अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति के बदौलत महज सालभर में बदल दिया विद्यालय का माहौल
श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):
दुष्यंत कुमार का यह शेर-‘कौन कहता है आसमां सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों ‘ सीवान जिला के बड़हरिया प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय चक पड़रौना के वरीय शिक्षक मनोज कुमार सिंह के किरदार पर सटीक बैठता है।वर्षों तक बीआरपी के रुप में रहने बाद 11 अगस्त,2022 को जब मवि चक पड़रौना पहुंचे तो माहौल कुछ और था।और आज माहौल कुछ और है।
उन्होंने अपनी कर्मठता व व्यवहारिकता से विद्यालय का माहौल बदलना शुरु किया। बच्चों के प्रति अगाध प्रेम व शिक्षकों से समंवय स्थापित कर शैक्षिक गतिविधियों के साथ ही उन्होंने सांस्कृतिक गतिविधियों को जारी रखा।उसका नतीजा सुखद और सकारात्मक निकला है।उनके आते ही विद्यालय में करीब 100 नये बच्चों ने दाखिला लिया है,जिनमें 50 फीसदी बच्चे प्राइवेट स्कूलों को छोड़ कर आये हैं।
यह उनके पठन-पाठन की बेहतरीन शैली और बच्चों के प्रति वात्सल्य प्रदर्शित करने का प्रतिफल है।एचएम कुमार ओमप्रकाश रत्नाकर के अनुसार विद्यालय में जिस बुनियादी सुविधा की जरुरत महसूस होती है,उसकी पूर्ति मनोज सिंह की तनख्वाह से होती है। छोटे-छोटे अवसरों पर भी बच्चों को पुरस्कृत कर उनका मनोबल बढ़ाना खूब भाता है।
इतना ही नहीं, विद्यालय में चेतना सत्र की शुरुआत गीत-संगीत से होती है जिसके सूत्रधार मनोज सिंह होते हैं।आनंददायी माहौल बनाने में उनकी बड़ी भूमिका है।विद्यालय के दर्जनभर बच्चे पियानो बजाना सीख चुके हैं। इसका श्रेय मनोज कुमार सिंह को जाता है। किसी ने कहा है-‘ किसी चिराग का अपना मकां नहीं होता,जहां जलेगा वहीं रोशनी लूटायेगा।’
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