration- SPARC) भारतीय और विदेशी संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ावा देकर अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को बेहतर बनाने का प्रयास करती है।
    • ये पहलें अनुसंधान की गुणवत्ता में वृद्धि करने और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में  अहम भूमिका निभाती हैं।
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