दुर्गा पूजा में प्रथम दिन Mata Shailputri माँ शैलपुत्री की कैसे होती है पूजा – मंत्र, प्रार्थना, कवच, आरती
Shailputri Mata – माँ दुर्गा के प्रथम स्वरुप माँ शैलपुत्री की स्तुति के लिए आज हम
शैलपुत्री मंत्र (Shailputri Mantra), शैलपुत्री माता प्रार्थना मंत्र (Shailputri Mata
Prarthna Mantra), शैलपुत्री माता कवच मंत्र (Shailputri Mata Kavach
Mantra), शैलपुत्री माता स्तुति मंत्र (Shailputri Mata Stuti Mantra), शैलपुत्री
स्तोत्र (Shailputri Stotra) तथा शैलपुत्री माता की आरती (Shailputri Mata Ki
Aarti) का प्रकाशन कर रहें हैं.
नवदुर्गाओं में शैलपुत्री माता को प्रथम नवदुर्गा मानी जाती है. नवरात्रि करने वाले साधक प्रथम दिन माँ शैलपुत्री की ही पूजा आराधना करतें हैं.
माँ शैलपुत्री देवी पार्वती का ही रूप है. पर्वतराज हिमालय के यहाँ माता ने जन्म लिया था. इस कारण से माता को शैलपुत्री के नाम से भी जाना जाता है.
आइये हम सब माँ शैलपुत्री की आराधना के लिए मंत्रों (Shailputri Mantra) का पाठ आरम्भ करतें हैं.
विषय सूची
Table of Contents
Shailputri Mantra – शैलपुत्री माता मंत्र
Shailputri Mata Stuti Mantra – माँ शैलपुत्री स्तुति मंत्र
शैलपुत्री माता प्रार्थना मंत्र
Shailputri Mata Dhyan Mantra – शैलपुत्री माता ध्यान मंत्र
Shailputri Stotra – शैलपुत्री स्तोत्रम्
Shailputri Mata Kavach Mantra – शैलपुत्री माता कवच मंत्र
शैलपुत्री माता की आरती – Aarti
शैलपुत्री माता से संबंद्धित कुछ जानकारी
Shailputri Mantra – शैलपुत्री माता मंत्र
माँ शैलपुत्री की आराधना और स्तुति के लिए सबसे प्रसिद्ध मंत्र यहाँ दिया हुआ है. इस मंत्र का 108 बार पाठ करना अत्यंत ही शुभ और मंगलकारी माना गया है.
सम्पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ माता शैलपुत्री के इस मंत्र का पाठ करें.
ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥
Shailputri Mata Stuti Mantra – माँ शैलपुत्री स्तुति मंत्र
माँ शैलपुत्री की स्तुति यहाँ दिए गए मंत्र के पाठ से करें. अपना सम्पूर्ण ध्यान माता के चरणों में लगाते हुए यहाँ दिए गये मंत्र का पाठ करें.
या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
शैलपुत्री माता प्रार्थना मंत्र
सम्पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ इस शैलपुत्री माता प्रार्थना मंत्र का पाठ करें.
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
Shailputri Mata Dhyan Mantra – शैलपुत्री माता ध्यान मंत्र
यहाँ हमने शैलपुत्री माता ध्यान मंत्र दिया हुआ है. सम्पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ ह्रदय से माँ शैलपुत्री माँ ध्यान करें और इस मंत्र का पाठ करें.
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
पूणेन्दु निभाम् गौरी मूलाधार स्थिताम् प्रथम दुर्गा त्रिनेत्राम्।
पटाम्बर परिधानां रत्नाकिरीटा नामालंकार भूषिता॥
प्रफुल्ल वन्दना पल्लवाधरां कान्त कपोलाम् तुगम् कुचाम्।
कमनीयां लावण्यां स्नेमुखी क्षीणमध्यां नितम्बनीम्॥
Shailputri Stotra – शैलपुत्री स्तोत्रम्
माँ शैलपुत्री की आराधना और स्तुति के लिए यहाँ दिए गये शैलपुत्री स्तोत्रम् का सम्पूर्ण ह्रदय से पाठ करें.
