भोजपुरी साहित्यांगन प लागल, भोजपुरी के चउथा शब्दकोश : भोजपुरी-हिन्दी शब्दकोष ।
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
कहल जाला कि एगो भाषा के विकास खातिर जरुरी होला कि ओह भाषा के व्याकरण होखे, ओह भाषा के आपन शब्दकोश होखे आ ओह भाषा के लगातार प्रयोग होखे ।
भोजपुरी भाषा में भोजपुरी के पहिला व्याकरण सन् 1915 में लिखाइल रहे जवना के नाव रहे ‘ भोजपुरी ठेठ व्याकरण” आ एह किताब के रउवा सभ भोजपुरी साहित्यांगन प पढ सकेनी । एह के अलावा भोजपुरी में समय-समय प व्याकरण के किताब लिखइली स । कुछ किताब भोजपुरी साहित्यांगन प लागल बाड़ी स ।
4 अक्टूबर 2023 के, लगभग 20 हजार के करीब के भोजपुरी शब्दन के कोश जवनन के हिन्दी माने दिहल बा, भोजपुरी साहित्यांगन प अपलोड भइल बा । एह शब्दकोश के अलावा 3 गो अउरी शब्दकोश (फोटो देखीं) भोजपुरी साहित्यांगन प लागल बा ।
शब्दकोश के अब जवन 4 गो किताब बाड़ी स उ हई स –
1- भोजपुरी – हिन्दी शब्दकोश – पं, गणेश चौबे
2- भोजपुरी – हिन्दी कोश – प्रो. ब्रज बिहारी कुमार
3- भोजपुरी शब्द-संपदा – डॉ हरदेव बाहरी
4- भोजपुरी – हिन्दी शब्दकोश – डॉ अर्जुन तिवारी
एह में सबसे नया डॉ अर्जुन तिवारी वाला ‘भोजपुरी-हिन्दी शब्दकोश’ ह आ चारो में लगभग 14 हजार से 20 हजार के बीच में भोजपुरी के शब्द बाड़न स । एह के अलावा कुछ अउरी भोजपुरी शब्दकोश के किताब बाड़ी स, बाकिर अबहीं उ कुल्ह भोजपुरी साहित्यांगन प आइल नइखी स ।
एह चारो किताब के रउवा सभ भोजपुरी साहित्यांगन के एह लिंक प देख सकेनी – https://bhojpurisahityangan.com/tag/shabdkosh/
भोजपुरी के व्याकरण के किताब जोहत बानी त रउवा सभ के 12 गो किताब एह लिंक प मिल जाई – https://bhojpurisahityangan.com/tag/vyakaran/ ( एह में व्याकरण के किताब, तुलनाअत्मक अध्ययन से ले के मानक वर्तनी आदि से जुड़ल किताब बाड़ी स । )
अच्छा, हं, भोजपुरी के जवन सबसे पुरनकी व्याकरण के किताब ह ओकर नाव ह – भोजपुरी ठेठ भाषा व्याकरन – पं शिवदास ओझा
त दू गो काम त रउवा सभ के सोझा बा, पहिला व्याकरण के किताब, दुसरा शब्दकोश ! तीसरा काम यानि कि भोजपुरी भाषा के प्रयोग रउवा सभ के करे के बा । एह से निहोरा बा कि जतना हो सके, जतना संभव बा, रउवा सभ भोजपुरी में लिखीं । खास बात कि कोशिश होखे कि भोजपुरी में गद्य लिखाउ । साहित्य नइखे लिखे के, बस अपना मन में जवन बात आवे, जवन देखत बानी, जवन रउवा हिन्दी अंग्रेजी में लिखत बानी, ओहि के भोजपुरी में लिखीं ।
बस इहे कहे के रहल ह !
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