धान की हाईब्रिड प्रजातियों में बैक्टीरियल बिमारीयों उच्चस्तरीय टीम ने किया निरीक्षण
श्रीनारद मीडिया, एम सावर्ण, भगवानपुर हाट ( सिवान ):
डॉ राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय की टीम ने शनिवार को जलवायु के अनुकूल खेती कार्यक्रम के तहत लगाए गए धान की हाइब्रिड प्रजाति के फसलों की जांच की । जांच टीम ने हाईब्रिड प्रजाति के धान में बैक्टीरियल बीमारियों के प्रकोप होने की बात कही । उच्चस्तरीय टीम के सदस्यों ने सिवान जिले के लकड़ी नबीगंज प्रखण्ड के भोपतपुर भरथिया पंचायत में भ्रमण किया तथा प्रभावित फसलों के प्रक्षेत्र को देखा। इसमें पाया गया कि दवाओं के छिड़काव के बाद बिमारियों नियंत्रित हो गई है।
केवीके की अध्यक्ष डॉ अनुराधा रंजन कुमारीं ने बताया कि धान की हाईब्रिड प्रजाति में पेनिकल ब्लाइट या ग्लूम ब्लाइट नामक बिमारी बहुत तेजी से फैल रही है। यह बीमारी बैक्टीरिया द्वारा फैलती है। धान में बाली निकलते समय वर्षा होने पर अधिक फैलती है। जिसके लिए कृषि विज्ञान केन्द्र की टीम ने अलग-अलग प्रक्षेत्रों से हाईब्रिड धान की फसलों से नमूना एकत्र कर डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा समस्तीपुर के प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया था ।
जहाँ उक्त बीमारी की पुष्टि की गई। इस बीमारी से बाली में भूरे रंग का धब्बा दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि किसानों को सलाह दी गई कि प्रभावित फसल पर कापर आक्सी क्लोराइड 2 ग्राम प्रति लीटर पानी और साथ में स्ट्रेप्टोसाइक्लिन 0.1 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से फसलों पर छिड़काव करें।
जांच टीम में परियोजना निदेशक सीआरए प्रोग्राम डॉ रत्नेश कुमार झा, कीट बैज्ञानिक डॉ मो. अब्बास अहमद , डॉ सी एच० चौधरी की एक उच्च स्तरीय टीम ने जांच किया और पाया कि दवा का छिड़काव के बाद रोग पर नियंत्रण है । जाँच टीम के साथ प्रक्षेत्र भ्रमण के दौरान केन्द्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक सह अध्यक्ष डॉ अनुराधा रंजन कुमारी, कृषि अभियंता कृष्णा बहादुर छेत्री, डॉ हर्षा बी आर, डॉ. नंदीशा सी वी, एसआरएफ शिवम चौबे आदि शामिल थे ।
यह भी पढ़े
अच्छे स्वास्थ्य, मानसिक शांति एवं समग्र विकास के लिये मुस्कान जरूरी है,क्यों?
पानापुर की खबरें : पानापुर के मुखियाओं ने अपना नया प्रखंड अध्यक्ष चुना
अमनौर कल्याण पंचायत में डीएम व एसपी के जन संवाद कार्यक्रम को लेकर तैयारी जोरों पर