मिशन परिवार विकास अभियान – परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा का पूर्णिया कोर्ट यूपीएचसी से हुआ आगाज

मिशन परिवार विकास अभियान – परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा का पूर्णिया कोर्ट यूपीएचसी से हुआ आगाज

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“छोटा परिवार- सुखी परिवार” की अवधारणा को अपनाने के लिए सिविल सर्जन ने की अपील:

गर्भनिरोधक या स्वैच्छिक नसबंदी कर जनसंख्या वृद्धि को आसानी से रोकने में होगी सहूलियत: सिविल सर्जन

श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):


शिशु मृत्यु दर कम करना, विलंब से विवाह करने को प्रोत्साहित करना, महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार और सामुदायिक रोगों पर नियंत्रण करने के उद्देश्य को शत प्रतिशत धरातल पर उतरना ही परिवार नियोजन कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। जिसको लेकर विगत 04 से 26 सितंबर तक जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा संचालित किया जा रहा है। इसके तहत 04 से 10 सितंबर तक दंपति संपर्क सप्ताह के सफलतापूर्वक आयोजन के बाद 11 से 26 सितंबर तक दूसरे चरण में परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा संचालित किया जा रहा है। जिसको लेकर पूर्णिया कोर्ट स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के परिसर में सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी और आरपीएम कैसर इक़बाल के द्वारा संयुक्त रूप से विधिवत उद्घाटन किया गया।
इस अवसर पर आरपीएमयू से प्रियंका कुमारी और सपना कुमारी, डीपीएम सोरेंद्र कुमार दास, डीसीएम संजय कुमार दिनकर, डीयूएचसी दिलनवाज, एमओआईसी डॉ प्रतिभा कुमारी, यूनिसेफ के शिवशेखर आनंद, सिफार के धर्मेंद्र रस्तोगी, पीएसआई के अयाज अशरफी, प्रेम रंजन, जूही कुमारी सहित स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।

“छोटा परिवार -सुखी परिवार” की अवधारणा को अपनाने के लिए सिविल सर्जन ने की अपील:
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा कि पुरुष नसबंदी को लेकर समाज में कई तरह का भ्रम फैलाया जाता है। लेकिन इस भ्रम को तोड़ते हुए “छोटा परिवार सुखी परिवार” की अवधारणा को मूर्त रूप देने के लिए पुरुष वर्ग को आगे आने की आवश्यकता है। जिसको लेकर जिले के विभिन्न प्रखंडों में परिवार नियोजन से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम के तहत सारथी रथ के सहयोग से आशा कार्यकर्त्ता, महिलाएं व पुरुषों में बढ़ती जनसंख्या के कारण उत्पन्न समस्याओं से बचाव और सुरक्षित रहने के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

 

गर्भनिरोधक या स्वैच्छिक नसबंदी कर जनसंख्या वृद्धि को आसानी से रोकने में होगी सहूलियत: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने कहा कि बच्चों की संख्या और उनके जन्मों के बीच अंतराल को नियंत्रित करना, विशेष रूप से गर्भनिरोधक या स्वैच्छिक नसबंदी के माध्यम से आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए प्रजनन दर और धीमी जनसंख्या वृद्धि को कम करने के लिए हम सभी को जागरूक होने की आवश्यकता है। साथ ही वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अपने भविष्य की रूपरेखा तैयार कर आवश्यक क्रियाकलापों के संबंध में चिंतन करने के बाद ही परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा को संपादित किया जा सकता है।

 

नसबंदी कराने पर सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान:

– नसबंदी कराने वाले लाभार्थी को 3000 रुपए जबकि उत्प्रेरक को 400 रुपए।
– प्रसव के तुरंत बाद बंध्याकरण कराने पर लाभार्थी महिला को 3000 रुपए जबकि उत्प्रेरक को 400 रुपए।
– पीपीआईयूसीडी बंध्याकरण पर लाभार्थी को 2000 रुपए, एएनएम को 150 रुपए जबकि
आशा को 150 रुपए।
– प्रसव पश्चात कॉपर टी लगवाने पर 300 रुपए।
– गर्भपात के बाद कॉपर टी लगवाने पर लाभार्थी को 300 रुपए।
– अंतरा की प्रति सुई लगाने पर प्रत्येक लाभार्थी को 100 रुपए की प्रोत्साहन राशि विभाग के द्वारा दी जाती है।

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