राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन को लेकर एक दिवसीय पाठशाला का आयोजन, सभी को दिया जरूरी दिशा – निर्देश 

राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन को लेकर एक दिवसीय पाठशाला का आयोजन, सभी को दिया जरूरी दिशा – निर्देश

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टीबी मरीजों की अधिक से अधिक खोज को ले कार्य करने की जरूरत: डॉ एमके झा

क्षेत्र में मुख्य रूप से तीनों बिंदुओं पर कार्य करने की आवश्यकता: डीपीएस

श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया (बिहार):

राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, कर्मी और जिले के अन्य सहयोगी संस्थाओं के द्वारा लगातार प्रयास किया जाता है। ताकि वर्ष 2025 तक टीबी जैसी बीमारी को आसानी से खत्म जा सके। इसी कड़ी में कर्नाटका हेल्थ प्रमोशन ट्रस्ट (केएचपीटी) द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला सह पाठशाला का आयोजन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल परिसर स्थित एएनएम स्कूल के सभागार में किया गया। इस अवसर पर जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ मिहिरकांत झा, जिला टीबी व एड्स समन्वयक राजेश कुमार शर्मा, टीबीएचवी राजनाथ झा, कर्नाटका हेल्थ प्रमोशन ट्रस्ट के जिला समन्वयक अरुणेंदु झा सहित केएचपीटी से जुड़े सभी प्रखंड समन्यवयक उपस्थित थे।

टीबी मरीजों की खोज अधिक से अधिक हो इसको लेकर कार्य करने की जरूरत: डॉ एमके झा
जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ मिहिरकांत झा ने राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में चल रहे विभिन्न आयोजन एवं सहयोगी संस्था के आपसी सामंजस्य को पहले से बेहतर करने को लेकर विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक स्तर पर बैठकों का आयोजन कर अधिक से अधिक टीबी मरीजों की खोज करना होगा। ताकि समय सीमा के अंदर टीबी उन्मूलन अभियान को गति देते हुए इसे जड़ से मिटाया जा सके। उन्होंने केएचपीटी के सामुदायिक स्तर पर कार्य करने वाले समन्वयकों के साथ विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा करते हुए बताया कि जिला यक्ष्मा केंद्र के अधिकारियों का सहयोग हमेशा से मिलते आ रहा है। निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए हर संभव सहयोग किया जाएगा।

क्षेत्र में मुख्य रूप से तीनों बिंदुओं पर कार्य करने की आवश्यकता: डीपीएस
जिला टीबी व एड्स समन्वयक राजेश कुमार शर्मा ने महत्वपूर्ण सूचकांक को साझा करते हुए बताया कि किसी कारणवश राष्ट्रीय पोर्टल पर डाटा समय से प्रदर्शित नहीं हो पाता है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। कभी तकनीकी रूप से परेशानी हो सकती है। लेकिन उसको अपडेट्स करना अतिआवश्यक है। उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से तीनों बिंदुओं यथा- समुदाय से रेफर, केंद्र पर जांच एवं टीबी संक्रमित मरीजों की दवा प्रारंभ से पूर्व ही विभागीय पोर्टल पर अपलोड करना सुनिश्चित होना चाहिए।

क्षेत्र में बाज़ की तरह कार्य करने की जरूरत: केएचपीटी
कर्नाटका हेल्थ प्रमोशन ट्रस्ट के जिला समन्वयक अरुणेंदु झा ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों को पूरा करने के लिए यथासंभव प्रयास किया जा रहा है। पहले की अपेक्षा अत्यधिक रोगियों की पहचान कर नजदीक स्वास्थ्य केंद्र के माध्यम से टीबी जांच कराई गई है। कहा कि अभी भी आप सभी सामुदायिक समन्वयकों को बाज़ की तरह ही क्षेत्र में कार्य करने की आवश्यकता है। टीबी के संभावित मरीजों की खोज सतत होते रहनी चाहिए। जिन रोगियों की दवा शुरू हो चुकी है उनकी भी सतत निगरानी अतिआवश्यक है।

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