क्या पत्रकारों को चीनी प्रोपेगैंडा फैलाने के लिए करोड़ों की विदेशी फंडिंग मिली?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
अहिंसा दिवस पर 2 अक्टूबर 2023 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के सीनियर अफसरों ने एक मीटिंग की। अगले दिन यानी 3 अक्टूबर को सुबह 6 बजे दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और मुंबई में न्यूजक्लिक से जुड़े पत्रकारों और एक्टिविस्ट्स के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी शुरू हो गई।
जिनके घर छापेमारी हुई उनमें अभिसार शर्मा, उर्मिलेश, परंजॉय गुहा ठाकुरता और भाषा सिंह जैसे वरिष्ठ पत्रकार भी शामिल हैं। छापेमारी के दौरान पुलिस ने पत्रकारों के मोबाइल, लैपटॉप और हार्ड डिस्क वगैरह जब्त कर लिए।न्यूजक्लिक एक ऑनलाइन न्यूज पोर्टल है, जिसमें देश और दुनिया की खबरें प्रकाशित होती हैं। इसे PPK न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी चलाती है। प्रबीर पुरकायस्थ ने 2009 में इस कंपनी की शुरुआत की थी। फिलहाल वही इसके एडिटर-इन-चीफ भी हैं।
3 साल पहले FIR और फिर ED की छापेमारी से शुरू हुई कहानी
दिल्ली पुलिस ने अगस्त 2020 में न्यूजक्लिक के खिलाफ FIR दर्ज की थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि वेबसाइट को वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स LLC नाम की अमेरिकी कंपनी से 9.59 करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मिला है। कहा गया कि जिस शेयर की कीमत 10 रुपए थी, उसे 11,510 रुपए प्रति शेयर की प्रीमियम कीमत पर खरीदा गया। वो भी उस वक्त जब न्यूजक्लिक कोई मुनाफा नहीं कमा रही थी। माना जाता है कि ऐसा इसलिए किया गया, ताकि भारतीय मीडिया संस्थानों में 26% FDI की ऊपरी सीमा से बचा जा सके।
इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने न्यूजक्लिक के दफ्तर, इससे जुड़े निदेशकों और शेयरधारकों के ठिकानों की तलाशी ली। ये कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट यानी PMLA के तहत की गई थी। सर्च के दौरान विदेशी करेंसी, कुछ डॉक्यूमेंट्स और डिजिटल साक्ष्य सीज किए गए।
ED की इन्वेस्टिगेशन में न्यूजक्लिक को 3 साल में 38.05 करोड़ रुपए के विदेशी फंड मिलने की बात सामने आई। न्यूजक्लिक को 9.59 करोड़ रुपए FDI के जरिए और 28.46 करोड़ रुपए सर्विसेज के एक्सपोर्ट के तौर पर मिले थे। साक्ष्यों की पड़ताल के बाद इस फंडिंग पर सवाल खड़े किए गए।
चीनी प्रोपेगैंडा के लिए न्यूजक्लिक को मिली करोड़ों की फंडिंग
अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने 5 अगस्त 2023 को एक इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट पब्लिश की। इसमें कहा गया कि अमेरिकी अरबपति नेविल रॉय सिंघम ने चीनी प्रोपेगैंडा को बढ़ावा देने के लिए दुनिया की कई संस्थाओं को पैसा दिया है। इनमें भारत की न्यूजक्लिक वेबसाइट भी शामिल है।
NYT के मुताबिक नेविल रॉय सिंघम सीधे तौर पर चीनी सरकार के निर्देशों पर काम नहीं करते। हालांकि, वो उन संस्थाओं के साथ जुड़े हैं, जो दुनिया में चीन की उपलब्धियां का बखान करती हैं। 69 साल के सिंघम चीन के शंघाई में बैठते हैं। वहां उनका नेटवर्क यूट्यब पर एक शो चलाता है। इसके लिए शंघाई का प्रोपेगैंडा विभाग भी कुछ पैसा देता है।
सिंघम के साथ मैसाचुसेट्स में एक थिंक टैंक, मैनहटन की संस्था, दक्षिण अफ्रीका में एक राजनीतिक दल, भारत और ब्राजील में न्यूज ऑर्गेनाइजेशन सहित कई ग्रुप जुड़े हैं। इनके पास अरबों डॉलर के साधन हैं।
17 अगस्त को न्यूजक्लिक के खिलाफ दर्ज हुआ UAPA का मुकदमा
7 अगस्त 2023 को बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में NYT की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कई पत्रकारों पर चीनी प्रोगेगैंडा फैलाने के आरोप लगाए। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी कहा कि नेविल रॉय सिंघम का सीधा संपर्क कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के एक प्रोपेगैंडा विंग के साथ है। सरकार लंबे वक्त से बता रही है कि न्यूजक्लिक प्रोपेगैंडा की एक खतरनाक वैश्विव चाल है।
इसके बाद 17 अगस्त 2023 को न्यूजक्लिक के खिलाफ अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट यानी UAPA और IPC की धारा 153ए (दो समुदायों के बीच शत्रुता बढ़ाना) और 120बी (क्रिमिनल कॉन्सिपिरेसी) के तहत केस दर्ज किया गया।
मंगलवार 3 अक्टूबर को इसी के आधार पर कार्रवाई की गई है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले से जुड़े कुल 46 लोगों से पूछताछ की। इनमें 37 पुरुष और 9 महिलाएं शामिल थीं। न्यूजक्लिक और इससे जुड़े पत्रकारों के 31 ठिकानों पर स्पेशल सेल ने तलाशी ली।
इसके अलावा दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। इसमें न्यूजक्लिक के फाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ और न्यूजक्लिक के HR अमित चक्रवर्ती शामिल हैं। उन्हें बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
आरोपों पर न्यूजक्लिक का पक्ष और पूछताछ में शामिल पत्रकारों के बयान
2021 में जब न्यूजक्लिक पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियमों के उल्लंघन का आरोप लगा, उस वक्त संस्थान ने कहा था कि मामला कोर्ट के सामने विचाराधीन है। न्यूज़क्लिक के मुताबिक, वो भारतीय कोर्ट में भरोसा करता है और भारतीय कानून के हिसाब से काम करता रहेगा। संस्थान ने उस वक्त ये भी कहा था कि दिल्ली हाई कोर्ट ने मौजूदा केस में न्यूजक्लिक के पक्ष में एक फैसला सुनाया और कंपनी के कई अधिकारियों को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी।
फरवरी 2021 में ED की छापेमारी के बाद न्यूजक्लिक ने कहा था कि उसके पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और कंपनी ने सभी कानूनी प्रक्रिया का पालन किया है। अगस्त 2023 में NYT की रिपोर्ट आने के बाद न्यूजक्लिक ने आरोपों पर कहा कि उनके खिलाफ कई तरह के झूठे और आधारहीन आरोप लगाए गए हैं।
पत्रकार अभिसार शर्मा ने एक वीडियो में कहा कि वो न्यूजक्लिक में न तो किसी पद पर थे और न ही कोई कर्मचारी थे। न्यूजक्लिक में वो बतौर कॉन्ट्रिब्यूटर काम करते थे। इसके लिए उन्हें हर महीने 2.35 लाख रुपए मिलते थे। न्यूजक्लिक के लिए वो ‘इंडिया की बात’ नाम का एक प्रोग्राम करते थे।
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