संसद का विशेष सत्र : ये घबराहट का संकेत-राहुल गांधी

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

संसद के विशेष सत्र बुलाए जाने पर राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि ये घबराहट का संकेत है। उन्होंने कहा कि पहले घबराहट की वजह से संसद से मेरी सदस्यता रद कर दी गई थी और ये उसी तरह की घबराहट है।

संसद के विशेष सत्र का आयोजन
बता दें कि सरकार ने सितंबर महीने में संसद का विशेष सत्र बुलाया है। इस विशेष सत्र का आयोजन 18 सितंबर से 22 सितंबर के बीच होगा, जिसे लेकर राहुल गांधी ने एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट किया है।

संसद के विशेष सत्र पर क्या बोले राहुल गांधी?

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लिखा,मुझे लगता है कि शायद यह थोड़ी घबराहट का संकेत है। उसी तरह की घबराहट है, जो तब हुई थी जब मैंने संसद में बोला था, घबराहट की वजह से अचानक उन्हें मेरी संसद सदस्यता रद करनी पड़ी। इसलिए, मुझे लगता है कि यह घबराहट की बात है, क्योंकि ये मामले पीएम के बहुत करीब हैं। जब भी आप अडानी मामले को छूते हैं, तो पीएम बहुत असहज और घबरा जाते हैं।

अडानी मामले में जेपीसी का हो गठनः राहुल गांधी

राहुल गांधी ने अडानी ग्रुप पर OCCRP के आरोपों पर कहा कि यह विषय देश की छवि से जुड़ा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि पीएम मोदी को इस विषय की जांच करने के लिए एक जेपीसी का गठन करना चाहिए।

विशेष सत्र पर क्या बोले अधीर रंजन?

वहीं, विशेष सत्र के आयोजन पर कांग्रेस नेता

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हमें इसके बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं बताया गया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सूचना दी जाती है, लेकिन पता नहीं क्या महत्वपूर्ण स्थिति आ गई है, जो विशेष सत्र बुलाया जा रहा है।

अधीर रंजन चौधरी ने मणिपुर और चीन पर चर्चा की मांग को लेकर कहा कि अगर सरकार में हिम्मत है, तो चीन और मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा करें। साथ ही हमारी जेपीसी गठन की मांग को स्वीकार करें।

केंद्र सरकार ने चौंकाने वाले फैसले के तहत संसद का विशेष सत्र बुलाया है. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी (Pralhad Joshi) ने गुरुवार (31 अगस्त) को एक्स पर पोस्ट कर बताया कि संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक चलेगा. इसमें 5 बैठकें होंगी.

स्पेशल सत्र नई संसद में होगा. सूत्रों के मुताबिक, इस सत्र में 10 से ज्यादा महत्वपूर्ण बिल पेश किए जाएंगे. बिल की वजह से स्पेशल सेशन बुलाया जा रहा है. प्रह्लाद जोशी ने लिखा कि अमृत काल के बीच संसद में सार्थक चर्चा और बहस का इंतजार कर रहा हूं.

मानसून सत्र में हुआ था जोरदार हंगामा 

बता दें कि संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से 11 अगस्त तक चला था. इस दौरान मणिपुर हिंसा को लेकर दोनों ही सदनों में जमकर हंगामा हुआ था. विपक्षी दलों ने मणिपुर के मुद्दे पर सदन में चर्चा और पीएम मोदी के बयान की मांग करते हुए जोरदार हंगामा किया था.

आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा की तैयारियां भी जोरों पर हैं। लोकसभा चुनाव चाहें समय पह हों या उससे पहले भगवा पार्टी अभी से एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। राजनीतिक हलकों में मोदी सरकार की नौ साल की उपलब्धियों के प्रचार पर जोर को इसी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

अभी यह बातें सत्ता और सियासत के गलियारों में आम नहीं हुई हैं, लेकिन सत्ता के उच्च स्तर पर कुछ खास लोगों ने इस तरह के संकेत देने शुरू कर दिए हैं कि सरकार और भाजपा के शीर्षस्थ स्तर पर इसे लेकर न सिर्फ मंथन चल रहा है, बल्कि यह आकलन भी हो रहा है कि लोकसभा और चार राज्यों के विधानसभा चुनावों को साथ कराने में कितना सियासी फायदा या नुकसान है।

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