“वह मेरे चेहरे तक अपनी नफरतें लाया तो था
मैंने उसके हाथ चुमे और बेबस कर दिया ”
बरसती बूंदों के बीच सजी तहजीब की शानदार महफिल
श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):
यूनिटी एंड पीस फाउंडेशन और लायंस क्लब, सीवान द्वारा आयोजित ऑल इंडिया मुशायरे में झूम उठे दर्शक
सीवान। शनिवार को रात्रि में यूनिटी एंड पीस फाउंडेशन और लायंस क्लब, सीवान द्वारा आयोजित एकता इंडोर स्टेडियम में आयोजित ऑल इंडिया मुशायरे के बीच बूंदे बरसती रही। लेकिन आयोजकों, दर्शकों, नामचीन शायरों के उत्साह ने मुशायरे को ऐतिहासिक बना दिया। स्थान बदलना पड़ा कुछ देर के लिए व्यवधान भी पड़ा लेकिन ऑल इंडिया मुशायरा बेहद सफल रहा। शायरों के तरानों पर लोग झूमते रहे। शायरी के हर अंदाज से लुत्फ, तहजीब और अदब की महफिल खूब शानदार तरीके से सजी। सबसे बड़ी बात यह रही कि स्थान परिवर्तन के बावजूद सीवान की जनता ने मुशायरे के प्रति बेहद उत्साह दिखाया, जिसकी तारीफ बाहर से आए नामचीन शायरों ने किया।
मुशायरे की शुरुआत एकता इंडोर स्टेडियम के लॉन में मुख्य अतिथि सीवान के पूर्व डीएम डॉक्टर एम अब्राहिमी के मुख्य आतिथ्य और बिहार प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी खुर्शीद अनवर सिद्दीकी के विशिष्ठ आतिथ्य, उस्ताद कमर सिवानी और साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता डॉक्टर जफर कमाली की मौजूदगी में दीप प्रज्जवलन से हुई। डॉक्टर अब्राहिमी ने अपने संबोधन में सीवान से जुड़ी यादों को ताजा किया और कहा कि मुशायरे जैसे आयोजन हमारे सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत बनाते हैं। कार्यक्रम के दौरान उनकी पुस्तक जंगे आजादी के मुस्लिम शोहदा का विमोचन भी किया गया ।निजामत कर रहे नदीम फर्रुख के संबोधन के दौरान ही मूसलाधार बारिश होने लगी जिससे मुशायरे के स्थान को परिवर्तित करना पड़ा और मुशायरा होटल सफायर इन में शुरू हुआ। जहां नामचीन शायरों ने समां बांध दिया और श्रोता लुत्फ के समंदर में गोते लगाने लगे।
ऑल इंडिया मुशायरे की सदारत कर रहे मशहूर शायर वसीम बरेलवी ने जब कहा कि
“वह मेरे चेहरे तक अपनी नफरतें लाया तो था
मैंने उसके हाथ चूमे और बेबस कर दिया ”
“रात को वक्त दिया जाए गुजरने के लिए, आपकी मर्जी से सूरज तो नहीं निकलेगा।”
हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। मशहूर शायर हाशिम फिरोजाबादी के शेर
” और क्या चाहिए इस वतन के लिए,
ये तिरंगा बहुत है कफन के लिए,”
पर श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठे। शायरा शबीना अदीब के गजल
“तुम जहां हो मैं वही हूं तुम समझते क्यों नहीं
मैं अकेले कुछ नहीं हूं तुम समझते क्यों नहीं ”
” जो खानदानी रईस है वो रखते हैं मिजाज नर्म अपना,
तुम्हारा लहजा बता रहा है तुम्हारी दौलत नई नई है”
पर पूरे मुशायरे में उमंग की बयार बह गई। इसके अलावा सीवान के अंतराष्ट्रीय स्तर पर मशहूर शायर सुनील कुमार तंग, जौहर कानपुरी, अजहर इकबाल ने जहां अपने शायरी से समां बांधा वहीं जॉनी फोस्टर, जहाज देवबंदी, अरमान राजा बलरामपुरी ने श्रोताओं को उमंग से सराबोर कर दिया। शायरा सोशल मीडिया की सनसनी हिमांशी बाबरा, चांदनी शबनम, नूरी परवीन के तरानों पर मुशायरे में रूमानी उमंग उत्पन्न हुई।
धन्यवाद ज्ञापन संयोजक डॉक्टर अमजद खान ने दिया। आयोजक समिति के सदस्य डॉक्टर एमडी शादाब, डॉक्टर शाहनवाज आलम, रूपेश कुमार, डॉक्टर मशरूर आलम, डॉक्टर के एहतेशाम अहमद, खालिद हुसैन, गणेश दत्त पाठक व्यवस्थाओं की देख रेख करते रहे। इस अवसर पर कमर कांग्रेस जिलाध्यक्ष विधू शेखर पांडेय, शिवधारी दुबे, डॉक्टर शरद चौधरी, डॉक्टर रामेश्वर कुमार, डॉक्टर असगर अली, जाहिद सिवानी, अबरार शेख, हामिद अली आदि सैकड़ों शहर के प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।
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