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हैजा के कारण और विश्व स्वास्थ्य संगठन

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साप्ताहिक महामारी विज्ञान रिकॉर्ड के अनुसार, विश्व में वर्ष 2022 में हैजा के मामले वर्ष 2021 की तुलना में दोगुने से भी अधिक दर्ज़ किये गए।

  • यह वृद्धि वर्ष 2030 तक वैश्विक हैजा से होने वाली मौतों को 90% तक कम करने के लिये वर्ष 2017 में निर्धारित WHO के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य के लिये एक बड़ी चुनौती प्रस्तुत करती है।

हैजा:

  • परिचय:
    • हैजा एक जल-जनित रोग है जो मुख्य रूप से बैक्टीरिया (जीवाणु) विब्रियो कॉलरी स्ट्रेन O1 और O139 के कारण होता है, जो विश्व में एक महत्त्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती है।
      • स्ट्रेन O1 प्रकोप का प्रमुख कारण है, O139 की घटनाएँ दुर्लभ हैं साथ ही एशिया तक ही सीमित हैं।
    • यह आंत के संक्रमण के कारण होने वाली एक तीव्र दस्त संबंधी बीमारी है।
    • संक्रमण अक्सर हल्का अथवा बिना लक्षण वाला होता है, लेकिन कभी-कभी गंभीर भी हो सकता है।
  • लक्षण:
    • अत्यधिक पानी जैसा दस्त, उल्टी, पैर में ऐंठन
  • संचरण:
    • किसी व्यक्ति को हैजा, दूषित जल पीने अथवा भोजन खाने से हो सकता है।
    • सीवेज एवं पेयजल के अपर्याप्त उपचार वाले क्षेत्रों में यह रोग तेज़ी से फैल सकता है।
  • टीका:
    • वर्तमान में तीन WHO पूर्व-योग्य ओरल हैजा वैक्सीन (OCV), डुकोरल, शांचोल और यूविचोल-प्लस हैं। पूर्ण सुरक्षा के लिये सभी तीन टीकों को दो खुराक की आवश्यकता होती है।

हैजा के मामलों में वृद्धि के ज़िम्मेदार कारक: 

  • कोविड महामारी प्रतिबंधों में कमी:
    • कोविड-19 महामारी प्रतिबंधों में कमी से हैजा का व्यापक प्रसार हुआ है। स्वास्थ्य से कमज़ोर आबादी की पर्याप्त देखभाल प्रदान करने में सीमित निवेश, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव एवं बढ़ते संघर्षों ने स्थिति को और भी अधिक गंभीर बना दिया है।
  • अपर्याप्त स्वच्छता:
    • हैजा संचरण और स्वच्छ जल और स्वच्छता सुविधाओं तक अपर्याप्त पहुंच के परिणामस्वरूप सहजीवी संबंध एक महत्त्वपूर्ण कारक है। विशेष रूप से विब्रियो कॉलेरी बैक्टीरिया कम लवणता वाले गर्म पानी में पनपते हैं, जलवायु परिवर्तन से प्रेरित बाढ़, हीटवेव, तीव्र मानसूनी बारिश, तूफान और लंबे समय तक गर्म अवधि के कारण स्थितियाँ तीव्र हो जाती हैं।
  • विब्रियो रोगजनकों और माइक्रोप्लास्टिक्स:
    • जून 2023 में फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के शोध के अनुसार, विब्रियो रोगजनकों में माइक्रोप्लास्टिक्स पर भी पनपने की एक अनूठी क्षमता होती है, जो संभावित रूप से समुद्र में भी इस वातावरण के अनुकूल हो जाते हैं।
    • विब्रियो बैक्टीरिया और माइक्रोप्लास्टिक्स के बीच यह अंतः क्रिया हैजा संचरण के एक अतिरिक्त आयाम का प्रतीक है, जिसके लिये आगामी जाँच और नीतिगत विचारों की आवश्यकता है।
  • जलवायु परिवर्तन और हैजा संचरण:
    • द लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ में वर्ष 2021 में प्रकाशित एक अध्ययन इस बात पर बल देता है कि जलवायु परिवर्तन किस प्रकार हैजा संबंधी चिंताओं को बढ़ा रहा है।
    • यह अनुमान लगाया गया था कि वर्ष 2100 तक वर्ष 1850 से 2014 तक के आंकड़ों की तुलना में 38,000 किमी. अधिक समुद्री क्षेत्र विब्रियो बैक्टीरिया के विकास के लिये अनुकूल हो जाएगा।

भौगोलिक वितरण और हैजा की प्रवृत्तियाँ:

  • हैजा के अधिकांश मामले लगातार अफ्रीका और एशिया से सामने आते हैं, यूरोप में छिटपुट रूप से “आयातित मामले” सामने आते हैं।
  • वर्ष 2022 में अफ्रीका में  हैजा की घटनाएँ वर्ष  2021 की तुलना में कम थीं, किसी भी देश ने सभी मामलों में 25% और सभी मौतों में से 30% से अधिक की रिपोर्ट नहीं की थी।
    • हालाँकि यह सुधार नाइजीरिया के अलावा अन्य देशों के मामलों और मौतों की तीन गुना वृद्धि के कारण स्पष्ट नहीं है, जहाँ वर्ष 2021 में गंभीर हैजा का प्रकोप देखा गया था।
  • बढ़ते मामलों का एक समान पैटर्न एशिया में देखा गया, विशेष रूप से लेबनान, सीरिया और अफगानिस्तान जैसे देशों में।

हैजा पर अंकुश लगाने के लिये पहलें: 

  • हैजा नियंत्रण पर एक वैश्विक रणनीति, हैजा को समाप्त करना: वर्ष 2030 तक एक वैश्विक रोडमैप, हैजा से होने वाली मौतों को 90% तक कम करने के लक्ष्य के साथ वर्ष 2017 में लॉन्च किया गया था।
  • हैजा नियंत्रण के लिये वैश्विक कार्य बल (GTFCC): WHO ने हैजा उन्मूलन में अपने कार्य को मज़बूत करने के लिये हैजा नियंत्रण के लिये वैश्विक कार्य बल (GTFCC) को पुनर्जीवित किया।
    • GTFCC का उद्देश्य हैजा को नियंत्रित करने के लिये साक्ष्य-आधारित रणनीतियों के बढ़ते कार्यान्वयन का समर्थन करना है।

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