बिहार के स्कूलों से बच्चों के नाम काटे जाने पर भड़के राज्यपाल,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
नालंदा खुला विश्वविद्यालय में आयोजित इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन एक्सप्लोरिंग एक्सीलेंस इन मैथमेटिकल साइंसेज (आसीईईएमएस – 2023) का उद्घाटन राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने किया. इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि गणित अच्छा विषय है. इसके बिना कोई काम नहीं हो सकता है.
चांसलर होने के नाते उन्होंने देश और दुनिया के विभिन्न विश्वविद्यालय से कॉन्फ्रेंस में शामिल गणितज्ञों का स्वागत करते हुए कहा कि विषय और स्थान (नालंदा) दोनों में आकर्षण है. यह सम्मेलन वास्तविक रूप में विद्वतजनों का सम्मेलन है. इसके साथ ही उन्होंने राज्य के सरकारी स्कूलों से बच्चों के नाम काटे जाने पर भी नाराजगी जाहिर की.
छात्र- छात्राओं का स्कूल- काॅलेज से नाम काटना समाधान नहीं
किसी का नाम लिए बगैर राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा छात्र-छात्राओं को लाखों की संख्या में स्कूलों से बाहर किया जा रहा है. शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारी इस कार्य को लेकर अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. लेकिन यह ठीक नहीं है. बच्चे किन कारणों से स्कूल नहीं आते हैं. इसे जानने और समझने की जरूरत है.
नियमित स्कूल नहीं आने वाले बच्चों के अभिभावकों से शिक्षकों को वार्ता करनी चाहिए. शिक्षकों को उनके घर जाकर बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रेरित करनी चाहिए. पदाधिकारी को बच्चों का स्कूल- काॅलेज से नाम काटने और घर भेजने का नैतिक अधिकार नहीं है.
गणित के बारे में मुझे भी डर है : राज्यपाल
गणित विषयों में रुचि रखने वालों को एकत्रित करना आसान नहीं है. लेकिन आयोजकों ने ऐसा कर दिखाया है. उन्होंने कहा गणित के बारे में मुझे भी डर है, लेकिन आज पहली बार लग रहा है कि गणित कठिन नहीं, बल्कि सरल है. जन्म से ही गणित का संबंध है. जब से जीवन की यात्रा आरंभ होती है, तब से गणित आरंभ होता है. बचपन में मां अंगुली पकड़ कर चलने के लिए सिखाती हैं और कहती है एक कदम और एक कदम और.
यह भी गणित का हिस्सा है. अर्थात 1, 2 , 3 की गिनती हम बचपन से ही सीखने लगते हैं. विद्यार्थियों के मन में गणित कठिन होने का डर समाया हुआ है. उसे बाहर निकालने के लिए गणितज्ञों को समाधान ढूंढना चाहिए. जब सामान्य छात्र-छात्राओं के दिल और दिमाग से गणित का डर निकल जाएगा, तो गणित मित्र बन जाएगा.
वैदिक गणित पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाना चाहिए : राज्यपाल
कुलाधिपति ने विज्ञान से गणित को जोड़कर सरल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने वैदिक गणित की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसे पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाना चाहिए. इस दिशा में उनके द्वारा प्रयास किया जाएगा. इंडियन मैथमेटिकल सोसायटी के अध्यक्ष पद्मश्री प्रो आर बालासुब्रमण्यम ने संख्या पद्धति पर की नोट ऐड्रेस किया. इन्होंने कहा कि गणित को सीखने के लिए पैशन, प्रैक्टिकल एवं परफॉर्मेंस की आवश्यकता है.
नालंदा की शिक्षा परंपरा अद्भुत
नालंदा खुला विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो कृष्णचंद्र सिन्हा ने आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि नालंदा की शिक्षा परंपरा अद्भुत रही है. नालंदा के गौरवशाली ज्ञान परंपरा के कारण ही भारत को विश्व गुरु की संज्ञा दी गई है. नालंदा में आयोजित इस तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस में गणित के अनछुए रहस्यों का उद्घाटन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि वैदिक गणित में बहुत रहस्य छिपे हैं.
गणित का आधार अंकगणित
भागलपुर के प्रो डी एन सिंह ने कहा कि गणित का आधार अंकगणित फरवरी महीने में बिहार मैथमेटिकल समिति का प्रांतीय सम्मेलन होने वाला है इसका स्थल का चयन होना भी बाकी है . उन्होंने कहा कि गणित के बिना कोई काम नहीं हो सकता है . जीवन में गणित का स्थान काफी महत्व पूर्ण है . कुछ लोगों के द्वारा छात्र-छात्राओं के बीच गणित का फोबिया फैलाया जा रहा है गणित से उन्हें दूर रखने का प्रयास किया जा रहा है. वह गलत है.
गणित कठिन नहीं बल्कि सरल है .इसे केवल समझने की जरूरत है . गणित त्रिकोण है. तीनों को जब मिल जाते हैं तब त्रिभुज बन जाता है. इस तरह से गणित है . जब छात्र अध्यापक और अभिभावक तीनों मिलेंगे तो गणित सरल नहीं सरलतम हो जाएंगे. बिहार मैथमेटिकल सोसायटी के महासचिव प्रो डीएन सिंह ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना सभी का दायित्व है. कॉन्फ्रेंस के आयोजन सचिव डॉ विजय कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि राज्यपाल के मार्गदर्शन में बिहार में नई शिक्षा नीति को धरातल पर उतर जा रहा है.