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भारत का विभाजन को ऐतिहासिक गलती रहा-असदुद्दीन ओवैसी

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को कहा कि भारत का विभाजन कभी नहीं होना चाहिए था और इसे ‘ऐतिहासिक गलती’ बताया। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, हैदराबाद लोकसभा सांसद ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से यह एक देश था और दुर्भाग्य से यह विभाजित हो गया, जो नहीं होना चाहिए था।

उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक रूप से, यह एक देश था और दुर्भाग्य से यह विभाजित हो गया। ऐसा नहीं होना चाहिए था। मैं तो यही कह सकता हूं. लेकिन आप चाहें तो एक बहस का आयोजन करें और मैं आपको बताऊंगा कि इस देश के विभाजन के लिए कौन जिम्मेदार है। उस समय जो ऐतिहासिक गलती हुई थी, उसका एक पंक्ति में जवाब मैं नहीं दे सकता।

ओवैसी ने कहा कि इस देश का बंटवारा नहीं होना चाहिए था। वह गलत था। उस समय वहां जितने भी नेता थे, वे सभी (विभाजन के लिए) जिम्मेदार थे। अगर आप मौलाना अबुल कलाम आजाद की किताब ‘इंडिया विंस फ्रीडम’ पढ़ते हैं तो मौलाना आजाद ने तब सभी कांग्रेस नेताओं से अनुरोध किया था कि देश का बंटवारा नहीं होना चाहिए। तेलंगाना में पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ रही है, इस बारे में पूछे जाने पर एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी कहते हैं, “अभी समय है। हम आपको बताएंगे कि सीटों की संख्या कितनी है, हम जनता को बताएंगे।”

असदुद्दीन ओवैसी कहते हैं, “लोगों को भरोसा है कि उन्होंने (सीएम केसीआर) 9 साल में किसानों के लिए काम किया है। उन्होंने किसानों के लिए बीमा पहल शुरू की थी जिसे पीएम मोदी ने कॉपी किया था। इसलिए, यह एक बड़ा विश्वास कारक है… मुझे लगता है कि जनता केसीआर को तीसरी बार सीएम चुनेंगे। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) आगामी विधानसभा चुनावों में लगातार तीसरी जीत का लक्ष्य बना रही है, और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के भी एक मजबूत दावेदार होने की उम्मीद है.

दुर्भाग्य से यह विभाजित हो गया, यह नहीं होना चाहिए था’ ओवैसी ने कहा है, ‘ऐतिहासिक रूप से यह एक देश था, लेकिन दुर्भाग्य से यह विभाजित हो गया…..यह नहीं होना चाहिए था। मैं तो यही कह सकता हूं।’ दरअसल, वे यूपी के समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की एक कथित टिप्पणी को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे। इसके मुताबिक मौर्य ने कथित तौर पर दावा किया है कि पाकिस्तान का निर्माण हिंदू महासभा की मांग पर हुआ था, न कि मोहम्मद अली जिन्ना की मांग पर।

ओवैसी किसे ठहरा रहे हैं विभाजन का कसूरवार?
हैदराबाद के एमपी के मुताबिक, ‘देश का विभाजन नहीं होना चाहिए था। वह गलत था। उस समय जो भी नेता थे, वे सभी जिम्मेदार (विभाजन के लिए) थे। अगर आप मौलाना अबुल कलाम आजाद की किताब ‘इंडिया विंस फ्रीडम’ पढ़ेंगे तो मौलाना आजाद ने कांग्रेस के सभी नेताओं से तब अनुरोध किया था कि देश को नहीं बांटा जाना चाहिए।’

ओवैसी ने यहां तक भी दावा किया कि उस समय के मुस्लिम विद्वानों ने भी द्वि-राष्ट्र सिद्धांत का विरोध किया था। गौरतलब है कि देश का विभाजन पाकिस्तान के संस्थापक जिन्ना की मांग पर हुआ था। भाजपा और आरएसएस ने भी हमेशा से भारत के विभाजन पर सवाल उठाया है और इसके लिए उस समय के कांग्रेस नेताओं को जिम्मेदार बताया है। इसके लिए खास तौर पर पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू उसके निशाने पर रहे हैं।

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