G20 Summit 2023: भारत ने ब्राजील को सौंपी आगामी जी-20 की अध्यक्षता
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
देश की राजधानी नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन का रविवार को समापन हो गया। समापन समारोह के दौरान भारत ने अगले जी-20 की अध्यक्षता की जिम्मेदारी औपचारिक रूप से ब्राजील को सौंप दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा (Luiz Inacio Lula da Silva) को अध्यक्ष पद की औपचारिक जिम्मेदारी सौंपकर परिवर्तन पूरा किया।
पीएम मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति को सौंपी अध्यक्षता की जिम्मेदारी
अगले जी-20 की अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपने के बाद पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि भारत ने आधिकारिक रूप से अगले जी-20 की जिम्मेदारी ब्राजील को सौंप दी है। उन्होंने कहा है कि भारत आगामी जी-20 की अध्यक्षता के दौरान ब्राजील को इस मामले में हरसंभव सहयोग करेगा। उन्होंने कहा भारत ने आधिकारिक रूप से ब्राजील को इसकी जिम्मेदारी दे दी है। हमें पूरा भरोसा है कि वे समर्पण और दूरदर्शिता के साथ इसका नेतृत्व करेंगे और वैश्विक एकता और समृद्धि को भी आगे बढाएंगे। भारत ने आगामी जी-20 की अध्यक्षता के लिए ब्राजील को हरसंभव सहयोग का भरोसा दिया।”
ब्राजील के राष्ट्रपति ने क्या कहा?
वहीं, जी-20 की अध्यक्षता आधिकारिक रूप से ग्रहण करने के बाद ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा ने एक्स पर कहा है कि आगामी जी-20 का आदर्श वाक्य ‘एक न्यायपूर्ण विश्व और एक टिकाऊ ग्रह का निर्माण’ है। मालूम हो कि भारत के नेतृत्व में हो रहे जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान एक साझा घोषणा पत्र जारी किया गया। इस घोषणा पत्र में खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन सहित कई प्रमुख मुद्दों पर प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है।
पीएम मोदी ने वर्चुअल बैठक का रखा प्रस्ताव
मालूम हो कि भारत ने पिछले साल एक दिसंबर को उस समय के अध्यक्ष रहे इंडोनेशिया से जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण की थी और यह जिम्मेदारी भारत के पास 30 नवंबर तक रहने वाली है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 समूह के नेताओं के समक्ष इसी साल नवंबर में एक वर्चुअल बैठक आयोजित करने का भी प्रस्ताव रखा है।
क्या बोले पीएम मोदी?
जी20 समिट के समापन समारोह में पीएम मोदी ने समूह के नेताओं से कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि जो सुझाव दिए गए हैं, उन पर गौर करें और देखें कि प्रगति को कैसे तेज किया जा सकता है।
G20 समिट के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने G20 की अध्यक्षता ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा को सौंप दी। इसके साथ ही PM ने समिट के समापन का ऐलान किया। ब्राजील अगले साल होने वाली G20 समिट का आयोजन करेगा। PM ने संस्कृत भाषा में कहा- स्वस्ति अस्तु विश्वस्य! यानी संपूर्ण विश्व में आशा और शांति का संचार हो।
समिट के आखिरी सेशन के बाद PM मोदी ने कहा कि दुनिया बदल रही है इसके साथ दुनिया के संस्थानों को भी बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा- UNSC में अभी तक उतने ही सदस्य हैं जितने इसकी स्थापना के वक्त थे। स्थायी देशों की संख्या बढ़नी चाहिए। इसके बाद ब्राजील के राष्ट्रपति ने कहा कि गरीब देशों की कर्ज की समस्या पर ध्यान देना होगा। दुनिया को भुखमरी खत्म करने की कोशिश बढ़ानी होगी।
अध्यक्षता मिलने के बाद ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने कहा- आज महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते वक्त मैं काफी भावुक हो गया था। सब जानते हैं कि मेरे राजनीतिक जीवन में महात्मा गांधी का कितना महत्व है। उन्होंने कहा कि ब्राजील की प्रेसिडेंसी की 3 प्राथमिकताएं होंगी।
1) सामाजिक न्याय और भुखमरी के खिलाफ लड़ाई
2) सस्टेनेबल डेवलपमेंट
3) दुनिया के संस्थानों में बदलाव
लूला डा सिल्वा को अध्यक्षता सौंपते वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- दो दिनों में, आप सभी ने अनेक बातें यहां रखी हैं, सुझाव दिए हैं, बहुत सारे प्रस्ताव रखे हैं। हमारी ये जिम्मेदारी है कि जो सुझाव आए हैं, उनको भी एक बार फिर देखा जाए कि उनकी प्रगति में गति कैसे लाई जा सकती है। मेरा प्रस्ताव है कि हम नवंबर के अंत में G-20 समिट का एक वर्चुअल सेशन और रखें। उस सेशन में हम इस समिट के दौरान तय विषयों की समीक्षा कर सकते हैं।
G20 समिट खत्म होने के बाद यूक्रेन में सीजफायर के मुद्दे पर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा- हमें नेगोसिएशन से कोई दिक्कत नहीं है। जमीनी हकीकत को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता।
इससे पहले तीसरे सेशन के दौरान घोषणा पत्र पर औपचारिक मुहर लगाई गई। शिखर सम्मेलन शुरू होने से ठीक पहले ब्राजील और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने PM मोदी को पौधे भेंट किए। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन वियतनाम दौरे के लिए रवाना हो गए।
फ्रेंच प्रेसिडेंट मैक्रों के साथ PM मोदी का लंच
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ लंच पर बातचीत की। PM मोदी कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रू़डो से भी बातचीत की। बैठक के बाद खालिस्तान के मुद्दे पर ट्रूडो ने कहा- बीते कुछ सालों में मेरी PM मोदी से इस मुद्दे पर बात हुई है। हम हमेशा से अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करते हैं। शांतिपूर्ण प्रदर्शन सभी का अधिकार है।
ट्रूडो ने कहा- इसके साथ ही हम हिंसा का विरोध करते हैं और किसी भी तरह की नफरत की भावना को दूर करेंगे। ये ध्यान रखना चाहिए कि कुछ लोगों के एक्शन पूरे कनाडा की सोच को नहीं दर्शाते हैं। हम कानून की इज्जत करते हैं। इसके बाद मोदी और तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन ने भी द्विपक्षीय बैठक की।
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