लोगों की जागरूकता से ही खत्म होगा फाइलेरिया: स्वास्थ्य अपर निदेशक

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फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सीफार के सहयोग से हुआ मीडिया कार्यशाला का आयोजन:

जिले के लगभग 42.65 लाख लोगों को खिलाई जाएगी डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा: सिविल सर्जन

नेटवर्क सदस्यों ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और मीडिया कर्मियों के समक्ष व्यथा सुनाकर दवा खाने के लिए की अपील:

श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):

लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने और बचाव के प्रति जागरूक करने के लिए जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए 20 सितंबर से जिले में सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए) का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम के शत प्रतिशत सफल क्रियान्वयन के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सेंटर फॉर एडवोकेसी एण्ड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार में एक दिवसीय मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मीडियाकर्मियों को कार्यक्रम की जानकारी देते हुए मीडिया के माध्यम से लोगों को फाइलेरिया के प्रति जागरूक करने और सरकार द्वारा चलाए जा रहे सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम में भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की गई। इस अवसर पर आरएडी डॉ विजय कुमार, सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी, डीपीआरओ दिलीप सरकार, डीपीएम एसके दास, डीसीएम संजय दिनकर, डीपीसी डॉ सुधांशु शेखर, एपेडियोलॉजिस्ट नीरज कुमार निराला, डीवीबीडीसीओ डॉ आरपी मंडल, वीडीसीओ रविनंदन सिंह, डीवीबीडीसी सोनिया मंडल, डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय सलाहकार डॉ दिलीप कुमार, पिरामल स्वास्थ्य के डीपीओ चंदन कुमार, पीसीआई के डीसी राजीव झा, सीफार के डीपीसी धर्मेंद्र कुमार रस्तोगी, डीसी ज्योति प्रिया, अमन कुमार सहित नेटवर्क सदस्य उपस्थित थे।

 

लोगों की जागरूकता से ही खत्म होगा फाइलेरिया: स्वास्थ्य अपर निदेशक
कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक डॉ विजय कुमार ने कहा कि फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाला एक गंभीर संक्रामक बीमारी है। जिसे आमतौर पर हाथीपांव भी कहा जाता है। कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है। फाइलेरिया के प्रमुख लक्षण हाथ और पैर या हाइड्रोसील (अण्डकोष) में सूजन का होना होता है। प्रारंभिक अवस्था में इसकी पुष्टि होने के बाद जरूरी दवा सेवन से इसे रोका जा सकता है। इसके लिए लोगों में जागरूकता की आवश्यकता है। लोगों को फाइलेरिया के लिए जागरूक करने में मीडिया की सशक्त भूमिका होती है। कल से ही (20 सितंबर) सरकार द्वारा फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जिसमें आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सेविकाओं के द्वारा घर-घर जाकर अपने सामने दवा खिलायी जाएगी। लोगों को इस कार्यक्रम में भाग लेकर स्वयं और अपने परिवार को फाइलेरिया से सुरक्षित करना चाहिए।

 

जिले के लगभग 42.65 लाख लोगों को खिलाई जाएगी डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने कहा कि लोगों को फाइलेरिया संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए 20 सितंबर से ही आशा व आंगनबाड़ी सेविकाओं के द्वारा लोगों को घर-घर जाकर अपनी उपस्थिति में डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी। सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम के दौरान जिले में 42 लाख 64 हजार 480 लोगों को यह दवा खिलाई जाएगी। इसके लिए जिले में 181 भ्रमणशील टीम बनायी गयी है। इसकी निगरानी के लिए जिले में 178 पर्यवेक्षक लगाये गये हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 02 साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिला और गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों को दवा नहीं खिलाई जाएगी। इसके अलावा सभी लोगों को दवा खिलाई जानी है। जिसके लिए जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करा दी गई है।

इस प्रकार करना है फाइलेरिया उन्मूलन दवा का सेवन: डीवीबीडीसीओ
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ राजेंद्र प्रसाद मंडल ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में 02 वर्ष से 05 वर्ष के बच्चों को डीईसी तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली, 06 वर्ष से 14 वर्ष तक के लोगों को डीईसी की दो तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जाएगी। लोगों द्वारा अल्बेंडाजोल का सेवन आशा की उपस्थिति में चबाकर किया जाना है। सबसे अहम बात यह है कि 02 वर्ष से कम उम्र के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को कोई दवा नहीं खिलायी जानी है। कार्यक्रम में छूटे हुए घरों में आशा कर्मियों द्वारा पुनः भ्रमण कर दवा खिलाई जाएगी।

नेटवर्क सदस्यों ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और मीडिया कर्मियों के समक्ष अपनी व्यथा सुनाकर दवा खाने के लिए की अपील:
मीडिया कार्यशाला में उपस्थित नेटवर्क सदस्य व पूर्णिया पूर्व प्रखंड के बेलौरी गांव निवासी 45 वर्षीय सुबोध सिंह और के नगर प्रखंड के परोरा गांव निवासी 30 वर्षीय छोटू पासवान ने कई वर्षो से फाइलेरिया (हाथीपांव) जैसी बीमारी से ग्रसित होने से संबंधित अनुभव को स्वास्थ्य विभाग और मीडियाकर्मियों से साझा किया व मीडिया के माध्यम से अपील की। उन्होंने कहा कि कल से लेकर तीन दिनों तक बूथस्तर पर स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, प्रखंड मुख्यालय, थाना, मदरसा, गुरुद्वारा, पंचायत भवन सहित कई अन्य सामुदायिक और सार्वजनिक स्थलों पर दवा खिलाई जाएगी। इस दौरान आप सभी को बढ़चढ़ कर भाग लेकर खुद दवाई का सेवन तो करना ही है। साथ ही आप अपने परिवार, आसपास या सगे संबंधियों को दवा खाने के लिए प्रेरित करेंगे। ताकि फाइलेरिया जैसी बीमारी से बचाव और सुरक्षित रह सकें।

ध्यान रखने योग्य जानकारी:
– खाली पेट दवा का सेवन नहीं किया जाना है।
– दवा स्वास्थ्यकर्मियों के सामने ही खानी जरूरी है।
– अल्बेंडाजोल की गोली चबाकर खाई जानी है।
– फाइलेरिया से सुरक्षित रहने के लिए अपने घरों के आसपास गंदा पानी इकट्ठा न होने दें।
– सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।

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