बंगाल की अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में 9 की मौत
विस्फोट इनता तेज था कि पड़ोस के घरों की छतें क्षतिग्रस्त हो गईं
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के दत्तपुकुर में एक पटाखा फैक्ट्री में रविवार को जोरदार धमाका हुआ। हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई। इस मुद्दे पर बीजेपी ने एनआईए से जांच करवाने की मांग की है। वहीं, बीजेपी ने सोमवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा से वॉकआउट किया।
बीजेपी के नेता विधायक सुवेंदु अधिकारी ने सोमवार को विधानसभा परिसर में कहा, “इससे पहले कि सभी सबूत खत्म हो जाएं, राज्य सरकार को तुरंत जांच एनआईए को सौंप देनी चाहिए। हमने कोलकाता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की पीठ के समक्ष एक जनहित याचिका भी दायर की है, जिसे स्वीकार कर लिया गया है।”
50 से ज्यादा घर आंशिक तौर से क्षतिग्रस्त
विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने यह भी कहा कि विस्फोट की तीव्रता इतनी तेज थी कि पड़ोस के घरों की कंक्रीट की छतें भी क्षतिग्रस्त हो गईं। अधिकारी ने दावा करते हुए कहा कि विस्फोट इतना तेज आरडीएक्स विस्फोटक की वजह से हुआ। बता दें कि विस्फोट की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि पड़ोस के 50 से अधिक घर आंशिक तौर से क्षतिग्रस्त हो गए और घटना में मारे गए लोगों के शरीर के अंग कई इमारतों की छतों पर पाए गए।
पटाखा फैक्ट्री के मालिक और बेटे की भी मौत
इस विस्फोट में अवैध पटाखा फैक्ट्री के मालिक और उनके बेटे की भी मौत हो गई है। पुलिस ने बताया कि घटना के सिलसिले में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारी ने सीएम ममता बनर्जी पर आरोप लगहाते हुए कहा, जब एगरा में इसी तरह का विस्फोट हुआ था तो सीएम ने कहा था कि इसके उपाय करने के लिए मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक पैनल बनाया जाएगा ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
उन्होंने पूछा, “उन उपायों का क्या हुआ जो राज्य सरकार को उठाने चाहिए थे?” मई में पूर्वी मेदिनीपुर जिले के एगरा क्षेत्र में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हो गया था, जिसमें बारह लोग मारे गए थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस विस्फोट में मरने वाले सभी लोग सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी से जुड़े थे। उन्होंने कहा कि जब तक आरोपों पर विस्फोटक अधिनियम की धाराएं लागू नहीं होतीं, केंद्र स्वत: संज्ञान लेकर एनआईए को जांच नहीं सौंप सकता।
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