शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये डा.नम्रता आनंद को शिक्षक दर्पण परिवार ने किया सम्मानित
श्रीनारद मीडिया, पटना (बिहार):
राजकीय-राष्ट्रीय सम्मान से अंलकृत शिक्षका डा. नम्रता आनंद को शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये शिक्षक दर्पण परिवार ने सम्मानित किया है।
विश्व शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले देश के 101 शिक्षकों को शिक्षक दर्पण परिवार ने सम्मानित किया है।
डॉ नम्रता आनंद को इस सम्मान से सम्मानित किया गया है।यह सम्मान उन्हें ऑनलाइन दिया गया है। डा. नम्रता आनंद ने कहा कि शिक्षक हमारे मार्गदर्शक और हमारे व्यक्तित्व के निर्माता होते हैं। शिक्षकों का हमारे जीवन में अमूल्य योगदान है. शिक्षकों के बिना मानव जीवन सार्थक नहीं है। हर किसी के जीवन में एक गुरु या शिक्षक का होना बेहद आवश्यक है. इसलिए हम सभी को सदा शिक्षकों का मान-सम्मान करना चाहिए और उनकी बातों पर अमल करना चाहिए
विश्व शिक्षक दिवस के अवसर पर सम्मान मिलना मेरे लिये लिये गौरव की बात है। उन्होंने इस सम्मान के लिये शिक्षक दर्पण परिवार के संस्थापक मोहम्मद नुरूल होदा का शुक्रिया अदा किया है।
शिक्षक दर्पण परिवार के संस्थापक मोहम्मद नुरूल होदा ने बताया कि विश्व शिक्षक दिवस के अवसर पर देश के वैसे शिक्षकों को सम्मानित किया गया है जो गतिविधियों एवं नवाचारों के माध्यम से शिक्षा देकर बच्चों का बौद्धिक विकास कर रहे हैं।
इसका उद्देश्य शिक्षकों को सम्मानित कर उन्हें और बेहतर करने के लिए उनका उत्साहवर्धन करना तथा अन्य शिक्षकों को भी बेहतर शिक्षण कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करना है। सम्मानित होने वाले शिक्षकों में सुषमा कुमारी – जम्मू , उम्मुलवरा – बुन्दी, राजस्थान, पल्लवी शर्मा – उत्तर प्रदेश, अर्चना शर्मा – छत्तीसगढ़, मोहम्मद ओसामा – उड़ीसा , बलविंदर कौर – पंजाब , अल्का यादव – हरियाणा,
शाहीन सुल्ताना – कर्नाटक,प्रेम सखी कुमारी – मुंगेर बिहार, वैष्णवी मिश्रा – गोपालगंज बिहार, समी अहमद – पूर्वी चम्पारण बिहार , पुनीता वर्मा – सीतामढ़ी बिहार सहित कुल 101 शिक्षकों को सम्मानित किया गया है। मोहम्मद होदा ने बताया कि भविष्य में ऑफलाइन सम्मान समारोह भी आयोजित किया जाएगा। विदित हो कि शिक्षक दर्पण सोशल मीडिया पर सरकारी शिक्षकों को एक बेहतर मंच प्रदान कर रहा है और लगातार सरकारी शिक्षा के बेहतरी के लिए कार्य कर रही है।
यह भी पढ़े
प्रत्युत्तर, मेरी आत्मा की सच्ची अभिव्यक्ति नहीं, केवल और केवल प्रेमाभक्ति का प्रस्तुतीकरण है.कैसे?
हाई स्कूल के छात्राओं ने साइकिल रैली निकाल बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ को लेकर लोगो को जागरूक किया
पाँच सूत्री मांगो को लेकर आंगनबाडी सेविकाओं और सहायिकाओ ने किया धरना
बालिकाओं के अस्तित्व एवं अस्मिता के लिये जागरूकता आवश्यक हैं,क्यों?