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World First Aid Day: फर्स्ड एड की जागरुकता कैसे बचा सकती है किसी की जान?

World First Aid Day: फर्स्ड एड की जागरुकता कैसे बचा सकती है किसी की जान?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस एंड रेड क्रिसेंट सोसाइटीज ने साल 2000 में विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस की शुरूआत की थी। तब से लेकर हर साल सितंबर महीने के दूसरे शनिवार को वर्ल्‍ड फर्स्ट एड डे मनाया जाता है। इस साल आज यानी की 9 सितंबर को वर्ल्‍ड फर्स्ट एड डे मनाय़ा जा रहा है।

इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को जागरूक करना कि वे रोजमर्रा के जीवन में संकट की स्थिति बनने पर किस तरह से प्राथमिक चिकित्सा के जरिए किसी की जान बचा सकते हैं। आज के दिन लोगों को प्राथमिक चिकित्सा की जरूरत, प्राथमिक चिकित्सा के फायदे और घर में फर्स्ट एड बॉक्स रखने के बारे में जागरुक किया जाता है।

क्या है फर्स्ट एड

इसके लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि फर्स्ट एड क्या होता है। इसके लिए आपके किन चीजों की जरूरत पड़ती है। जिससे कि आप किसी का फौरन प्राथमिक उपचार कर सकें। बता दें कि फर्स्ट एड का मतलब है कि किसी घायल व्यक्ति को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने से पहले उसको जो उपचार दिया जाता है। उस फर्स्ट एड कहा जाता है। उपचार के लिए आपके पास फर्स्ट एड बॉक्स में कुछ चीजें जैसे- डिटॉल, कॉटन, बैंडेज और बैंडेड आदि होना चाहिए। इसके अलावा हैंड सैनिटाइजर, दर्द निवारक दवाएं, कैंची और मेडिकली प्रूव्ड दवाएं होनी चाहिए। साथ ही अस्पताल का इमरजेंसी फोन नंबर और थर्मामीटर भी होना जरूरी है।

क्यों होती है फर्स्ट एड की जरूरत

बता दें कि अक्सर स्‍कूलों में प्राथमिक चिकित्सा के बारे में बच्चों को सिखाया जाता है। लेकिन समय के साथ लोग सेहत के बारे में जरूरी बातों को भूल जाते हैं। लेकिन हर व्यक्ति को इसके बारे में जानकारी होना आवश्यक होता है। जिससे कि एक्सीडेंट आदि में घायल व्यक्ति को फर्स्ट एड डे की मदद से बचाया जा सके। हालांकि ऐसा तभी संभव है, जब हर किसी को फर्स्ट एड के बारे में जानकारी होगी। तभी आप किसी को प्राथमिक उपचार दे सकते हैं।

कब दिया जाता है प्राथमिक उपचार

जब सड़क दुर्घटना में कोई व्यक्ति घायल हो जाता है, तो उसे फर्स्ड एड की जरूरत होती है। लेकिन समय पर फर्स्ड एड ना मिलने पर कई बार व्यक्ति की मौत भी हो जाती है। फर्स्ट एड के जरिए घायल व्यक्ति के घाव को साफ करना, उसके घाव पर पट्टी आदि बांधना। ताकि हॉस्पिटल ले जाने के दौरान घायल व्यक्ति का ज्यादा खून ना बहे। वहीं दिल संबंधी समस्या या दर्द आदि होने पर भी हॉस्पिटल ले जाने से पहले जो इलाज किया जाता है, उसे फर्स्ट एड कहा जाता है।

 

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