प्रथम दुर्गा त्वंहि भवसागरः तारणीम्।
धन ऐश्वर्य दायिनी शैलपुत्री प्रणमाम्यहम्॥
त्रिलोजननी त्वंहि परमानन्द प्रदीयमान्।
सौभाग्यरोग्य दायिनी शैलपुत्री प्रणमाम्यहम्॥
चराचरेश्वरी त्वंहि महामोह विनाशिनीं।
मुक्ति भुक्ति दायिनीं शैलपुत्री प्रणमाम्यहम्॥
Shailputri Mata Kavach Mantra – शैलपुत्री माता कवच मंत्र
शैलपुत्री माता कवच मंत्र हमने यहाँ दिया हुआ है. यह कवच मंत्र अत्यंत ही सिद्ध और शक्तिशाली मंत्र है. सम्पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ माता की आराधना के लिए शैलपुत्री माता कवच मंत्र का पाठ करें.
ॐकारः में शिरः पातु मूलाधार निवासिनी।
हींकारः पातु ललाटे बीजरूपा महेश्वरी॥
श्रींकार पातु वदने लावण्या महेश्वरी।
हुंकार पातु हृदयम् तारिणी शक्ति स्वघृत।
फट्कार पातु सर्वाङ्गे सर्व सिद्धि फलप्रदा॥
Brahmacharini Mata – ब्रह्मचारिणी माता मंत्र, स्तोत्रम्
शैलपुत्री माता की आरती – Aarti
पूजा आराधना के पश्चात शैलपुत्री माता की आरती करें.
|| शैलपुत्री माता की आरती ||
शैलपुत्री माँ बैल असवार।
करें देवता जय जय कार॥
शिव-शंकर की प्रिय भवानी।
तेरी महिमा किसी ने न जानी॥
पार्वती तू उमा कहलावें।
जो तुझे सुमिरे सो सुख पावें॥
रिद्धि सिद्धि परवान करें तू।
दया करें धनवान करें तू॥
सोमवार को शिव संग प्यारी।
आरती जिसने तेरी उतारी॥
उसकी सगरी आस पुजा दो।
सगरे दुःख तकलीफ मिटा दो॥
घी का सुन्दर दीप जला के।
गोला गरी का भोग लगा के॥
श्रद्धा भाव से मन्त्र जपायें।
प्रेम सहित फिर शीश झुकायें॥
जय गिरराज किशोरी अम्बे।
शिव मुख चन्द्र चकोरी अम्बे॥
मनोकामना पूर्ण कर दो।
चमन सदा सुख सम्पत्ति भर दो॥
शैलपुत्री माता से संबंद्धित कुछ जानकारी
माँ शैलपुत्री नवदुर्गा में प्रथम स्थान पर हैं.
पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इन्हें शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है.
शैलपुत्री माता माँ पार्वती का ही रूप है.
नवरात्रि के प्रथम दिन माँ शैलपुत्री की ही पूजा की जाती है.
माँ शैलपुत्री की आराधना करने वाले साधक का मन मूलाधार चक्र में स्थिर करना चाहिए.
शैलपुत्री माता की सवारी वृषभ है.
इन्हें वृषारूढा भी कहा जाता है.
इनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल सुशोभित है.
माँ शैलपुत्री का प्रभाव चन्द्र्मा पर है.
चन्द्र दोष के कारण होने वाले कष्टों से आगे कोई परेशान है तो उन्हें माँ शैलपुत्री की आराधना करने से चन्द्र दोष से मुक्ति मिल जाती है.
पूर्व जन्म में यही माता सती थी.
शैलपुत्री माता का विवाह भी शिव से ही हुआ.
शैलपुत्री माता की पूजा चमेली के पुष्प से करना अत्यंत ही शुभ माना जाता है.
नवरात्रि में किस दिन शैलपुत्री माता की पूजा की जाती है?
नवरात्रि के प्रथम दिन शैलपुत्री माता की पूजा की जाती है.
शैलपुत्री माता किस देवी का रूप मानी जाती है?
शैलपुत्री माता माँ पार्वती का ही रूप मानी जाती हैं.
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