उज्जैन के हैवानियत से आरोपी की गिरफ्तारी तक क्या हुआ?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में 15 साल की नाबालिग लड़की से दुष्कर्म की घटना सामने के बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया है। पीड़िता का इंदौर के एमटीएच अस्पताल में इलाज चल रहा है। बच्ची होश में आते ही अपनी मां को याद कर रही है। वहीं, यह मामला अब फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाएगा।

बताया जाता है कि बच्ची के निजी अंगों में लगी चोट काफी गंभीर है। अगर इलाज में थोड़ी और देरी हुई होती तो बच्ची की जान जा सकती थी। अस्पताल में भर्ती कराने के बाद उसका ऑपरेशन किया गया, जिसके बाद अब उसकी स्थिति में पहले की तुलना में सुधार है। हालांकि, वह अभी भी सदमे में हैं।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, उज्जैन में कुछ दिन पहले एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म हुआ। उसके प्राइवेट पार्ट से खून बह रहा था। वह मदद के लिए आठ किमी तक पैदल चली, लेकिन किसी ने भी उसकी मदद नहीं की। अंत में दांडी आश्रम पहुंचने के बाद वहां के एक पुजारी ने डायल 100 और महाकाल पुलिस स्टेशन को मामले की जानकारी दी, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, स्थिति नाजुक होने के चलते उसे इंदौर रेफर कर दिया गया।

मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस सक्रिय हो गई। एसपी ने तुरंत 28 सदस्यीय एसआइटी का गठन कर दिया। एसआइटी टीम ने 72 घंटे तक एक हजार से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिसके बाद आरोपी ऑटो ड्राइवर भरत सोनी को गिरफ्तार किया जा सका।

आरोपी ने कुबूला अपना जुर्म

पुलिस पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया। उसने कहा कि लड़की को अकेला देखकर वह सुनसान जगह पर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। वहीं, जब पुलिस आरोपी भरत को लेकर घटनास्थल पर पहुंची तो वह पुलिसकर्मियों पर पथराव करने लगा। इस दौरान दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए। हालांकि, बाद में एक गड्ढे में गिरने से आरोपी घायल हो गया, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

उज्जैन दुष्कर्म मामले में एसपी ने क्या कहा?

एसपी सचिन शर्मा के मुताबिक मामले की जानकारी 25 सितंबर की सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर महाकाल पुलिस स्टेशन में दी गई। पीड़िता वडनगर रोड पर मुरलीपुरा से आगे दांडी आश्रम के नजदीक पड़ी हुई थी। उसके कपड़े खून से सने हुए थे। वह ठीक से बात भी नहीं कर पा रही थी। बच्ची को आनन-फानन में उज्जैन के चरक अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन गंभीर हालत को देखते हुए उसे इंदौर रेफर कर दिया गया।

सतना की रहने वाली है बच्ची

बताया जाता है कि बच्ची सतना जिले की रहने वाली है। वह कक्षा आठ में पढ़ती है। वह 24 सितंबर को घर से यह कहकर निकली हुई थी कि वह कोई परीक्षा देने जा रही हैं। हालांकि, जब वह घर पर नहीं पहुंची तो 25 सितंबर को उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। यह भी कहा जाता है कि वह अकेले उज्जैन आई थी। यहां वह कुल पांच ऑटोचालकों के संपर्क में आई थी।आरोपी भरत सोनी को शुक्रवार को उज्जैन में विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे सात दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उसके खिलाफ आइपीसी की धारा 376 और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।

आरोपी भरत पर मारपीट और लापरवाही से वाहन चलाने के दो केस पहले से दर्ज हैं। पुलिस ने एक अन्य ऑटो चालक अमित मालवीय के खिलाफ भी कार्रवाई की है। उसके ऊपर घटना की जानकारी पुलिस को न देने का आरोप है।

जांच अधिकारी अजय वर्मा ने किया बड़ा एलान

जांच अधिकारी और महाकाल पुलिस स्टेशन के प्रभारी अजय वर्मा ने पीड़िता के इलाज, शिक्षा और शादी का खर्चा उठाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि मैं बच्ची को आगे के इलाज के लिए दूसरी अस्पताल में भर्ती कराऊंगा।भरत सोनी के पिता ने कहा कि अगर मेरा बेटा दोषी है तो उसे गोली मार देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब से हमें बेटे की करतूत के बारे में पता चला है, हमने रोटी नहीं खाई है। समझ में नहीं आ रहा कि क्या करूं? खुद को मार लूं या परिवार को मार दूं।

पीड़िता ने एफआइआर में कहा कि उसे वडनगर रोड पर उसके साथ एक व्यक्ति ने दुष्कर्म किया। इस दौरान मैंने चिल्लाने की कोशिश की तो मेरा मुंह और गला दबा दिया गया।पुलिस ने मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाने का फैसला किया है। इससे पीड़िता को जल्द न्याय मिल सकेगा। पुलिस एफएसएल और डीएनए टेस्ट भी कराएगी। कहा जा रहा है कि बच्ची मानसिक रूप से कमजोर है। इसलिए उसके बयान के लिए एक्सपर्ट की भी सहायता ली जाएगी।

पांच साल पहले इंदौर में भी सामने आया था ऐसा ही मामला

बता दें, इंदौर में भी पांच साल पहले 2018 में ऐसा ही मामला सामने आया था। उस दौरान अप्रैल में राजवाड़ा के पास सो रही पांच माह की बच्ची के साथ पहले हैवानियत की गई, फिर उसको बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया। इस मामले में 24 दिन के अंदर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई थी।

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