उच्च शिक्षा के लिये श्रेयस छात्रवृत्ति योजना क्यों महत्वपूर्ण है?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

युवा अचीवर्स हेतु उच्च शिक्षा के लिये छात्रवृत्ति योजना (Scholarships for Higher Education for Young Achievers Scheme – SHREYAS) भारत में अनुसूचित जाति (SC) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुँच प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में भारत द्वारा किये गये के प्रयासों को प्रतिबिंबित करती रही है।

श्रेयस योजना:

  • परिचय:
    • यह सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत एक व्यापक योजना है।
    • इसका उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा तक पहुँच प्रदान करने के लिये फेलोशिप (वित्तीय सहायता) और विदेश में पढ़ाई के लिये शैक्षिक ऋण पर ब्याज सब्सिडी प्रदान करके अन्य पिछड़ा वर्ग तथा आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (EBC) के छात्रों का शैक्षिक सशक्तीकरण करना है।
  • उप-योजनाएँ:
    • “श्रेयस” की अम्ब्रेला योजना में 4 केंद्रीय क्षेत्र की उप-योजनाएँ शामिल हैं।
      • अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये निःशुल्क कोचिंग योजना:
        • उद्देश्य:
          • प्रतिस्पर्द्धी परीक्षाओं और तकनीकी तथा व्यावसायिक संस्थानों में नामांकन के लिये आर्थिक रूप से वंचित अनुसूचित जाति व अन्य पिछड़ा वर्ग को उच्च गुणवत्ता की कोचिंग प्रदान करना।
        • आय सीमा: योजना के तहत पारिवारिक आय 8 लाख प्रति वर्ष तय की गई है।
        • स्लॉट आवंटन: इसके लिए सालाना 3500 स्लॉट आवंटित किये जाते हैं।
        • लिंग समावेशिता: दोनों श्रेणियों में महिलाओं के लिये 30% स्लॉट आरक्षित हैं।
        • आवंटन अनुपात: SC: OBC अनुपात 70:30 है, जो समान पहुँच सुनिश्चित करता है।
        • परिणाम: वर्ष 2014-15 से वर्ष 2022-23 तक 19,995 लाभार्थियों को इसका लाभ मिला है।
  • अनुसूचित जाति(SC) के लिये सर्वोत्तम शिक्षा:
    • उद्देश्य12वीं कक्षा से आगे की पढ़ाई को कवर करते हुए, SC के छात्रों के बीच गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को पहचानना और बढ़ावा देना।
    • आय सीमा: पारिवारिक आय सीमा 8 लाख प्रति वर्ष निर्धारित है।
    • कवरेज: 266 उच्च शिक्षा संस्थान, जिनमें IIM, IIT और NIT जैसे प्रतिष्ठित संस्थान शामिल हैं।
    • छात्रवृत्ति: योजना के तहत शिक्षण शुल्क, वापस न किये जाने वाले शुल्क (Non-refundable charges), शैक्षणिक भत्ता और अन्य खर्च प्रदान किये जाते हैं।
    • परिणाम:
      • वर्ष 2014-15 से वर्ष 2022-23 तक 21,988 लाभार्थी इससे लाभान्वित हुए हैं।
  • अनुसूचित जाति के लिये राष्ट्रीय प्रवासी योजना:
    • उद्देश्य: अनुसूचित जाति के लिये राष्ट्रीय प्रवासी योजना के तहत, अनुसूचित जाति के चयनित छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है तथा गैर-अधिसूचित, घुमंतू एवं अर्द्ध-घुमंतू जनजातियों, भूमिहीन खेतिहर मज़दूरों व पारंपरिक कारीगर श्रेणी को विदेश में स्नातकोत्तर और पीएच.डी. स्‍तर के पाठ्यक्रम करने हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
    • पात्रता: एक छात्र के परिवार की कुल आय 8 लाख रुपये प्रति वर्ष से कम होनी चाहिये, जिनके पास पात्रता परीक्षा में 60% से अधिक अंक प्राप्त किया हो, उम्र 35 वर्ष से कम हो और जिन्होंने शीर्ष 500 QS रैंकिंग वाले विदेशी संस्थानों/विश्वविद्यालयों में प्रवेश लिया हो।
    • छात्रवृत्ति: योजना से लाभ प्राप्त लाभार्थियों को कुल शिक्षण शुल्क, रखरखाव और आकस्मिकता भत्ता, वीज़ा शुल्क, आने-जाने का हवाई मार्ग किराया आदि प्रदान किया जाता है।
    • परिणाम: वर्ष 2014-15 से वर्ष 2022-23 तक 950 विद्यार्थियों को इसका लाभ मिला है।
  • अनुसूचित जाति के छात्रों के लिये राष्ट्रीय फैलोशिप:
    • उद्देश्य: यह फेलोशिप विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा मान्यता प्राप्त भारतीय विश्वविद्यालयों/संस्थानों/कॉलेजों में विज्ञान, मानविकी और सामाजिक विज्ञान में एम.फिल/पीएच.डी. डिग्री करने वाले अनुसूचित जाति के छात्रों को सहायता प्रदान करती है।
    • पात्रता: वे उम्मीदवार जिन्होंने राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET-JRF) या विज्ञान स्ट्रीम में जूनियर रिसर्च फेलो के लिये UGC-काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (UGC-CSIR) संयुक्त परीक्षा उत्तीर्ण की है।
    • आवंटन: यह योजना प्रति वर्ष 2000 नए स्लॉट (विज्ञान स्ट्रीम के लिये 500 और मानविकी व सामाजिक विज्ञान के लिये 1500) प्रदान करती है।

भारत में अन्य शिक्षा योजनाएँ:

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