धू-धू कर जला रावण, बुराई के प्रतीक का अंत
श्री नारद मीडिया अरविन्द रजक पंचदेवरी
पंचदेवरी में जल रहा रावण का पुतला
पंचदेवरी, एक संवाददाता । न्याय की अन्याय पर, सदाचार की दुराचार पर, धर्म की अधर्म पर, गर्व की अहंकार पर, अच्छाई की बुराई पर, सत्य की असत्य पर और अंधकार पर उजाले के विजय का प्रतीक विजय दशमी का पर्व मंगलवार को हर्षोल्लास मनाया गया। इस दौरन पंचदेवरी बाजार में रावण का पुतला दहन किया गया। भगवान श्रीराम ने जैसे ही रावण के पुतला में आग लगाई पूरा पंचदेवरी जय श्रीराम के जयकारे से गूंज उठा। इसके पूर्व राम-रावण के भयंकर युद्ध का भी दर्शकों ने आनंद उठाया। भोरे रोड में इमिलियां के पास दशहरा उत्सव के दौरान 45 फुट ऊंचा रावण का पुतला 15 सैकंड में जलकर राख हो गया। देर रात 9 : 30 बजे पुतले को आग लगाते ही आतिशी धमाके गूंज उठे। शोरगरों ने आतिशी नजारे पेश किए। आसमान में सतरंगी आतिशी नजारे बिखरने लगे। पुतला दहन आतिशबाजी देखने के लिए भोरे रोड में हजारों लोग एकत्र हुए। पुतला दहन के दौरान भारी पुलिस का जात्था तैनात किया गया था। कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही लोग जाकर जम गए। पुतले को आग लगाते ही शोर शराबा होने लगा। दर्शकों ने पुतला दहन आतिशबाजी का जमकर आनंद लिया। पुतला दहन देखने के लिए आस पास के मकानों की छतों पर भी लोगों की भीड़ रही। दहन से पूर्व राम रावण संवाद में कलाकारों की संवाद अदायगी ने लोगों को प्रभावित किया। राम रावण युद्ध के दौरान लोग जोश में आकर जयकारे लगाने लगे। कुंभकर्ण मेघनाद वध का मंचन भी हुआ। इससे पूर्व शाम 6 : 30 बजे से पहले भगवान श्रीराम का रथ पंचदेवरी बाजार में घुमाया गया ।