समस्तीपुर साइबर पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी:फिंगर प्रिंट स्कैन कर रुपए निकासी मामले में कार्रवाई
गिरोह का एक और सदस्य धराया
समस्तीपुर के बिजनेस्ट (Biznext) कम्पनी का AEPS के ID का फर्जी रूप से इस्तेमाल कर लोगों का डिजिटल फिंगरप्रिंट बनाकर उनके आधार नंबर के माध्यम से अवैध रूप से पैसे निकासी करने वाले गिरोह एक और सदस्य को जिला साइबर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जिसके पास से डिजिटल उपकरण के साथ ही रुपए गिनने वाली मशीन भी जब्त की गई है गिरफ्तार आरोपी जिले के रोसड़ा थाने के धर्मपुरा जाखड़ का रहने वाला रामअवतार महतो का पुत्र चंदन महतो उम्र 37 बताया गया है। इससे पूर्व पुलिस ने इसी गिरोह के रौशन कुमार को गिरफ्तार किया था।
गुरुवार शाम मुख्यालय डीएसपी अमित कुमार ने संवाददाता सम्मेलन में जानकारी देते हुए बताया कि चंदन कुमार के द्वारा लोगों का फिंगर प्रिंट को क्लेक्ट कर रुपये कि निकासी के लिये रौशन को दिया जाता था, जिस फिंगर प्रिंट के माध्यम से रौशन कुमार द्वारा अवैध रूप से लोगों को पैसा निकासी किया जाता था l अब तक इस गिरोह के द्वारा 20 से अधिक एकाउंट को खाली कर करीब दो लाख रुपए की की निकासी की गई है। डीएसपी ने बताया कि केस से बचने के लिए बदमाश खाते से छोटी राशि दो हजार से 10 हजार तक करते थे।
बदमाश के पास से एक काला एवं लाल रंग का सनडिक्स कम्पनी का पेनड्राईव। एक उजला रंग के मूट बक्सा में रखा कालारंग का केवल सहीत मास्टर नोट काउटिंग मशीन। एक उजला रंग का गोदरेज कम्पनी का होम लॉकर बॉक्स। एक काला रंग का अकर कंपनी का लैपटॉप । एक एंड्रॉयड मोबाइल बरामद की गई है। पुलिस के सामने चंदन ने रुपए निकासी कर बताया, संवाददाता सम्मेलन के दौरान चंदन ने फिंगर प्रिंट को स्कैन कर रुपए निकाली कर दिखाया।
सबसे अजीब बात यह थी कि जिस व्यक्ति के खाते से राशि निकासी की जाती थी उसके मोबाइल पर ओटीपी भी नहीं जाता था। और उनके एकाउंट से राशि भी गायब हो जाती थी।डीएसपी ने बताया कि चंदन के पास से लोगों को पैसा निकासी करने में उपयोग में लाये गये महत्त्वपूर्ण डिजिटल उपकरण जैसे बायोमैट्रिक मशीन, एक अंगूठा का बना मोहर को बरामद किया गया है। इस गिरोह में अन्य जो लोग शामिल हैं, जिनके गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
आरोपी चंदन कुमार के गिरफ्तारी के बाद इनके मोडस अपरेंडिस को समझने का प्रयास किया कि ये लोग घटनाक्रम को करते कैसे थे। आरोपी चंदन कुमार सीएसपी पर आये लोगों का फिंगर प्रिंट लेने के क्रम में उनको सेव करता था। फिर उस फिंगर प्रिंट को रोशन कुमार को देता था।एक तीसरा अपराधी चंदन कुमार को सॉफ्टवेयर प्रोवाइड किया जाता था जिसके माध्यम से चंदन कुमार इस घटना को अंजाम देता था। Biznext कम्पनी एक ऐसी कम्पनी है जिसके आईडी को ओटीपी से खोला जा सकता है। इसके लिये संचालक का फिंगर प्रिंट या अन्य किसी चीज की आवश्यकता नहीं होती हैं यह कम्पनी आरबीआई से अप्रूव नहीं है। इस कम्पनी को भी नोटिस भेजी जा रही है।
यह भी पढ़े
बिहार में IPS अनुसूइया रणसिंह को नागरिक सुरक्षा का उपनिदेशक बनाया,क्यों?
लैंड फॉर जॉब्स मामले में तीन अफसरों पर भी चलेगा मुकदमा
उच्च शिक्षा के लिये श्रेयस छात्रवृत्ति योजना क्यों महत्वपूर्ण है?
संविधान में समाजवादी और पंथनिरपेक्ष शब्दों पर बहस क्यों हो रही है?